




द खबर एक्सप्रेस 25 सितंबर 2023। आगामी विधानसभा चुनाव के बस अब कुछ ही महीने बाकी है और श्रीडूंगरगढ़ तहसील से कर्मचारियों का और वह भी बड़े स्तर के अधिकारियों का तबादला किसी बड़े राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा निश्चित रूप से कर रहा है। अभी देखो कि पिछले कुछ महीनों पहले पंचायत समिति के ब्लॉक विकास अधिकारी रामचंद्र जाट का जब तबादला हुआ तब उन्होंने स्टे लाकर खुद को सीट पर काबिज रखना पड़ा। आपको बता देते है कि रामचंद्र जाट कांग्रेस के कद्दावर नेता और तीन बार विधायकी कर चुके मंगलाराम गोदारा के नजदीकी और पसंद के अधिकारी है। अब वापिस जब रामचन्द्र जाट का ना सिर्फ तबादला हुआ है बल्कि उन्हें उनके मूल पद शिक्षा विभाग में भेज दिया गया है और उनकी जगह भोमसिंह इंदा को बीडीओ के पद पर लगाया गया है। चुनाव के तुरन्त पहले इस तरीके से कांग्रेस के पूर्व विधायक और इस बार वापिस कांग्रेस की तरफ से विधायक की दावेदारी जता रहे गोदारा के पसंदीदा अधिकारी को ऐसे हटा दिया जाना पूरे क्षेत्र में सियासी हलचल मचा चुका है। शायद पाठकों को बीडीओ के स्थानांतरण की बात तो पता चल चुकी है परन्तु आपको बता देते हैं कि यह बात सिर्फ यहां तक सीमित नहीं है, इससे पहले पालिका में लेखाकार के पद पर नियुक्त रविशंकर जोगी को हटाया गया जो गोदारा खेमे के नही माने जाते है। लेकिन वर्तमान विधायक की मजबूती देखने को मिल रही है कि उस पद पर नियुक्त ओमप्रकाश गोदारा को पालिका में जॉइनिंग तक नहीं होने दी। इन दोनों स्थितियों में वर्तमान विधायक मजबूत दिख रहे हैं और पूर्व विधायक जो कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी नजदीकी माने जाते थे उनका जयपुर में डंका बजता कम दिख रहा है। अंदरखाने से खबर यह भी सुनने को आ रही है कि श्रीडूंगरगढ़ में कांग्रेस और माकपा समझौता सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। अगर ऐसा हुआ तो पूर्व विधायक की दावेदारी पर संकट के बादल साफ मंडराते दिख रहे हैं। वही कांग्रेस बेल्ट रहा यह क्षेत्र कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी कशमकश में डालने वाला रहेगा।

