



द खबर एक्सप्रेस 22 सितंबर 2023। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे परिवर्तन संकल्प यात्रा से दूरी बनाए हुए है। सियासी जानकार इसे वसुंधरा राजे की नाराजगी से जोड़कर देख रहे है। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे को इस सवाल का जवाब नहीं मिल रहा था कि इन चुनावों में उनकी क्या भूमिका होगी। इसके बाद जब यात्रा शुरू हुई, तो वे जोर-शोर से शामिल हुईं। उन्होंने शुरुआत के दौरान दिल्ली से आए नेताओं से उनकी भूमिका लेकर फिर सवाल किए, लेकिन कहीं कोई संकेत या जवाब नहीं मिला। इस कारण से राजे नाराज चल रही हैं।
वसुंधरा राजे की बहू बीमार
वसुंधरा राजे यात्रा के पहले दिन राजे सवाई माधोपुर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ थीं। इसके बाद 4 सितंबर को हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ भी दिखीं, लेकिन उसके बाद से ही वसुंधरा राजे इन यात्राओं से दूर हैं। वसुंधरा राजे दिल्ली बताई जा रही हैं। वसुंधरा राजे कैंप से जुड़े नेताओं का कहना है कि राजे की बहू निहारिका दिल्ली में फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें कैंसर है, जो फोर्थ स्टेज पर पहुंच चुका है, इस कारण वह गंभीर रूप से बीमार हैं। राजे दिल्ली में ही अपनी बहू की देखरेख कर रही हैं।
झालावाड़ से भी रही दूर
झालावाड़ से वसुंधरा राजे कई बार सांसद का चुनाव जीती है। झालारापटन से विधायक है। परिवर्तन संकल्प यात्रा झालावड़ पहुंची लेकिन वसुंधरा राजे को सूचना दी गई, जिससे कि वह यात्रा में शामिल हो सके लेकिन वह शामिल नही हुई। राजे इसी नाराजगी के चलते अपने गृह जिले झालावाड़ तक में इस यात्रा में शरीक नहीं हुईं। चर्चा है कि 20 साल में पहली बार वसुंधरा राजे यात्रा में शामिल नहीं हुई है। इससे पहले राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में परिवर्तन यात्राएं निकाली गई थीं। इसी यात्रा में शामिल होने आए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी राजे की अनुपस्थिति पर सवाल पूछे गए। इससे पहले 15 सितंबर को नागौर की यात्रा के दौरान प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से भी राजे की यात्राओं में गैरमौजूदगी को लेकर सवाल पूछे थे। तब उन्होंने पार्टी में गुटबाजी की अटकलों से इनकार करते हुए कहा था कि राजे जल्द नजर आएंगी।
वसुंधरा को भूमिका मिलने का इंतजार
वसुंधरा राजे समर्थकों को आस थी कि पार्टी में कोई भूमिका मिलेगी, लेकिन निराश हुए है। वसुंधरा समर्थकों का धैर्य टूट गया। वसुंधरा राजे के समर्थक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की बयानबाजी और उनके सस्पेंड करने का प्रकरण भी पिछले दिनों जमकर छाया रहा। मेघवाल ने साफ कहा कि वह वसुंधरा राजे समर्थक है। वसुंधरा राजे के साइड लाइन किया जा रहा है। यह ठीक नहीं है। दूसरे दलों से आए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। मेघवाल का यह बयान देना कि वसुंधरा खेमे की अनदेखी की जा रही है, चर्चा में है, जो पार्टी को अखर गया। इस बयान से पहले भी राजे को नजरअंदाज करने की बातें पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं व जनता के बीच चर्चाओं में थी। अब तो राजे की भूमिका को लेकर सभी के मन में सवाल और तेज उठने लग गए हैं।

