



द खबर एक्सप्रेस 26 अगस्त 2023। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अपराधों की रोकथाम और उनके विरुद्ध रेस्पॉन्स देने में राजस्थान पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा लगभग सभी आपराधिक घटनाओं का खुलासा कर अपराधियों को पकड़ा जा रहा है और न्यूनतम समय में उनको सजा दी जा रही है। सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था मजबूत बनाए रखने व चुनौतियों से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास व नवाचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था सुचारू रखने और पीड़ितों को न्याय दिलवाने की जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर है। अपराधियों के साथ संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है। मिशन-2030 के तहत वर्ष 2030 तक के लिए पुलिस विभाग का रोडमैप तैयार किया जाएगा।
कानून-व्यवस्था की समीक्षा की
मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि साम्प्रदायिक तनाव फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक तनाव फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता यह है कि अपराधियों को ऐसे अपराध करने का मौका ही नहीं मिलना चाहिए। पुलिस को आदर्श वाक्य ‘आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय’ को चरितार्थ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए नवाचारों को प्रतिबद्धता से लागू करना होगा। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक अभय कमाण्ड के तहत पूरे प्रदेश में 3 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जिससे सघन निगरानी की जा सकेगी।इस दौरान मुख्यमंत्री ने 100 फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
अनुसंधान में लगने वाले समय मे भी कमी आई है…
समीक्षा बैठक में ये बताया गया कि अनुसंधान में लगने वाले औसत समय में निरन्तर कमी आ रही है। दुष्कर्म मामलो में औसत अनुसंधान समय वर्ष 2017 में 208 दिन से घटकर अब 59 दिन रह गया है। एससी- एसटी मामलों में वर्ष 2019 में 128 दिन से घटकर अब 65 दिन रह गया है। महिला अत्याचार प्रकरणों में 45.2 प्रतिशत सजा दर के साथ राजस्थान देश का अग्रणी राज्य है। इन प्रकरणों में सजा दर का राष्ट्रीय औसत मात्र 26.5 प्रतिशत है। पॉक्सो मामलों में 13 लोगों को फांसी की सजा दी जा चुकी है। महिलाओं के साथ मनचलों द्वारा छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए ऑपरेशन गरिमा संचालित किया जा रहा है।
संगठित अपराधों के नियंत्रण हेतु चलाए गए सघन अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध हथियार, मादक पदार्थ जैसे संगठित अपराधों के नियंत्रण के लिए व्यापक कार्य-योजना बनाकर ‘ऑपरेशन वज्र प्रहार’ जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं और इसमें लिप्त अपराधियों पर सख्त कार्यवाही की जा रही है। साथ ही इसमें लिप्त अपराधियों पर सख्त कार्यवाही की जा रही है। एनडीपीएस के मामलों में लिप्त अपराधियों की सम्पत्ती जब्त करने की कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं में मादक पदार्थों के सेवन के बढ़ते प्रचलन पर नियंत्रण एवं पुनर्वास हेतु संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
गहलोत ने कहा कि हमने महिलाओं और कमजोर वर्ग के परिवादियों को न्याय दिलाने के लिए निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था की है। इससे कमजोर वर्ग का हौसला बढ़ा है। उन्होंने कहा कि महिलाओ एवं बच्चों के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम हमारी सर्वाच्च प्राथमिकता है। महिला अत्याचार तथा पोक्सो न्यायालयों द्वारा दी जा रही सजाओं एवं इन कानूनों में निहित सजा के प्रावधानों का प्रचार-प्रसार किया जाये ताकि अपराधों पर अंकुश लग सके।
सोशल मीडिया पर नफरती एवं हिंसात्मक कंटेट की होगी विशेष निगरानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान देकर नफरती तथा हिंसात्मक कंटेट की विशेष मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही, साइबर अपराध एवं ऑनलाइन धोखाधड़ी तथा हनीट्रैप से संबंधित अपराधों की रोकथाम हेतु आमजन में जागरूकता लाई जाए।
डायल 112 परियोजना के अन्तर्गत 100 फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल
गहलोत ने इस दौरान आमजन को आपातकालीन स्थिति में सहायता प्रदान करने एवं प्रतिक्रिया समय को कम करने के उद्देश्य से जयपुर कमिश्नरेट, जोधपुर कमिश्नरेट, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अजमेर, भीलवाडा, कोटा सिटी, उदयपुर, बीकानेर जिले के लिए 100 फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। परियोजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण में क्रमश 100 वाहन 300 वाहन आगामी 20 सितम्बर तथा 20 अक्टूबर से पूर्व उपलब्ध हो सकेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा बजट में राजस्थान समस्त जिलों में 500 फर्स्ट रेस्पास व्हीकल (एफआरवी) उपलब्ध कराये जाने की घोषणा की थी।
एफआरवी की विशेषताएं
इन सभी वाहनों को आधुनिक मोबाईल डाटा टर्मिनल (एमडीटी) कैमरा, एनवीआर वायरलेस सेट, जीपीएस पब्लिक एड्रेस सिस्टम, फर्स्ट एड बाक्स, स्ट्रेचर एवं अन्य आपातकालीन उपकरणों से लैस किया गया है। उक्त वाहन कमाण्ड कंट्रोल सेन्टरर्स में स्थित ईआरएस डायल 112 से जुड़े रहेंगें तथा इनकी वास्तविक लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा। आमजन द्वारा आपातकालीन स्थिति में सहायता डायल 112 पर सम्पर्क करने पर डिस्पेचर संबंधित मोबाईल डाटा टर्मिनल वाहन को सहायता हेतु निर्देशित करेगें तथा सबसे नजदीकी वाहन द्वारा त्वरित गति से सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी।

