



The Khabar Xpress 24 जनवरी 2025। पित्त और किडनी स्टोन आज के समय में एक आम समस्या मानी जाती है। दूषित पानी की वजह से लोगों को पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, पित्त की पथरी एक ऐसी स्थिति है, जो अक्सर वयस्कों में पाई जाती है। लेकिन, यह समस्या बच्चों में भी हो सकती है। पित्त की पथरी पित्ताशय में पाई जाने वाले क्रिस्टल होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल, बाइल सॉल्ट्स और कैल्शियम के जमा होने से बनती है। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों में पित्त की पथरी के कम मामले देखने को मिलते हैं। लेकिन, यह समस्या बच्चों को भी हो सकती है। संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल श्रीडूंगरगढ़ के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर हिरामनाथ सिद्ध बता रहे है कि बच्चों में पित्त की पथरी के लक्षण और कारण क्या हो सकते हैं ?
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पित्ताशय और पित्त की पथरी क्यों बनती है?
पित्ताशय पेट के ऊपरी दाहिनी ओर एक छोटा अंग है, जो लिवर के नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य पित्त का इकट्ठा और रिलीज करना है। पित्त एक प्रकार का तरल पदार्थ है, जो पाचन में मदद करता है। जब पित्त में असामान्य मात्रा में कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम, या अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं, तो यह जमकर पथरी का रूप ले लेते हैं। इसे ही गॉलस्टोन कहते हैं।

बच्चों में पित्त की पथरी के लक्षण
बच्चों में पित्त की पथरी के लक्षण कई बार स्पष्ट दिखाई देते हैं। लेकिन, यदि पथरी बड़ी हो जाती है या यह पित्ताशय में रुकावट पैदा कर सकती है। आगे जानते हैं इसके कुछ संभावित लक्षणों के बारे में …
पेट में दर्द
पेट के ऊपरी दाहिनी ओर तेज दर्द होना, जो पीठ या कंधे तक जा सकता है। यह दर्द अक्सर तैलीय और मसालेदार खाना खाने के बाद होता है।
उल्टी होना
पित्त की पथरी के कारण पथरी के पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे बच्चे को उल्टी और जी मिचलाने की समस्या हो सकती है। इससे बच्चे को अपच, गैस, और पेट में भारीपन महसूस होता है।
बुखार
यदि बच्चों के पित्ताशय में इंफेक्शन हो जाए तो बच्चे को बुखार या ठंड लगने की लक्षण दिखाई देते हैं।
पीलिया
पित्त नली में रुकावट होने पर त्वचा और आंखों का रंग पीला हो सकता है। इससे पीलिया हो सकता है।
बच्चों में पित्त की पथरी के कारण
- यदि परिवार में किसी को पित्त की पथरी की समस्या है, तो बच्चों में इसका खतरा अधिक हो सकता है।
- ज्यादा कोलेस्ट्रॉल और फैट युकत आहार खाने से इस तरह की समस्या हो सकती है। कम फाइबर और पोषण की कमी भी इसकी वजह मानी जाती है।
- अधिक वजन वाले बच्चों में पित्त की पथरी का खतरा अधिक होता है।
- सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया जैसी (हेमोलिटिक डिसऑर्डर) स्थितियों में पित्त की पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
- कुछ दवाइयों का लंबे समय तक उपयोग पित्त में असंतुलन पैदा कर सकता है।
बच्चों में पित्त की पथरी एक दुर्लभ बीमारी मानी जाती है। लेकिन, पित्त की पथरी से बचाव के लिए बच्चों की जीवनशैली और खानपान में बदलाव करने की आवश्यकता होती है। किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें और सही समय पर डॉक्टर से सलाह लें। स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार से न केवल पित्त की पथरी बल्कि अन्य बीमारियों से भी बच्चों का बचाव किया जा सकता है।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

