



The Khabar Xpress 07 जनवरी 2025। बिना डॉक्टर की सलाह खुद से दवा लेना, जिसे सेल्फ-मेडिकेशन कहा जाता है, आजकल एक गंभीर समस्या बन गई है। सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सिरदर्द, बुखार, पेट दर्द या खांसी-जुकाम के लिए लोग मेडिकल स्टोर से सीधे दवाएं खरीद लेते हैं। यह आदत शुरुआती तौर पर राहत देने वाली लग सकती है, लेकिन इसके लंबे समय तक दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। विशेष रूप से, यह किडनी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। किडनी शरीर के सबसे खास अंगों में से एक है, जो खून को साफ करने, टॉक्सिन्स को निकालने और मिनरल्स का संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। लगातार गलत दवाओं का सेवन किडनी की कार्यक्षमता पर असर डालता है, जिससे गंभीर समस्याएं जैसे किडनी फेलियर, सूजन और इंफेक्शन हो सकते हैं। इसके अलावा, बिना डॉक्टर की सलाह के हर्बल सप्लिमेंट्स या एंटीबायोटिक्स का दुरुपयोग भी किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे किडनी की सेहत के लिए सेल्फ मेडिकेशन के नुकसान। श्रीडूंगरगढ़ के संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ हिरामनाथ सिध्द ने इस विषय पर बेहतर जानकारी दी।
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किडनी का महत्व
किडनी हमारे शरीर के सबसे खास अंगों में से एक है। यह ब्लड को फिल्टर करके टॉक्सिन्स और वेस्ट पदार्थ को शरीर से बाहर निकालती है। किडनी का सही से काम करना जरूरी है, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है, ब्लड में मिनरल्स का बैलेंस बनाए रखती है और हार्मोन रिलीज करती है। सेल्फ मेडिकेशन किडनी की इन प्रक्रियाओं को बाधित कर सकता है।
किडनी के लिए सेल्फ मेडिकेशन के नुकसान
दवाओं का ओवरडोज
कई लोग सोचते हैं कि ज्यादा दवा लेने से जल्दी असर होगा, लेकिन यह सोच गलत है। ओवरडोज से किडनी पर ज्यादा दबाव बढ़ता है, जिससे किडनी फेलियर का खतरा होता है।
एंटीबायोटिक्स का दुरुपयोग
एंटीबायोटिक्स का बार-बार और गलत इस्तेमाल किडनी की कार्यक्षमता को कम कर सकता है। ये दवाएं किडनी को फिल्टर करने की प्रक्रिया को बाधित करती हैं, जिससे टॉक्सिन्स शरीर में जमा हो सकते हैं।
पेनकिलर्स का ज्यादा इस्तेमाल
दर्द निवारक दवाएं, किडनी के ब्लड फ्लो क्षमता को कम कर सकती हैं। लंबे समय तक इनका इस्तेमाल किडनी डैमेज का कारण बन सकता है।
हर्बल और सप्लिमेंट्स का प्रभाव
कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह के हर्बल दवाएं और सप्लिमेंट्स लेते हैं। इनमें मौजूद कुछ तत्व किडनी के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
एलर्जी और रिएक्शन
किसी दवा से एलर्जी होने पर, किडनी इसे फ्लश आउट करने में मेहनत करती है। यह किडनी में सूजन या गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
इन लक्षणों से पता चलता है किडनी पर प्रभाव
- पेशाब में बदलाव (बार-बार पेशाब आना या पेशाब रुक जाना) नजर आना।
- चेहरे या पैरों में सूजन होना।
- थकान और कमजोरी महसूस होना।
- भूख कम लगना।
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना।
किडनी को बचाने के उपाय
- दवा लेने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
- किडनी की कार्यक्षमता की जांच समय-समय पर करानी चाहिए।
- पर्याप्त पानी पीने से किडनी को टॉक्सिन्स फ्लश करने में मदद मिलती है।
- किडनी-फ्रेंडली डाइट, जैसे कम नमक और कम प्रोटीन वाला भोजन ही खाएं।
- बिना जरूरत लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल न करें।
सेल्फ-मेडिकेशन एक आसान विकल्प लग सकता है, लेकिन यह किडनी के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। दवाओं का सही इस्तेमाल और डॉक्टर की सलाह का पालन करना जरूरी है।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

