



The Khabar Xpress 21 नवम्बर 2024। मोटापा, खानपान की गलत आदते, शारीरिक गतिविधियों में कमी और अनुवांशिक कारणों की वजह से व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या हो सकती है। जब व्यक्ति के शरीर में पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाते हैं, तो इससे भोजन के द्वारा ली जाने वाली शुगर को प्रोसेस करने में परेशानी आती है। ऐसे में शुगर की बड़ी हुई मात्रा ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या (Diabetes) होती है। डायबिटीज की वजह से व्यक्ति यूरिनरी ट्रैक्ट और हड्डियों से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इनमें से एक गंभीर समस्या हड्डियों का क्षय (Bone Degeneration) है। डायबिटीज के कारण हड्डियों की ताकत और संरचना कमजोर हो सकती है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, श्रीडूंगरगढ़ के डॉ के.एल. शर्मा इस बारे में जानकारी साझा कर रहे है।
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डायबिटीज की वजह से हड्डियों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
हड्डियों के अंदर प्रोटीन का ग्लाइकेशन
डायबिटीज की समस्या होने पर व्यक्ति की हड्डियों में एडवांस ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs) प्रक्रिया में बढ़ोतरी हो सकती है। यह हड्डियों को कमजोर करने में सहायक होती है। इस स्थिति में मरीज को हल्की चोट के बाद फ्रैक्चर होने की संंभावना बढ़ जाती है।

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
डायबिटीज में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर में फ्री रेडिकल्स का निर्माण होता है। ये फ्री रेडिकल्स हड्डियों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डालते हैं, जो हड्डियों के कमजोर होने का एक मुख्य कारण है।
ब्लड शुगर का अनियंत्रित स्तर
डायबिटीज में ब्लड शुगर का उच्च स्तर हड्डियों की कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह हड्डियों को कमजोर बनाता है और बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) को कम कर देता है। इसके परिणामस्वरूप, हड्डियों में लचीलापन और मजबूती घट जाती है।
इंसुलिन और हड्डी का मेटाबॉलिज्म
हड्डी के निर्माण में इंसुलिन सहायक होता है, डॉक्टर के मुताबिक यह एक अनाबोलिक हार्मोन होता है। डायबिटीज में जब व्यक्ति का इंसुलिन स्तर में कमी आती है, तो इससे बोन डेसिंटी कम हो सकती है। इससे हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है।
पैरों की संवेदनशीलता कम होना
डायबिटीज के अधिकतर मरीजों को न्यूरोपैथी प्रभावों के चलते पैरों की संवेदनशीलता में कमी महसूस हो सकती है। इस संवेदनशीलता में कमी के चलते व्यक्ति को चलने में परेशानी हो सकती है, जिसकी वजह से उनके गिरने की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ. के.एल. शर्मा बताते हैं कि डायबिटीज से जुड़ी हड्डियों की समस्याओं को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो हड्डियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। सही जीवनशैली और समय पर इलाज से हड्डियों के क्षय को रोका जा सकता है और आप लंबे समय तक सक्रिय और स्वस्थ रह सकते हैं।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

