



The Khabar Xpress 14 अक्टूबर 2024। पूरे उत्तर भारत में इन दिनों मौसम बदल रहा है। मौसम में बदलाव के साथ ही उत्तर भारत में मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों का प्रकोप भी देखा जा रहा है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर भारत में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ये बीमारियां ऐसी हैं, जिसमें मरीजों को प्लेटलेट्स का खास तौर पर ध्यान रखने के लिए कहा जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या ज्यादा कम हो जाती है, तो इससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है ?
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए कई तरह की चीजों को डाइट का हिस्सा बनाने के लिए कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं ये प्लेटलेट्स है क्या? इन दिनों जब उत्तर भारत में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तब हम आपको बताने जा रहे हैं प्लेटलेट्स क्या है और इसकी सही संख्या शरीर में क्यों जरूरी है ? संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल श्रीडूंगरगढ़ के फिजिशियन डॉ हिरामनाथ सिद्ध इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे है।
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प्लेटलेट्स क्या होते हैं ?
डॉ. हिरामनाथ सिद्ध के अनुसार, ‘प्लेटलेट्स, जिन्हें थ्रोम्बोसाइट्स भी कहा जाता है। यह खून में मौजूद छोटे कोशिका के टुकड़े होते हैं जो थक्का बनाने में मदद करते हैं। आसान भाषा में कहें तो प्लेटलेट्स खून का एक घटक है, जो चोट लगने पर क्षतिग्रस्त हिस्से में रक्तस्राव को रोकने के लिए काम करती हैं। हर इंसान के खून की एक बूंद में दसियों हजार प्लेटलेट्स होते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आपके पास पर्याप्त प्लेटलेट्स हों।
प्लेटलेट्स क्या करते हैं ?
डॉक्टर के अनुसार, प्लेटलेट्स का मुख्य काम ब्लड वेसल्स के क्षतिग्रस्त होने पर ब्लीडिंग को रोकना है। चोट लगने पर, प्लेटलेट्स घाव वाली जगह पर इकट्ठा होकर एक प्लग की तरह काम करते हैं। चोट लगने पर ब्लड वेसल्स को बंद करने में भी प्लेटलेट्स ही मदद करते हैं, जिसे क्लॉटिंग (जमाव) कहते हैं, ताकि अतिरिक्त खून आपके शरीर से बाहर न निकल सके। क्षतिग्रस्त ब्लड वेसल्स से ब्लीडिंग को रोकने की मेडिकल भाषा में हेमोस्टेसिस कहा जाता है।
शरीर में प्लेटलेट्स कहां पाए जाते हैं ?
डॉ. हिरामनाथ के अनुसार, शरीर में बोन मैरो, ब्लड और तिल्ली में प्लेटलेट्स पाए जाते हैं। आइए जानते हैं किसका क्या काम है?
बोन मैरो: प्लेटलेट्स बोन मैरो में सबसे बड़ी कोशिकाओं से बनते हैं – सफेद रक्त कोशिकाएं जिन्हें मेगाकारियोसाइट्स कहा जाता है। नए प्लेटलेट्स मेगाकारियोसाइट्स से निकलते हैं। यही कारण है कि प्लेटलेट्स को पूरी कोशिकाओं के बजाय कोशिका के टुकड़े माना जाता है।
खून : पूरे खून में प्लाज्मा (तरल भाग), लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स होते हैं। चूंकि प्लेटलेट्स पूरे खून का सबसे हल्का घटक होते हैं।
तिल्ली : इंसान के शरीर की तिल्ली प्लेटलेट्स का लगभग एक तिहाई हिस्सा संग्रहित करती है। यह पुरानी या क्षतिग्रस्त प्लेटलेट्स को भी फिल्टर करने का काम करती है।
खून में प्लेटलेट्स की संख्या कितनी होती है ?
डॉ. हिरामनाथ का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग 5 से 6 लीटर खून पाया जाता है। खून के अंदर ही प्लेटलेट्स मौजूद होते हैं। प्रति माइक्रो लीटर खून में इनकी संख्या 1.5 लाख से 4.5 लाख लाख तक होती है। किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के खून के प्रति माइक्रो लीटर में 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स होते हैं। शरीर को नए प्लेटलेट्स बनाने में लगभग 72 घंटे (तीन दिन) लगते हैं। खून में प्लेटलेट्स की संख्या कितनी है, इसे जानने के लिए CBC यानी कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट कराना किया जाता है।
डॉ. हिरामनाथ का कहना है कि किसी भी इंसान का शरीर लगातार प्लेटलेट्स बनाने का काम करता रहता है। इसलिए इसके प्रति चिंता की बात तभी है, जब आप डेंगू या किसी ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं, जिसमें शरीर में प्लेटलेट्स बनाने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ सकती है।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

