



द खबर एक्सप्रेस 03 जनवरी 2024। जैसा कि सरसों फसल पाला के प्रति ज्यादा संवेदनशील है क्योंकि जब न्यूनतम तापक्रम 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए तथा उत्तर दिशा से ठंढी हवा चल रही हो और आसमान साफ हो तो पाले से नुकसान की आशंका बढ़ जाती हैं अतः पाला से बचाव हेतु हल्की सिंचाई यदि फवारा से हो तो सबसे उपयुक्त है नमी युक्त जमीन में काफी देर तक गर्मी रहती है भूमि का तापमान नहीं गिरता है इसके अतिरिक्त जिन दिनों पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनों फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1% घोल का छिड़काव करना चाहिए, एक लीटर गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टर या डाईमिथायल सल्फोऑक्साइड 1 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 100-125 लीटर प्रति बीघा की दर छिड़काव करें तथा छिड़काव को आवश्यकतानुसार 10 दिन के अंतराल पर दोहरा सकते है। सरसों , गेहू, मटर जैसी फसलों को पाले से बचाने में गंधक के तेजाब का छिड़काव करने से न केवल पाले से बचाव होता है बल्कि पौधों में पोषक तत्व एवं रासायनिक सक्रियता बढ़ जाती है,जो पौधों में रोगरोधिता बढ़ाने में एवं फसल को जल्दी पकाने में सहायक होती है। खेत की उत्तर पश्चिम दिशा में जिधर से शीत लहर आती है फसलों के अवशेष, कूड़ा करकट, घास फूस जला कर धुँआ करें। यह उपाय अपनाकर किसान भाई अपनी फसलों को पाले के नुकसान से बचा सकते हैं।
कृषि विभाग श्रीडूंगरगढ़(बीकानेर)

