



द खबर एक्स्प्रेस 14 अक्टूबर 2023।
भारतीय आयुर्वेद में अदरक को औषधीय तत्वों का खजाना माना जाता है। ऐसे में कुछ लोग खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए अदरक का इस्तेमाल करते हैं। वहीं हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने वाले ज्यादातर लोग खाने में अदरक डालना नहीं भूलते हैं। अदरक का इस्तेमाल महज चाय और काढ़े तक सीमित नहीं है, बल्कि आप कई गंभीर बीमारियों को भी मात दे सकते हैं। हेल्थलाइन डॉट कॉम के अनुसार जानते हैं अदरक खाने के कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में..
वायरल और इंफेक्शन से होगा बचाव: अदरक में जिंजरोल नामक पदार्थ मौजूद रहता है। वहीं जिंजरोल को एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों का बेस्ट सोर्स माना जाता है। ऐसे में अदरक का सेवन शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार होता है। जिससे सर्दी, जुकाम, फ्लू और वायरल इंफेक्शन जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
वजन कम करने में सहायक: अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वजन कम करने में भी मदद करते हैं। वहीं अदरक में कोलेस्ट्रोल की मात्रा काफी कम होती है। जिससे ना सिर्फ आपका मोटापा घटने लगता है बल्कि कमर और हिप का फैट भी कम हो जाता है। ऐसे में वेट लॉस के लिए आप अदरक को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
डायबिटीज में फायदेमंद: अदरक का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण इलाज साबित हो सकता है। अदरक खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज में अदरक खाना बेस्ट होता है। इसके अलावा अदरक का सेवन करने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी नहीं होता है। जिससे दिल की बीमारी होने का खतरा कम रहता है।
खाना पचाने में मददगार: अदरक का सेवन करके पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखा जा सकता है। दरअसल अदरक की मदद से खाना आसानी से पच जाता है. जिससे बदहजमी होने का डर नहीं रहता है। वहीं नियमित रूप से अदरक का सेवन करके पेट के दर्द, जुकाम, ब्लोटिंग और उल्टी जैसी परेशानियों को अवॉयड किया जा सकता है।
पीरियड्स के दर्द से मिलेगी राहत: पीरियड्स के दौरान महिलाओं के पेट में काफी दर्द होता है। ऐसे में अदरक का सेवन महिलाओं के लिए बेस्ट नुस्खा साबित हो सकता है। डेली डाइट में अदरक एड करके महिलाएं पीरियड्स के दर्द से राहत पा सकती हैं।
कैंसर से बचाएगी अदरक: औषधीय तत्वों से भरपूर अदरक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी लड़ने में मददगार होती है। जिंजरोल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण कैंसर को दूर रखने का काम करते हैं। ऐसे में कोलोरेक्टल कैंसर, पैनक्रिएटिक कैंसर और लिवर कैंसर होने की संभावना कम रहती है।

