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दिमाग को कमजोर बना देती हैं ये 5 आदतें, अगर आप भी कर रहे हैं ये गलतियां, तो आज ही कर लें सुधार

Published on: June 30, 2024

The Khabar Xpress 30 जून 2024।अक्सर हम अपने हार्ट, लिवर, किडनी जैसे अंगों की देखभाल पर ध्यान देते हैं। इन्हें हेल्दी रखने के लिए हम कई उपाय भी अपनाते हैं, लेकिन इस बीच हम अपने दिमाग को अक्सर भूल जाते हैं। दिमाग हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में शामिल है, जो दिनभर बिना रुके काम करता है, लेकिन फिर भी हम इस बारे में कभी नहीं सोचते कि इसे कैसे स्वस्थ रखें। आपको बता दें कि दिमाग अगर हेल्दी नहीं होगा, तो कई प्रकार की कॉग्नीटिव डिजीज, जैसे- अल्जाइमर आदि हो सकती हैं। इसलिए इसे स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करें और उन आदतों से दूर रहें, जो दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं हमारी कौन-सी आदतें हमारे दिमाग के लिए नुकसानदेह होती हैं।

अनहेल्दी डाइट

हम जैसा खाना खाते हैं, हमारा स्वास्थ्य भी वैसा ही बनता है। इसलिए तला-भुना प्रोसेस्ड और जंक फूड खाने से दिमाग को काफी नुकसान होता है। इनमें काफी मात्रा में शुगर भी होता है, जो शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ने लगता है, जिससे दिमाग में भी सूजन होती है। इसके कारण डिमेंशिया होने का खतरा रहता है। इसलिए अपनी डाइट में से इन फूड्स को बाहर करें और इनकी जगह हेल्दी फूड्स, जैसे साबुत अनाज, फैटी फिश, फल, सब्जियां, दाल, दूध, दही आदि को डाइट में शामिल करें।

गतिहीन जीवनशैली

गतिहीन जीवनशैली, जैसा की आप नाम से समझ सकते हैं, ऐसी लाइफस्टाइल होती है, जिसमें आप काफी कम फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। तकनीक के विकास के कारण भी हमारी फिजिकल एक्टिविटी काफी कम हो गई हैं और हम काफी देर तक एक जगह बैठे रहते हैं, लेकिन देर तक बैठने की वजह से दिमाग को नुकसान पहुंचता है और अल्जाइमर होने का भी खतरा रहता है। इस बारे में एक स्टडी भी सामने आ चुकी है।

स्मोकिंग

स्मोकिंग करने से बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ती है, जिसके कारण दिमाग को काफी नुकसान हो सकता है। स्मोक करने से सिर्फ दिमाग ही नहीं, बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए अगर आप स्मोक करते हैं, तो आप न केवल अपने फेफड़ों को, बल्कि अपने दिमाग को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

स्क्रीन टाइम ज्यादा होना

फोन और कंप्यूटर से ब्लू लाइट निकलती है, जिसके संपर्क में लंबे समय तक आने की वजह से आपके दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। खासकर अगर आप रात को सोने से पहले फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इससे निकलने वाली ब्लू लाइट के कारण आपका दिमाग यह नहीं समझ पाता कि अब सोने का समय हो गया है और इस कारण सार्केडियन रिदम बिगड़ जाता है। साथ ही, दिमाग अधिक थका हुआ भी महसूस करता है।

रात को देर तक जागना

बिंज वॉच करते हुए या सोशल मीडिया स्क्रॉल करते हुए, अक्सर लोग रात को देर तक जागते रहते हैं, जिस कारण से उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। नींद पूरी न होने की वजह से हमारे कॉग्नीटिव फंक्शन प्रभावित होते हैं, जिस कारण से याददाश्त कमजोर होना, प्रॉब्लम सॉल्विंग में दिक्कत जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए रोज रात को सही वक्त पर सोने और 7-8 घंटे की लगातार नींद लेने की कोशिश करें।

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

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