द खबर एक्सप्रेस 16 सितंबर 2023। माइग्रेन, सिरदर्द की समस्या है जो आपमें कई प्रकार की जटिलताओं का कारण बन सकती है। माइग्रेन को साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर के रूप में भी जाना जाता है जिसका मतलब है कि यह मानसिक स्वास्थ्य समस्या के कारण होने वाली शारीरिक लक्षण भी हो सकती है। सामान्य सिरदर्द से अलग, माइग्रेन की समस्या में सिर के एक तरफ तेज दर्द, मतली-उल्टी और प्रकाश-ध्वनि के प्रति अति संवेदनशीलता का अनुभव हो सकता है।
माइग्रेन की समस्या तो वैसे काफी कॉमन है, पर अध्ययनकर्ताओं ने पाया अगर समय रहते इसका सही इलाज न कराया जाए तो सिरदर्द की ये सामान्य सी समस्या गंभीर रोगों को बढ़ाने वाली भी हो सकती है।
माइग्रेन के कारण किस प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं, इस बारे में समझने के लिए किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बड़ा दावा किया है। हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि माइग्रेन रोगियों में कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य की समस्या होने का जोखिम अधिक हो सकता है। अगर आप भी माइग्रेन के शिकार हैं तो इसके जोखिमों को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है।
माइग्रेन के कारण हृदय रोगों का खतरा
हार्वर्ड की रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया कि कुछ लोग जिन्हें तीव्र या माइग्रेन का अटैक अक्सर होता रहता है ऐसे लोगों में स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी अधिक हो सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं, माइग्रेन की समस्या युवा आबादी में काफी कॉमन है और इसे स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम के रूप में देखा जा रहा है।
जामा जर्नल में साल 2020 में इससे संबंधित अध्ययन प्रकाशित किया गया है, जिसमें विशेषज्ञों ने 28 हजार प्रतिभागियों को शामिल किया, ये सभी महिलाएं थीं। अध्ययन की शुरुआत में इनमें से किसी को हृदय से संबंधित समस्या नहीं थी।
अध्ययन में क्या पता चला…?
साल 2018 तक चले इस अध्ययन में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों को माइग्रेन की समस्या अधिक थी उनमें हृदय रोगों का जोखिम भी अधिक था। विशेषज्ञ कहते हैं, इसे बहुत अच्छी तरह से समझा नहीं जा सका है कि माइग्रेन किस प्रकार से हृदय रोगों का जोखिम बढ़ाने वाली हो सकती है, पर कुछ सिद्धांत हैं जिनपर गौर किया जाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि माइग्रेन मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि के पैटर्न में असामान्यता का कारण बन सकती है। हार्वर्ड से संबंधित ब्रिघम एंड वुमेन हॉस्पिटल में स्ट्रोक और सेरेब्रोवास्कुलर रोगों के प्रमुख डॉ. क्रिस्टोफर एंडरसन कहते हैं, माइग्रेन कुछ प्रकार की रक्त वाहिकाओं को भी क्षति पहुंचा सकती है जो हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ा देते हैं।
दिल का दौरा और हार्ट अटैक का खतरा
एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि जिन लोगों को माइग्रेन होता है, उन्हें दिल का दौरा पड़ने या हृदय गति से संबंधी विकार होने की आशंका भी अधिक हो सकती है। ऐसे लोगों में बिना माइग्रेन वालों की तुलना में हार्ट अटैक का जोखिम दो गुना अधिक हो सकता है। माइग्रेन के जोखिम सभी लोगों में अलग-अलग प्रकार का हो सकता है, जरूरी नहीं है कि ये सभी लोगों में गंभीर रोग का कारण बने।
माइग्रेन की समस्या पर दें गंभीरता से ध्यान
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, माइग्रेन की समस्या को आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य विकारों से जोड़कर देखा जाता रहा है। यानी कि अगर आपको डिप्रेशन या स्ट्रेस की समस्या रही है तो इसके कारण माइग्रेन के विकसित होने का जोखिम अधिक हो सकता है। माइग्रेन की समस्या अक्सर साइकोसोमेटिक है, इसलिए अगर सामान्य उपचार के माध्यम से इसमें लाभ नहीं मिल रहा है तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की भी सलाह ली जानी चाहिए।
संबंधित बीमारी या समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।