



द खबर एक्सप्रेस 15 सितंबर 2023। कब्ज की समस्या सबसे ज्यादा बच्चों को होती है, क्योंकि वे अक्सर पोषण से भरपूर आहार से दूर भागते हैं और बाहर की चीजों का ज्यादा सेवन करते हैं। अक्सर लोगों को लगता है कब्ज बड़ों की बीमारी है लेकिन ऐसा है नहीं, छोटे बच्चों का जब पेट साफ नहीं होता, आंतों में खाना चिपक जाता है और पेट फूलने भी लगता है, तब उसे कब्ज की दिक्कत होती है। इसके पीछे कोई उम्र या एक कारण नहीं है। पेट या लिवर की समस्या, पानी कम पीना, अस्वस्थ भोजन करना, तली हुई चीजों का सेवन या फिर मैदा या जंक फूड पेट में जल्दी हजम नहीं हो पाते। ऐसे में वे अंदर की गंदगी बनकर जमा होने लगते हैं और फिर स्टूल पास करने में दिक्कत होती है। कई बच्चों की पाचन शक्ति बचपन से ही कमजोर होती है, इस वजह से भी यह परेशानी आती है। इसके अलावा कई और कारण भी इसमें शामिल हो सकते हैं, आजकल बच्चों को पढ़ाई का स्ट्रेस बहुत ज्यादा है, ऐसे में बाहर खेल कूद और एक्सरसाइज करने का वक्त नहीं मिलता और यह बीमारी पनपने लगती है।
लक्षणों की पहचान
इसमें पेट में दर्द, पेट टाइट रहता है। स्टूल पास नहीं होता। सिर में दर्द, बदहजमी, पैरों में दर्द और पेट में गैस या एसिडिटी बनी रहती है।
उपाय भी जान लें
अगर आप बच्चे को रोजाना गुनगुने दूध में एक केला मिलाकर दें तो उसका पेट साफ रहेगा। इसके अलावा दूध में हल्दी या शहद डालकर बच्चे को पिलाया जाए तो भी उसका पेट साफ होगा और स्टूल भी आसानी से हो जाएगा। बच्चों को सुबह या फिर दोपहर के भोजन में एक कटोरी भरकर सलाद या फल जरूर खिलाएं।
ओट्स, मिलेटस की रोटियां, सूप, ईसबगोल आदि खाद्य पदार्थों में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, इसलिए इनको बच्चों के आहार में अवश्य शामिल करें। आप रोजाना सुबह भीगी अंजीर या बादाम भी दूध में मिलाकर या फिर ऐसे ही बच्चे को दे सकती हैं। चाहें तो अंजीर को उबाल कर भी दे सकती हैं। इससे कब्ज में राहत मिलती है। जानकारों के अनुसार, बच्चों को रात में त्रिफला का चूर्ण पानी के साथ देने से भी उनका पेट साफ होता है और पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है।
कुछ बातों का खास ख्याल
- व्यायाम करने से पाचन में मदद मिलती है और बिना किसी दिक्कत के पेट आसानी से साफ होता है। बच्चे के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट तक कोई फिजिकल एक्टिविटी या एक्सरसाइज करना जरूरी है। आप वॉकिंग, खेलना, योग, दौड़ना, डांस या एरोबिक्स आदि करा सकती हैं।
- दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स से बच्चे को थोड़ा दूर रखें। मैदा, बाहर की चीजें, तेल, पिज्जा बर्गर, ये सारी चीजें आंतों में चिपक जाती हैं, इसलिए बच्चे के आहार को इनसे मुक्त रखें।
- बच्चों को खाने में ज्यादा फैट न दें, विटामिन युक्त भोजन ही दें।
- अगर लंबे समय तक यह समस्या बनी रहती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
घी या तेल की मालिश
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. रमाकांत द्विवेदी कहते हैं, जिन बच्चों की जठराग्नि बचपन से ही मंद होती है, उनकी पाचन क्रिया धीमी होती है और मल त्याग करने में दिक्कत आती है। अगर ऐसा है तो इस में घी या तेल की मालिश बहुत ही कारगर है, पेट या नाभि के आस-पास क्लॉक वाइज मालिश करने से आंतें खुलती हैं और स्टूल ढीला होता है, इसके अलावा गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने को दे सकती हैं और इसमें सिकाई भी बहुत काम आती है। कई बार बच्चे ज्यादा कुछ करना या खाना नहीं चाहते, ऐसे में पेरेंट्स को ही उसके उपाय करने होते हैं।
संबंधित बीमारी या समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

