



The Khabar Xpress 29 अक्टूबर 2024। । पूर्ववर्ती सरकार की राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना को बंद करने को लेकर प्रदेश के युवा मित्रो में रोष है वे लगातार पुनः अपने रोजगार बहाली को लेकर सरकार से मांग कर रहे है अब उनकी मांग मंजूर न होने के कारण प्रदेश भर के पाँच हजार युवा मित्रों में असंतोष का वातावरण निर्मित हो गया है इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि दीपावली पर्व को काली दीपावली के रूप में मनाया जाएगा। श्रीडूंगरगढ़ के युवा मित्र गोपाल मेघवाल उपनी ने बताया कि युवा मित्र संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष संजय मीणा ने आरोप लगाया कि युवा मित्रों को हटाने के आदेश के बाद सरकार ने ना तो युवा मित्रों से संवाद किया है, ना ही उनकी मांगों को मंजूर किया है। सरकार कोई पहल नहीं कर रही है। इसलिए दीपावली का त्योहार प्रदेश के युवा मित्रों के लिए काला त्यौहार साबित हो रहा है। युवा मित्र अध्यक्ष बलबीर सिंह सेरूणा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा एक काले आदेश से प्रदेश के 5 हजार युवाओं के घरों में अंधेरा करने का काम किया वो भी उस समय जब आने वाले नव वर्ष को पूरी दुनिया खुशियों के साथ दिवाली मना रही थी। उस काले आदेश ने उन खुशियों के पलों में रुलाने का काम किया और रोजगार छीनकर उन्हें बेरोजगार कर दिया।
युवा मित्रों ने विनम्रतापूर्वक लगातार शहीद स्मारक पर बैठकर 72 दिनों तक भूखे प्यासे बैठकर संघर्ष किया लेकिन सरकार ने नहीं सुनी। उसके साथ-साथ सरकार में मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीना के आवास पर भी 11 दिन धरना दिया और 9 दिन अनशन किया। लंबे संघर्ष के बाद सरकार ने लोकसभा चुनावों की आचार संहिता के बाद पुनः बहाल करने का आश्वासन भी दिया गया था लेकिन अभी तक सरकार ने कुछ भी नहीं किया है। नरेश देराजसर ने बताया कि उम्मीद थी कि सरकार दीपावली से पूर्व सभी के घरों में दीपक जलाने का काम करेगी और सभी को रोजगार लौटने का काम करेगी परंतु आज दिनांक तक किसी भी प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है जबकि हमारे 2 युवा मित्र साथी भाईयों की नौकरी जाने के कारण मानसिक दवाब में मौत भी हो चुकी है। उसके बावजूद सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का कोई निर्णय युवा मित्रों के हक में नहीं लिया गया है। इस कारण सभी प्रदेश के युवा मित्रों ने निर्णय लिया है कि दीपावली के इस पर्व को काली दीपावली के रूप में मनाया जाएगा। हरिराम गोदारा उपनी, सुमन सिद्ध, आरती शर्मा, दयानंद बाना ने कहा कि जब तक सरकार हमें हमारा रोजगार वापस नहीं लौटा देती है आने वाले समय में भी इस पर्व को काली दीपावली के रूप में ही मनाया जाता रहेगा।

