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क्यों होता है डेंगू और टाइफाइड एक साथ ?, डॉक्टर से जानें ऐसा होने पर रोगी को क्या हो सकते हैं गंभीर परिणाम..?

Published on: October 27, 2024

The Khabar Xpress 28 अक्टूबर 2024। इस मौसम में लगातार मच्छरों की वजह से डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ते जा रहे हैं। साथ ही मौसम में बदलाव के चलते लोग बुखार से भी परेशान हैं। मौसम में बदलाव के साथ वायरल बुखार और मच्छरों से जुड़ी बीमारियां एक साथ शुरू हो जाती है। इससे समस्या ये हो जाती है कि लोग कंफ्यूजन हो जाते हैं कि उन्हें कौन सी बीमारी हुई है। कई बार लोग खुद ही दवाइयां ले लेते हैं, जिससे बीमारी गंभीर हो जाती है। एक साथ डेंगू और टाइफाइड होने पर मरीजों को क्या करना चाहिए..? संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल श्रीडूंगरगढ़ के फिजिशियन डॉक्टर हिरामनाथ सिद्ध ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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कितना आम है डेंगू और टाइफाइड का एक साथ होना?

डॉ. हिरामनाथ सिद्ध का कहना हैं कि ये दोनों बीमारियां एक साथ हो सकती है। हाल ही के दिनों में डेंगू और टाइफाइड के मामले एक साथ देखने को मिले हैं। दरअसल, दोनों ही बीमारियां खासतौर पर बदलते मौसम में फैलती है और इसी वजह से इन दोनों का एक साथ होना संभव है, लेकिन इस बीमारी का प्रतिशत काफी कम है। लोगों को थोड़ी सतर्कता रखनी चाहिए ताकि ये दोनों बीमारियां एक साथ होकर गंभीर न हो। 

डेंगू और टाइफाइड होने की मुख्य वजह ?

भारत में आमतौर पर लोग बुखार, सिरदर्द या किसी भी अन्य तरह के दर्द के लिए दवाइयां खुद ही ले लेते हैं। लोग डॉक्टर से सलाह लिए बिना केमिस्ट के कहने पर दवाइयां लेकर अपनी बीमारी को ठीक करने की कोशिश करते हैं। इस बारे में NCBI की रिसर्च में पता चला कि भारत में लगभग 60 फीसदी लोग किसी भी बीमारी के इलाज में खुद ही दवाई लेना पसंद करते हैं। इस बारे में डॉ. हिरामनाथ सिद्ध का कहना है, ”कई बार बीमारी की पहचान किए बिना लोग खुद ही दवाई लेकर स्थिति को गंभीर कर देते हैं। अगर कोई बुखार को सामान्य वायरल फीवर समझकर बिना डॉक्टर से सलाह लिए दवाई ले लेता है, तो इससे डेंगू या टाइफाइड के लक्षण छिप सकते हैं। इससे इलाज में देरी हो सकती है और दोनों बीमारियों की गंभीरता को बढ़ा सकती है।”

टाइफाइड और डेंगू का एक साथ होना कितना गंभीर है?

जब डेंगू और टाइफाइड एक साथ हो जाता है, तो ये स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। डेंगू होने पर ये ब्लड प्लेटलेट्स पर असर डालता है। अगर ब्लड प्लेटलेट्स कम हो जाए, तो इंटरनल ब्लीडिंग होने के चांस बढ़ जाते हैं। टाइफाइड पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। इस बीमारी में तेज बुखार, कमजोरी और पेट में दर्द होता है। अगर दोनों एक साथ हो जाए, तो शरीर के कई अंगों के काम प्रभावित कर सकता है। इसमें लिवर, किडनी के साथ-साथ दिल को भी नुकसान हो सकता है। अगर समय पर दोनों बीमारियों का इलाज न हो, तो ये जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए, समय रहते डॉक्टर से सलाह लें और टेस्ट करवाकर दवाइयां लें ताकि बीमारी गंभीर न हो। 

डेंगू-टाइफाइड से कैसे करें बचाव?

डॉ. पापाराव ने टाइफाइड और डेंगू से बचाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं, जिसे खासतौर पर मानसून के सीजन में हर किसी को अपनाने चाहिए।

  • अपने आस-पास पानी न होने दें।
  • मच्छरों से दूर रहने के लिए रिपेलेंट जरूर लगाएं।
  • बाहर निकलने पर पूरी बाजू के कपड़े पहनें और पैरों को ढककर रखें।
  • टाइफाइड से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • साफ पानी पिएं।
  • खाने को अच्छे से पकाकर खाएं।

इसके अलावा कुछ मामलों में टाइफाइड को रोकने के लिए वैक्सीन भी दिया जाता है। मौसमी बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई के अलावा खान-पान पर भी ध्यान दें। संतुलित मात्रा में आहार लें और पानी पिएं। मौसमी फल-सब्जियों ज्यादा से ज्यादा खाएं और नियमित कसरत जरूर करें।

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Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

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