The Khabar Xpress 08 मई 2025। बीकानेर के कोतवाली थाने के कुछ ही मीटर की दूरी पर मदान मार्केट में बुधवार को हुए गैस सिलेंडर ब्लास्ट के मामले में 24 घंटे बाद भी शव मिलने की सिलसिला जारी है। बुधवार को कुल तीन शव मिले थे। वहीं आज गुरूवार सुबह 11 बजे तक मिली जानकारी के अनुसार पांच शव और मिल चुके है। ऐसे में अब तक कुल 8 शव मदान मार्केट के इस हादसे में मिल चुके है। वहीं बीते करीब 24 घंटे से रेस्क्यू जारी है और अब भी कुछ ओर लोगो के दबे होने की आंशका जतायी जा रही है। विदित हो कि बुधवार को सिटी कोतवाली थाने के पास मदान मार्केट में गैस सिलेंडर ब्लास्ट होने से मार्केट में दुकानों धवस्त हो गई थी, जिससे मलबे में कई लोग दब गए। तीन जनों की मौके पर मौत हो गई जबकि आठ जनों को घायलावस्था में निकाल कर पीबीएम भिजवाया।
बीकानेर गैस ब्लास्ट से सबक लेगा प्रशासन या यहां भी है मौतों का इंतजार
ये ब्लास्ट एलपीजी गैस सिलेंडर फटने से हुआ है वो प्रशासन की उदासीनता और अवैध रिफलिंग का ही परिणाम है। साथ ही अवैध रूप से बनी ये दुकान भी इसके लिए उत्तरदायी है क्योंकि निर्माण स्वीकृति जारी करते समय आग लगने पर आग बुझाने के उपकरण, कॉम्प्लेक्स से दुर्घटना के समय इमरजेंसी एग्जिट पर कोई ध्यान न देकर इन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की निर्माण स्वीकृति “ले देकर” जारी कर दी जाती है।
श्रीडूंगरगढ़ में बना कोई भी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और कटले में ऐसी किसी भी दुर्घटना की स्थिति में बचाव के कोई उपाय नहीं है श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका प्रशासन द्वारा इन कटलो के निर्माण की स्वीकृति बिना ये जांच पड़ताल किये ही जारी कर दी जाती है कि आकस्मिक दुर्घटनाओं में यहां से निकलने के इमरजेंसी एक्जिट क्या है..? आग लगने पर इन कटलो में फायर अलार्म और आग बुझाने के संयंत्र भी लगे हुए है या नहीं। कस्बे के कई शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्वर्णाभूषण बनाने के कारीगर बैठते है जो आभूषण निर्माण के लिए काम आने वाली एलपीजी गैस के अवेध सिलेंडरों का इस्तेमाल करते है। अगर बीकानेर के जैसा हादसा यहाँ हो जाये तो कितनी जनहानि हो सकती है इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
श्रीडूंगरगढ़ की ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ते है ये कटले
श्रीडूंगरगढ़ में ट्रैफिक के हालात क्या है ये हर कोई जानता है। वाहनों को कहीं भी बेतरतीब तरीक़े से खड़ा कर दिया जाता है। शहर में पार्किंग की माकूल व्यवस्था ही नहीं है। इन हालातों की सबसे बड़ा जिम्मेदार यहां का नगरपालिका प्रशासन है। श्रीडूंगरगढ़ के जितने भी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है उनकी निर्माण स्वीकृति नगरपालिका द्वारा बिना ये जांचे ही जारी कर दी जाती है कि कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों के एवं आने वाले ग्राहकों के वाहन की पार्किंग सुविधा इन कॉम्प्लेक्स मालिको ने की है कि नहीं। श्रीडूंगरगढ़ के किसी भी कटले एवं कॉम्प्लेक्स में पार्किंग की सुविधा नहीं है जिसके कारण सैंकड़ो की संख्या में दुकानदारो एवं आनेजाने वालो के वाहन सड़क पर ही खड़े कर दिए जाते है और ट्रैफिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते है। इस अव्यवस्था के लिये श्रीडूंगरगढ़ पुलिस प्रशासन को दोषी ठहराया जाता है जबकि अगर निर्माण स्वीकृति प्रदान करते वक़्त ही पार्किंग व्यवस्था नगरपालिका प्रशासन द्वारा कठोर निर्णय से लागू की जाती तो कस्बे की पार्किंग व्यवस्था को काफी हद तक दुरुस्त किया जा सकता था। यहां पर श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया जिसको भुगत आमजन रहा है।
अवेध गैस रिफलिंग दे सकते है बड़े हादसों को निमंत्रण
श्रीडूंगरगढ़ के कटलो में एवं अन्य दुकानों में भी अवैध गैस रिफलिंग सिलेंडर बहुतायत से प्रयोग किये जा रहे है। प्रशासन द्वारा इन अवैध गैस रिफलिंग करने वालो पर किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही नहीं कि जा रही। ना ही इन कटलो मे बीकानेर के जैसे हादसे से निपटने के कोई इंतजाम ही है। इसके अलावा एलपीजी से चलने वाले वाहनों सहित अलग से किट लगवाकर गैस से भी गाड़ियां चलायी जा रही है। वही पेट्रोल के नाम पर पंजीकृत कारे भी अलग से गैस किट लगवाए हुए हैं। वाहन मालिक सुबह ही गैस रीफिलिंग करने वालो के यहां गाड़ी मे लगे सिलेंडर मे गैस भरवाने के लिए गाडी लगा देते हैं। वह ब्रांडेड कंपनी के बजाय घटिया गैस किट लगाकर चलाए जा रहे हैं इन वाहनों में हमेशा ही यह खतरा बना रहता है कि न जाने कब हादसा हो जाए। श्रीडूंगरगढ़ में खुलेआम गैस रिफलिंग का कारोबार हो रहा है और जवाबदार आंखे बंद किये हुए है।