The Khabar Xpress 15 अप्रेल 2025। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका अपनी कारगुजारियों एवं लापरवाही के कारण बदनाम ही रही है। जगजाहिर है कि नगरपालिका की बेशकीमती जमीनों पर भूमाफियाओं का कब्ज़ा होना आम बात हो गयी है। ताजा मामला राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बॉम्बे कॉलोनी के पास नगर पालिका की 3.74 हेक्टेयर जमीन का है। जिस पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जे किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस संबंध में क्षेत्र के लोगों ने पालिका में शिकायत की तो कब्जेधारियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित लोगों ने थाने में इस आशय का परिवाद दिया है। वहीं दूसरी ओर पालिका ने जमीन पर कब्जे की शिकायत के बाद पटवारी से मौका रिपोर्ट मांगी है। वहां पर पालिका अपनी कुछ जमीन मान तो रही है मगर सीमांकन नहीं होने के कारण उन्हें पूरी जानकारी नहीं है। इसका फायदा भूमाफियाओ ने उठाकर वहां जमीन को समतल कर कॉलोनी काटने की कोशिश कर रहे हैं। पीड़ित चेनाराम रेगर ने बताया कि बॉम्बे कॉलोनी से आगे नगरपालिका की बेशकीमती जमीन खसरा संख्या 1206/1124 रकवा 3.74 हेक्टेयर है। यह खसरा नगरपालिका के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। इतने बड़े भूभाग पर कई भूमाफियाओं की नजर है। वे लोग अब नई कॉलोनी बसाने के लिए जमीन का समतलीकरण कर रहे हैं। उसकी स्वयं की जमीन भी वहीं पर खसरा संख्या 1125 रकबा 2.14 हेक्टेयर स्थित है। ऐसे में भूमाफिया उसकी जमीन भी हथियाना चाहते है। उसे एसडीएम कोर्ट से स्टे भी मिला हुआ है। इसके बावजूद भी भूमाफिया नगरपालिका की जमीन और उसकी जमीन पर कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। उसने अन्य लोगों के साथ इसका विरोध किया तो कुछ लोगों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने परिवाद दर्ज लेकर जांच शुरू कर दी है।
नगरपालिका ईओ अविनाश शर्मा का कहना है कि बांबे कॉलोनी के पास नगर पालिका की जमीन है। कुछ भूमि रीको को अलॉट हुई है। उसके बाद से नगर पालिका की जमीन का सीमांकन नहीं हो पाया है। कुछ खसरे बदले हुए हैं। इस संबंध में पटवारी से मौका रिपोर्ट मांगी गई है। नगरपालिका की जमीन पर कब्जे हुए हैं तो उसकी जांच करवाई जाएगी। सर्वविदित है कि कस्बे में सरकारी जमीनों पर कब्जे कर वहां कॉलोनी काटने का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। इस संबंध में आमजन नगरपालिका में शिकायत करते हैं तो वहां कार्रवाई नहीं होती। इस कारण ऐसे लोगों के होसले लगातार बढ़ रहे हैं। इससे कस्बे की बसावट बिगड़ रही है और अव्यवस्थित निर्माण कार्य हो रहे हैं। सरकार को भी राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। कस्बेवासियों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को भी इस मुद्दे पर आगे आकर पहल करनी चाहिए ताकि लोगों के साथ अन्याय ना हो।