The Khabar Xpress 02 जनवरी 2025। आजकल डायबिटीज एक आम और खतरनाक बीमारी बन गई है. हर आयु वर्ग के लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं. यहां तक की बच्चों तक में डायबिटीज देखने को मिल रही है. इसका मुख्य कारण है लाइफस्टाइल में बदलाव, अनहेल्दी खानपान और फिजिकल एक्टिविटी में कमी. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए ब्लड शुगर लेवल पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, लेकिन कई लोगों को अभी तक यही पता नहीं है कि नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होता है? और ब्लड शुगर लेवल कितना बढ़ने पर डायबिटीज मानी जाती है? संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल श्रीडूंगरगढ़ के वृक्ष फिजिशियन डॉ हिरामनाथ सिद्ध बता रहे है कि आपका सामान्य ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए ?, डायबिटीज में शुगर लेवल कितना बढ़ सकता है और कब इसे रिस्की माना जाता है ?
डॉक्टर परामर्श के लिए जुड़े:- संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल से चिकित्सीय परामर्श अथवा जानकारी के लिए टच करे।
नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए ?
ब्लड शुगर लेवल का आकलन अलग-अलग स्थितियों में किया जाता है, जैसे खाली पेट (फास्टिंग), खाने के बाद और HbA1c टेस्ट के जरिए.
खाली पेट :
- नॉर्मल: 70-99 mg/dL
- प्रीडायबिटीज: 100-125 mg/dL
- डायबिटीज: 126 mg/dL या इससे ज्यादा
खाने के 2 घंटे बाद :
- नॉर्मल: 140 mg/dL से कम
- प्रीडायबिटीज: 140-199 mg/dL
- डायबिटीज: 200 mg/dL या इससे ज्यादा
HbA1c टेस्ट (पिछले 3 महीनों का औसत शुगर लेवल):
- नॉर्मल: 5.7 प्रतिशत से कम
- प्रीडायबिटीज: 5.7 प्रतिशत – 6.4 प्रतिशत
- डायबिटीज: 6.5 प्रतिशत या इससे ज्यादा
डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर लेवल कितना बढ़ सकता है ?
- डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल अनकंट्रोल हो सकता है. यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि डाइट, दवाइयों का सही समय पर सेवन, फिजिकल एक्टिविटी और तनाव.
- अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज का इलाज नहीं करा रहा है, तो उनका फास्टिंग शुगर लेवल 200 mg/dL से भी ज्यादा हो सकता है.
- खाने के बाद का शुगर लेवल 300 mg/dL या उससे ज्यादा हो सकता है.
ब्लड शुगर लेवल कब रिस्क माना जाता है ?
हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia):
जब ब्लड शुगर लेवल 70 mg/dL से कम हो जाता है.
- लक्षण: कमजोरी, चक्कर आना, पसीना आना, घबराहट.
- यह स्थिति तुरंत इलाज की मांग करती है, क्योंकि यह जानलेवा हो सकती है.
हाइपरग्लाइसीमिया (Hyperglycemia):
जब ब्लड शुगर लेवल 250 mg/dL या इससे ज्यादा हो.
- लक्षण: बार-बार पेशाब आना, प्यास लगना, थकान.
- लंबे समय तक अनकंट्रोल हाइपरग्लाइसीमिया किडनी, हार्ट और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.
डायबिटिक कीटोएसिडोसिस :
यह स्थिति तब होती है जब ब्लड शुगर लेवल 300 mg/dL से ज्यादा हो और शरीर में कीटोन बनने लगे.
यह एक मेडिकल इमरजेंसी है.
ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के उपाय
हेल्दी डाइट: साबुत अनाज, हरी सब्जियां, फल और कम शुगर वाले फूड्स खाएं. मीठे और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें.
फिजिकल एक्टिविटी: रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें. योग और मेडिटेशन भी ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मददगार हैं.
दवाइयों का नियमित सेवन: डॉक्टर द्वारा बताए गए अनुसार दवाइयों का सेवन करें और नियमित रूप से शुगर लेवल की जांच करें.
स्ट्रेस मैनेजमेंट: तनाव बढ़ने से ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ सकता है. गहरी सांस लेना, संगीत सुनना या मनपसंद गतिविधि में शामिल होना मदद कर सकता है.
नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल का ध्यान रखना न केवल डायबिटीज के मरीजों के लिए बल्कि हर किसी के लिए जरूरी है. अगर ब्लड शुगर लेवल तय सीमा से ऊपर या नीचे जाता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।