The Khabar Xpress 28 दिसम्बर 2024। राजस्थान की भजनलाल सरकार की आज केबिनेट बैठक हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। जोगाराम पटेल ने कहा कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। वह व्यवहारिक नहीं थे। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थी। इतने जिलों की आवश्यकता होती तो इसका परीक्षण किया जाता।
जोगाराम ने कहा कि न तो इसके लिए कोई पद सृजिए किए, न ही कोई कार्यालय भवन की व्यवस्था की गई। जितने जिले बने, उसमें 18 विभागों में पद सृजन की कोशिश की गई। ये जिले राजस्थान पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं। रीव्यू के लिए बनी कमेटी ने पाया कि इन जिलों की उपयोगिता नहीं है।
CET की वैधता तीन साल
केबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) का स्कोर एक की जगह तीन साल तक मान्य रखने पर फैसला हुआ। खाद्य सुरक्षा योजना में नए लोग जोड़े जाएंगे, 3 महीने के लिए अभियान चला कर नए नाम जोड़े जाएंगे। प्रदेश में पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा।
ये जिले रहेंगे अस्तित्व में
मंत्रिमंडल में ये फैसला किया गया कि बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर जिलों का अस्तित्व बना रहेगा।
ये जिले होंगे समाप्त
ये जिले निरस्त- दूदू,केकड़ी,शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर।
ये रहे नए जिले समाप्त करने के कारण
मंत्री जोगाराम पटेल बोले, 6 से कम तहसीलों का तकनीकी पेंच बताया, जोगाराम बोले- अगर इतने जिलों की जरूरत होती तो सभी संसाधनों का परीक्षण किया जाता, इन सबको अनदेखा किया, इसमें ना तो पद सृजित किए, ना ऑफिस बिल्डिंग दी और ना ही दूसरी व्यवस्थाएं की, केवल 11 विभागों में पद सृजन की व्यवस्था की गई।