The Khabar Xpress 15 नवम्बर 2024। बच्चों की सेहत का ख्याल रखना हर माता-पिता की पहली प्राथमिकता होती है। बच्चा भले ही दिखने में स्वस्थ लगे, लेकिन कुछ ऐसी हेल्थ कंडीशंस हो सकती हैं, जो शुरू में पता नहीं चलतीं और बाद में बड़ा रूप ले सकती हैं। ऐसे में सालाना हेल्थ चेकअप बच्चों के लिए जरूरी हो जाता है। हेल्थ चेकअप से छोटी-मोटी समस्याओं का समय पर पता लगाया जा सकता है, जिससे गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है। डॉक्टर नियमित चेकअप से शरीर में किसी भी कमी, जैसे विटामिन्स या मिनरल्स की कमी, पोषण संबंधी दिक्कत या इम्यून सिस्टम की ताकत को जांच सकते हैं। यह प्रैक्टिस न सिर्फ बच्चे की शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत को भी मजबूती देती है। बच्चों के शरीर की ग्रोथ अलग-अलग फेज में होता है और सही समय पर चेकअप से यह सुनिश्चित होता है कि उनका विकास हेल्दी है। इस लेख में हम जानेंगे सालाना हेल्थ चेकअप कब और कैसे कराएं और साथ ही बच्चों के लिए कुछ जरूरी टेस्ट। इस विषय पर संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी श्रीडूंगरगढ़ के डॉ. के.एल. शर्मा ने बेहतर जानकारी प्रदान की।
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कब और कैसे कराएं बच्चों का सालाना हेल्थ चेकअप ?
डॉक्टर के.एल. शर्मा के अनुसार, बच्चों का पहला हेल्थ चेकअप जन्म के बाद जल्द से जल्द कराना चाहिए और फिर हर साल इसे रेगुलर रखना चाहिए। सालाना चेकअप के दौरान डॉक्टर बच्चों के ग्रोथ पैरामीटर्स जैसे लंबाई, वजन, और बीएमआई की जांच की जाती है। साथ ही, बच्चे की आंखों, कान और दांतों की भी जांच होती है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट के जरिए एनीमिया, विटामिन की कमी और इन्फेक्शन जैसी समस्याओं के बारे में पता चलता है। फिजिकल चेकअप में बच्चों के हार्ट और फेफड़ों की जांच भी होती है। इसके अलावा, कुछ बच्चों में जेनेटिक बीमारी होने का खतरा होता है। डॉक्टर हिस्ट्री पूछ कर और कुछ स्पेशलाइज्ड टेस्ट करवाते हैं ताकि ऐसी बीमारियों का पता लगा सकते हैं।
बच्चों के कौन-कौन से टेस्ट साल में 1 बार करवाने चाहिए ?
सालाना हेल्थ चेकअप में बच्चों के लिए कई प्रकार के टेस्ट शामिल किए जाते हैं, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत का पूरा आंकलन किया जा सके। यहां हम आपको कुछ जरूरी टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं-
1. ग्रोथ और डेवेलपमेंट चेकअप
बच्चों की लंबाई, वजन और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की जांच की जाती है ताकि यह पता चले कि उनका ग्रोथ उनकी उम्र के हिसाब से सामान्य है या नहीं। छोटे बच्चों में सिर का माप भी लिया जाता है क्योंकि यह दिमाग के विकास का संकेत देता है।
2. आंखों की जांच
यह सुनिश्चित करने के लिए आई टेस्ट कराया जाता है कि बच्चे की दृष्टि ठीक है या उसे किसी चश्मे या अन्य उपायों की जरूरत है या नहीं।
3. हियरिंग टेस्ट
हियरिंग टेस्ट से बच्चे की सुनने की क्षमता की जांच होती है। इससे यह पता चलता है कि कहीं सुनने में कोई कमी तो नहीं है, जो उसके विकास पर असर डाल सकती है।
4. ब्लड टेस्ट
- एनीमिया की जांच के लिए हीमोग्लोबिन टेस्ट किया जाता है। एनीमिया, बच्चों की शारीरिक और मानसिक ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है।
- शरीर में जरूरी विटामिन्स की मात्रा की जांच के लिए विटामिन-डी और बी12 का टेस्ट होता है।
- इसके अलावा ब्लड शुगर टेस्ट किया जाता है ताकि यह पता चले कि कहीं बच्चे को डायबिटीज है या नहीं या उसका ब्लड शुगर लेवल सामान्य है या नहीं।
- बच्चों में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल भी चेक किया जाता है ताकि हृदय संबंधी जोखिमों को पहले ही पहचाना जा सके। इस टेस्ट को लिपिड प्रोफाइल कहते हैं।
5. दांतों की जांच
बच्चों के दांतों की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि खराब दांत और मसूड़े शरीर के अन्य हिस्सों पर भी असर डाल सकते हैं। नियमित डेंटल चेकअप से कैविटी, पायरिया आदि समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
6. यूरिन टेस्ट
यूरिन टेस्ट से शरीर के मेटाबॉलिक फंक्शन की जानकारी मिलती है और किसी भी तरह की इन्फेक्शन का पता चलता है।
7. बोन हेल्थ चेकअप
बच्चों की हड्डियों की मजबूती जांचने के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट या कैल्शियम लेवल का टेस्ट किया जाता है। यह उनकी ग्रोथ में मदद करता है।
इन टेस्ट के जरिए माता-पिता को अपने बच्चों की सेहत का पूरा ख्याल रखने में मदद मिलती है। सालाना हेल्थ चेकअप से किसी भी प्रकार की समस्या को समय रहते पहचान कर इलाज शुरू किया जा सकता है, जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है।
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Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।