




The Khabar Xpress 10 अक्टूबर 2024। हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है कि वो सही डाइट फॉलो करे। सही डाइट की मदद से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है, जिससे हम एनर्जेटिक रहते हैं और काम करते हुए थकान भी महसूस नहीं करते हैं। यहां तक कि सही खानपान और हेल्दी डाइट हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और बीमार होने के जोखिम को कम करता है। वहीं, अगर हम किसी खास मेडिकल कंडीशन से जूझ रहे लोगों की बात करें, तो उनके लिए गलत डाइट फॉलो करना हेल्थ के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। विशेषकर, डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत जरूरी है कि वे सही डाइट फॉलो करें। गलत डाइट फॉलो करने से उनकी सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, श्रीडूंगरगढ़ के डॉक्टर के.एल. शर्मा बता रहे है डायबिटीज के मरीजो को गलत खानपान से क्या हो सकते हैं।
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डायबिटीज रोगियों के लिए गलत डाइट फॉलो करने के नुकसान-

ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है-
अगर डायबिटीज के रोगी गलत डाइट फॉलो करते हैं, जिसमें कार्ब्स की मात्रा ज्यादा हो या शुगर बेस्ड फूड आइटम अधिक हों। इस तरह की स्थिति में डायबिटीज रोगियों के ब्लड शुगर का स्तर बहुत तेजी से हाई हो सकता है। मधुमेह के रोगियों के लिए यह बिल्कुल सही नहीं है। उन्हें अपने ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस रखने की कोशिश करनी चाहिए।
हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ना-
डायबिटीज से रोगियों को अपनी डाइट में सेचुरेटेड फैट या ट्रांस फैट भी शामिल नहीं करना चाहिए। ये कोलेस्ट्रॉल से भरपूर होते हैं। ध्यान रखें कि डायबिटीज रोगियों के लिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना सही नहीं है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो सकता है और हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ सकता है।
वजन का बढ़ना-
डायबिटीज रोगियों को अपने बढ़ते वजन को भी कंट्रोल में रखना चाहिए। असल में, जैसे-जैसे बॉडी वेट बढ़ता है, ब्लड शुगर का स्तर भी बिगड़ता चला जाता है। वजन को संतुलित बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि डायबिटीज रोगी अपनी डाइट में हाई कैलोरी युक्त चीजों का सेवन कम कर दें। इसके अलावा, शुगर की मात्रा को भी सीमित रखना वजन को संतुलित रखने के लिए जरूरी है।
नर्व डैमेज (न्यूरोपैथी)-
डायबिटीज रोगियों को हमेशा से ही नर्व डैमेज होने का जोखिम रहता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि डायबिटीज में शुगर का स्तर प्रभावित होता है, जिसका नेगेटिव नर्व्स पर पड़ सकता है। वहीं, अगर डायबिटीज रोगी अपनी हेल्थ का ध्यान न रखें यानी विटामिनी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट फॉलो न करे, तो ऐसे में उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इससे नर्व डैमेज होने का रिस्क बढ़ जाता है। नतजीतन, सुन्नता, झुनझुनी या दर्द जैसे लक्षण उभरने लगते हैं। आमतौर पर डायबिटीज के रोगियों में न्यूरोपैथी की समस्याएं देखने को मिलती है।
किडनी से जुड़ी बीमारी (नेफ्रोपैथी)-
ध्यान रखें कि अगर डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस न किया जाए, तो ऐसे में किडनी से जुड़ी बीमारी का रिस्क भी बढ़ सकता है। वहीं, अगर कोई डायबिटीज रोगी अपनी डाइट में प्रोटीन या सोडियम का अधिक मात्रा में सेवन करता है, तो ऐसे में किडनी फंक्शन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। डायबिटीज रोगी अपनी कंडीशन में सुधार कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि वे हेल्दी डाइट फॉलो न करें, न कि खराब डाइट। उनके लिए जरूरी है कि अपने लिए सही डाइट चार्ह प्रोफेशनल की मदद से बनवाएं।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

