एजुकेशन टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर ऐस्ट्रो ऑटो खेल ट्रेंडिंग धर्म बिजनेस मनोरंजन मूवी रिव्यू रिजल्ट लाइफस्टाइल विशेष

क्या आपके बच्चे भी छोटी बातों पर गुस्सा करते हैं ?, तो इसे नजरअंदाज न करें, बच्चों के गुस्सेल स्वभाव पर रखे नियंत्रण

Published on: September 26, 2024

The Khabar Xpress 26 सितम्बर 2024। बहुत से बच्चे बेहद कम उम्र में काफी ज्यादा गुस्सेल होते हैं, छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन महसूस करना, लोगों को जवाब देना, ऊंची आवाज में बात करना आदि उनके बर्ताव में शामिल हो जाती है। क्या आप भी इन चीजों का अनुभव कर रही हैं? क्या आपके बच्चे भी छोटी बातों पर गुस्सा करते हैं? तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि ज्यादातर माता-पिता बच्चों के इस व्यवहार को या तो नजरअंदाज कर देते हैं, या बच्चों के साथ उल्टा गुस्से से पेश आते हैं।

हालांकि, ऐसी स्थिति में बच्चों के प्रति गुस्सा व्यक्त करने की जगह उनके व्यवहार को नियंत्रित करने पर ध्यान देना अधिक आवश्यक हो जाता है। चाइल्ड विशेषज्ञ साईकोलॉजिस्ट बताते है कि बच्चों के एंगर इश्यूज को नियंत्रित करने के लिए माता-पिता को पूरी तरह से एक्टिव होना चाहिये। साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे टिप्स बताएं जिनके माध्यम से बच्चों के इस बर्ताव में सुधार करने में मदद मिलेगी। 

क्यों बच्चों में बढ़ता जा रहा है गुस्सा?

बच्चों में बढ़ते गुस्से का कई कारण है, बच्चों में तनाव का स्तर बढ़ रहा है। वहीं डिजिटलाइजेशन के इस दुनिया में स्मार्टफोन का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर अधिक एक्टिव रहना और छोटी उम्र से ही वीडियो गेम खेलना, रील्स देखना, यूट्यूब चलाना आदि बच्चों को चिड़चिड़ा बना रहा है। वहीं घर का माहौल भी बच्चों के गुस्से के लिए जिम्मेदार हो सकता है। खासकर मां-बाप का बिहेवियर, मां-बाप यदि एक दूसरे पर या बच्चे पर अधिक गुस्सा करते हैं, तो बच्चे में भी यह प्रवृत्ति आ सकती है। इतना ही नहीं यदि बच्चों को भावनात्मक लगाव नहीं मिल पाता है, तो बच्चे चिड़चिडे और गुस्सैल हो जाते हैं।

low level kids energy
एग्जाम्स के समय करें बच्चों की मदद।

जानें बच्चे के गुस्से को कैसे मैनेज करना है

1. ट्रिगर्स की पहचान करें

यह पता लगाने की कोशिश करें कि आपके बच्चे को किन बातों पर गुस्सा आता है। आम ट्रिगर्स में निराशा शामिल है, जब उन्हें कोई चीज नहीं मिल पाती जो वे चाहते हैं, या उनसे कुछ ऐसा करने के लिए कहा जाता है, जो वे नहीं करना चाहते।

इन ट्रिगर्स को समझें और सबसे पहले इन पर काम करना शुरू करें। यदि आप अपने बच्चों को किसी चीज की इजाजत नहीं देना चाहती हैं, तो सीधे मना न करें उन्हें समझाएं कि आप ऐसा क्यों चाहती हैं। बच्चों को समझने में थोड़ा समय लग सकता है, परंतु यदि आप लगातार कोशिश करती रहती हैं, तो वे आपकी बात को समझना शुरू कर देते हैं।

2. पूछें कि उन्हें क्या गलत लग रहा है

अगर स्पष्ट नहीं है कि बच्चा क्यों परेशान है, तो यह एक महत्वपूर्ण कदम है। भले ही आपको पता हो, लेकिन उनके लिए अपने अनुभव को अपने शब्दों में व्यक्त करना अधिक उपयोगी हो सकता है। खुद को व्यक्त करने से उन्हें अपनी भावनाओं को समझने और भावनात्मक जागरूकता विकसित करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही भविष्य में यदि उनके बिहेवियर में अंतर आता है, तो आप उन्हें आसानी से समझ पाएंगी। साथ ही आपके और बच्चे के बीच एक बेहतर बॉन्ड बनेगा।

3. एक बेहतर श्रोता बनें

बच्चों की बात सुनना उन्हें आपकी बात सुनने के लिए प्रेरित करने का एक सर्वोत्तम तरीका है। इससे उन्हें यह महसूस करने में भी मदद मिलेगी कि उन्हें समझा जा रहा है और उनकी सराहना की जा रही है। एक अच्छा श्रोता बनने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

बच्चों के प्रति गुस्सा व्यक्त करने की जगह उनके व्यवहार को नियंत्रित करने पर ध्यान देना अधिक आवश्यक हो जाता है।

एक खुला रिश्ता स्थापित करें, जहां वे जब भी ज़रूरत महसूस करें आपसे बात कर सकें। यदि आप बच्चे को कुछ गलत करते हुए देख लेती हैं, तो उन्हे खुद को समझाने का मौका दें। उसके तर्क के बारे में सवाल पूछें और उन्हें समझने की कोशिश करें।

4. स्पर्श है रेमेडी

गुस्से में स्पर्श के माध्यम से बच्चों को शांत होने में मदद मिलती है, खासकर जब किसी अपने, भरोसेमंद व्यक्ति से स्पर्श मिल रहा हो। गले लगाने से शरीर में ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है, जो एक “बॉन्डिंग हार्मोन” है। यह हार्मोन तनाव के स्तर को कम करता है और सकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा देता है। यदि कोई बच्चा परेशान और अभिभूत है, तो उसे ठीक होने में मदद करने के लिए अपना भरपूर स्पर्श दें और उन्हें दिखाएं कि आप उनके लिए एक भरोसेमंद स्रोत हैं।

ये भी पढ़े :- लाइलाज नहीं है हेपेटाइटिस, जानिए कैसे किया जा सकता है इसका समय रहते उपचार

5. अच्छे व्यवहार को प्रोत्साहित करें

बच्चे के बुरे व्यवहार के लिए उन्हें बार बार टोकने की जगह उसके द्वारा किए गए सही कामों को प्रोत्साहित करें। ऐसा नहीं है की आपको उनकी गलती कभी नहीं बतानी परंतु जितना संभव हो, अपने बच्चे के कुछ सही करने का इंतज़ार करें और फिर उस व्यवहार को प्रोत्साहित करें।

सिर हिलाना, मुस्कुराना और गले लगाना व्यवहार को मजबूत करने और पैसे खर्च किए बिना रिश्ते को बेहतर बनाने का एक प्रभावी तरीका है। इस प्रकार आपके और आपके बच्चों के बीच भावनात्मक जुड़ाव भी बढ़ता है।

तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि ज्यादातर माता-पिता बच्चों के इस व्यवहार को या तो नजरअंदाज कर देते हैं.

6. अपने व्यवहार पर भी नजर रखें

बच्चे को शांत करने के लिए सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है खुद शांत रखना। अगर आप परेशान हैं, तो बच्चे को शांत रखना बहुत मुश्किल होगा। बच्चों का व्यवहार कहीं न कहीं उनके पैरेंट्स के बर्ताव से मिलता जुलता है। यदि वे बचपन से अपने माता या पिता को गुस्सा करते हुए देखते आते हैं, तो उनके अंदर भी आक्रोश बढ़ जाता है।

इसलिए बच्चों के सामने गलत व्यवहार करने से बचना चाहिए। अगर आप बच्चों पर चीखती हैं, तो उनका रिएक्शन भी आपकी ओर ठीक वैसा ही हो सकता है। क्योंकि वे आपसे सीखते हैं, कि गुस्से में चीखना और चिल्लाने की प्रक्रिया की जाती है, इसलिए सबसे पहले अपने व्यवहार को सरल और शांत रखें, तभी बच्चों का व्यवहार भी बेहतर होगा।

सोर्स-गूगल

Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

पढ़ना न भूलें

खेजड़ली आंदोलन की बरसी आज, 295 सालों बाद खेजड़ली आंदोलन की फिर से जरूरत

सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत नगरपालिका द्वारा लगाये जायेंगे वार्डो में शिविर, आमजन जाने क्या क्या होगा शिविर में, समस्या समाधान का मौका

सिक्किम में हुआ शहीद मेजर जनरल की प्रतिमा का अनावरण, प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष सहित क्षेत्र के युवा भाजपा नेता रहे साथ

सेवा का पर्याय बना द्वारकाधीश रुणिचा पैदल यात्री संघ, गौमाता एवं अबोल जानवरो के लिये आपणो गाँव श्रीडूंगरगढ़ सेवा समिति को किया आर्थिक सहयोग

उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई में समस्याओं का अंबार, उपखण्ड अधिकारी शुभम शर्मा का संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश

17 सितंबर को आयोजित मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव महाअभियान को सफल बनाने के लिए जन अभियान, टीम को मिल रहा जनप्रतिनिधियों व संस्थाओं का अभूतपूर्व समर्थन

Leave a Comment