




The Khabar Xpress 23 सितम्बर 2024। बच्चे के जन्म के साथ ही बच्चों को किसी न किसी तरह की परेशानी होती ही रहती है। खासकर नवजात शिशुओं को तो तकलीफें होना आम बात मानी जाती है। कई बार नवजात शिशु दूध को सही तरीके से पचा नहीं पाता है, जिसके कारण दूध की उल्टी, गैस के कारण पेट में दर्द जैसी तकलीफ होती है। बच्चे को होने वाली परेशानियों को देखकर न्यू पेरेंट्स भी दुखी हो जाते हैं। नए पेरेंट्स इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि आखिरकार बच्चे को किस तरह से ठीक किया जाए। कई बार आपने देखा होगा कि छोटे बच्चों को बहुत ज्यादा हिचकी आती है
आपने देखा होगा कि नवजात शिशुओं को दिन में कई बार हिचकी आती है, जिसके कारण वह शारीरिक तौर पर काफी परेशान होता है। हिचकी की वजह से बच्चा रोने भी लगता है। अपने बच्चे को रोता हुआ देखकर मातायें मानसिक तौर पर काफी परेशान हो जाती है। उस समय में उनके दिमाग में एक ही बात आती थी कि कैसे भी करके बच्चे की हिचकी रुक जाए और वो शांत हो जाए। कई न्यू मॉम को छोटे बच्चों के साथ इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या बच्चों को हिचकी आना सामान्य बात है ? और बच्चों की हिचकी रोकने के लिए क्या करना चाहिए।
बच्चों को हिचकी क्यों आती है? –
चाइल्ड स्पेसलिस्ट बताते हैं कि बच्चों को हिचकी क्यों आती है और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि वयस्कों की तरह की बच्चों को भी हिचकी आना एक सामान्य प्रक्रिया है। जब न्यू पेरेंट्स बच्चों को जल्दी-जल्दी दूध पिलाते हैं या ज्यादा मात्रा में दूध पिला देते हैं, तो उन्हें हिचकी की समस्या होती है। दरअसल, जब बच्चा बहुत कम समय के गैप में दूध पिता है, तो इसकी वजह से उसे पेट फूलने की समस्या होने लगती है। इस कारण बच्चे को हिचकी आती है। वहीं, खाने की नली में दूध या हवा के फंसने के कारण भी हिचकी समस्या होती है। एक्सपर्ट के अनुसार, जब बच्चे के खाने की नली में दूध फंसता है, तो ब्रीदिंग प्रॉब्लम शुरू होती है, जिसकी वजह से उन्हें हिचकी आती है। डॉक्टरों की मानें तो अगर बच्चे को 5 से 10 मिनट तक हिचकी समस्या होती है, तो यह एक आम बात है। लेकिन हिचकी के कारण बच्चा ज्यादा परेशान हो रहा है, रोने लगता है, तो इस स्थिति में पेरेंट्स को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बच्चों की हिचकी को रोकने के उपाय
– बच्चे की हिचकी रोकने के लिए उसकी पीठ को सहलाएं। छोटे बच्चों को कम समय के गैप में दूध पिलाने से बचें।
– बच्चे को सीधा बैठाएं या पीठ पर लेकर थपकी देते हुए डकार दिलाए। एक्सपर्ट का कहना है कि जब बच्चा दूध पिता है, तो अपने मुंह में कुछ हवा भी लेकर चला जाता है। जब आप पीठ को थपथपाते हैं, तो डकार के जरिए गैस बाहर निकल जाती है। ऐसा करने से बच्चे को हिचकी से राहत मिल जाती है।
– हिचकी रोकने के लिए बच्चे को ग्राइप वाटर पिलाएं। ग्राइप वाटर का इस्तेमाल करने से हिचकियां बंद हो जाती है।
– अगर आपका बच्चा कुछ खाने वाला हो चुका है तो हिचकी रोकने के लिए उसके मुंह में कुछ दानें चीनी के डालें।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

