



The Khabar Xpress 03 सितंबर 2024। भजनलाल सरकार ने किसानों को इजरायल भेजने की घोषणा वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में की थी। नॉलेज एनहोसमेंट प्रोग्राम (ज्ञान संवर्धन कार्यक्रम) के अंतर्गत उद्यानिकी आयुक्तालय ने इस भ्रमण कार्यक्रम के लिए किसानों की चयन प्रक्रिया आरम्भ कर दी है। इसके तहत प्रदेश के 10 जिलो से अलग-अलग श्रेणियों में 100 प्रगतिशील किसानों का चयन किया जाएगा। चयनित होने वाले किसानों में एसटी, एससी, महिला कृषकों के साथ-साथ 20 प्रतिशत पशुपालकों को भी शामिल किया जाएगा।
हाईलाइट्स
प्रदेश के इन जिलों के किसानों को मिलेगा अवसर
इन किसानों को विदेश जाकर अत्याधुनिक खेती के गुर सीखने का अवसर मिलेगा। उद्यानिकी आयुक्त जय सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का फायदा राज्य के भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, जयपुर, जालौर, जोधपुर, कोटा और श्रीगंगानगर जिले के किसानों को मिलेगा। इस कार्यक्रम के तहत 75 फीसदी किसानों का चयन विभागीय स्तर पर होगा। वहीं 25 प्रतिशत किसानों का चयन राज्य सरकार के स्तर पर होना है। उद्यानिकी आयुक्त ने बताया कि किसानों का चयन 10 सितम्बर तक किया जाना है।
पशुपालक भी जाएंगे विदेश
उद्यानिकी आयुक्त ने बताया, आपराधिक छवि वाले और अपराधिक मुकदमा झेल रहे किसानों का चयन नहीं किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत पशुपालकों के चयन के लिए भी मापदंड तय किए गए हैं। 20 गाय, भैंस डेयरी, 10 ऊंट या 50 भेड़-बकरी की संख्या और एक दशक से कार्य से जुड़े होने पर किया जाएगा। शेष शर्ते किसान चयन की ही रहेंगी।
किसानों के चयन के मापदंड
किसानों के चयन के लिए विभिन्न मापदंड अपनाए जाएंगे। किसान के पास एक हेक्टेयर कृषि भूमि होनी चाहिए और वह पिछले 10 सालों से लगातार खेती कर रहा हो। किसान द्वारा उच्च कृषि तकनीक (संरक्षित खेती, सूक्ष्म सिंचाई, मल्चिंग, सौर ऊर्जा पंप, ड्रोन, फर्टिगेशन, ऑटोमेशन, फार्म पॉण्ड) अपनाई जा रही हो। जिला या राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त होना भी पात्रता की शर्तों में शामिल है।
आवेदक किसान पंचायती राज संस्था, सहकारी संस्था, वाटर यूज एसोसिएशन, कृषि मंडी आदि में बीते 10 सालों से किसी पद पर रहा हो या फिर उसे एफपीओ का सदस्य होना चाहिए। 50 से कम उम्र के आवेदक, जो कम से कम 10वीं तक शिक्षा प्राप्त हों और वैध पासपोर्ट धारक हैं, उन्हें विदेश घूमने का अवसर मिल सकता है। इन मापदंडों के आधार पर स्कोर निर्धारित किया जाएगा और विभागीय कमेटी द्वारा किसानों का चयन किया जाएगा।
इजरायल की कृषि तकनीक क्यों है खास
भारत के लगभग 60 फीसदी भूमि क्षेत्र का उपयोग कृषि के लिए किया जाता है। इसमें कृषि योग्य भूमि, स्थायी फसलों के अंतर्गत आने वाली भूमि और स्थायी चरागाहों के अंतर्गत आने वाली भूमि शामिल है। वहीं, विश्व बैंक के अनुसार, इजरायल का 29.7 प्रतिशत हिस्सा कृषि भूमि है। इस्राइल में कृषि अत्यंत विकसित है और यहां यह एक पूर्ण विकसित उद्योग के रूप में है।
श्रीडूंगरगढ़ के कृषि अधिकारी कन्हैयालाल सारस्वत ने बताया कि यद्यपि इजरायल की जलवायु एवं भूगोल कृषि के लिए प्राकृतिक रूप से उपयुक्त नहीं है। फिर भी इजरायल बहुत-सी कृषि प्रौद्योगिकियों में विश्व में अग्रणी है। यह ताजा कृषि उत्पादों का एक मुख्य निर्यातक है। अपनी आधी से अधिक भूमि रेगिस्तान होने के बावजूद इजरायल कृषि क्षेत्र में अग्रणी है और कृषि प्रौद्योगिकियों के उपयोग से अपनी क्षमता को बेहतर बनाया है। भारत के किसान इजरायल की कृषि तकनीक एवं कृषि उद्योग से काफी कुछ सीख सकते हैं। सारस्वत ने बताया कि बीकानेर संभाग से भी 8 किसान विदेश यात्रा पर जाएंगे। इसके लिए राजकिसान साथी पोर्टल पर आगामी 10 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे।


