



The Khabar Xpress 20 अगस्त 2024। मॉनसूनी मौसम सभी के लिए राहत भरा होता है क्योंकि यह गर्मी के बाद आता है. हालांकि, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह अपने साथ कई सारी खतरनाक बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाता है. जैसे मलेरिया, हैजा, डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य घातक बीमारियां. हर साल अलग-अलग तरह के मच्छर पैदा होते हैं, जिससे कई सारी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है. ऐक्ने और हेयर डैमेज के अलावा इस मौसम में कुछ बीमारियां तो ऐसी होती हैं, जो काफी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा हो सकती हैं.
चिलचिलाती गर्मी से बारिश के कारण राहत तो मिल जाती है, लेकिन अचानक से तापमान गिरने के कारण कई सारे वायरस और बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. बारिश में कई सारे इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. जैसे स्किन एलर्जी, डेंगू फीवर, मलेरिया और फ्लू इंफेक्शन. इन समस्याओं से निजात पाना बेहद मुश्किल होता है. इस मौसम में सबसे जरूरी है कि आप कुछ खास बातों का ख्याल रखें. इस मौसम में हाईजीन का खास ख्याल रखें.
आइए विस्तार से जानें कि इस मौसम में किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है
1. मच्छरों से फैलने वाली बीमारी
इस मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारी काफी तेजी में फैलती है. जैसे-मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया. मॉनसून के मौसम में मच्छरों से काटने वाली बीमारी तेजी से फैलती है. बारिश के मौसम में जगह-जगह पानी जमा होने लगता है. ऐसे में मच्छर से काटने वाली बीमारी तेजी में फैलती है.
- मलेरिया
मलेरिया की बीमारी एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है. मलेरिया के लक्षण हैं बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना के साथ-साथ बुखार उतरते वक्त पसीना निकलना. यदि आप भी इस मौसम में ऐसे किसी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं तो आपको तुरंत ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए. इससे आपको वक्त रहते पता चल जाएगा कि मलेरिया की बीमारी है या नहीं?
- डेंगू
डेंगू एडीज एजिप्ट मच्छर के काटने से फैलता है. इसके लक्षण होते हैं तेज बुखार, रैशेज, सिरदर्द और तेजी में प्लेटलेट काउंट का गिरना. सबसे जरूरी है समय रहते इसका इलाज करवाना.
- चिकनगुनिया
चिकनगुनिया खासकर बरसात के मौसम में फैलती है. यह बीमारी टाइगर एडीज एल्बोपिक्टस प्रजाति के मच्छर के काटने से होती है. जोड़ों में दर्द, थकान, ठंड लगने के साथ बुखार होना चिकनगुनिया के प्रमुख लक्षण हैं.
2.एयरबोर्न डिजीज
मॉनसून के मौसम में सर्दी, फ्लू, इन्फ्लूएंजा, बुखार, गले में खराश और एयरबोर्न इंफेक्शन तेजी से बढ़ती है. ऐसी समस्याएं एयरबोर्न बैक्टीरिया के कारण फैलती हैं. इस मौसम में हल्की सी लापरवाही आपको बुरी तरह बीमारी कर सकती है. यह इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है. बुजुर्ग और बच्चों को इस तरह की गंभीर बीमारी होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
- कोल्ड एंड फ्लू
मॉनसून के दौरान कोल्ड और फ्लू का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. अचानक से टेंपरेचर बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है.
3. वॉटर बोर्न डिजीज
मॉनसून के मौसम में वॉटर बोर्न डिजीज जैसे डायरिया, जौंडिस, हेपेटाइटिस ए, टाइफाइड, हैजा और पेट में होने वाले इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. यह सभी संक्रमण गंदे पानी की वजह से फैलते है. जैसे कि सीवेज पाइप, और गड्ढों में जमा पानी. कंटेनर में जमा हुए इस अनसैनिटरी वॉटर का प्रयोग खाना बनाने और अन्य घरेलू कार्यों को करने में किया जाता है. जिस वजह से बरसात के मौसम में लोग अक्सर बीमार हो जाते हैं.
- टाइफाइड फीवर
कॉन्टैमिनेटेड फूड्स और वॉटर के कारण टाइफाइड फीवर हो सकता है.
- हैजा
हैजा अपने आप में एक गंभीर बीमारी है. इसे एयरबोर्न इंफेक्शन है. जो विब्रियो हैजा नाम की बैक्टीरिया के कारण इस बीमारी में फैलता है.
- लेप्टोस्पायरोसिस
यह बीमारी एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है. पानी से भरे क्षेत्रों में जब जानवर घूमते हैं तो उनके द्वारा यह बीमारी फैलती है. मसल्स डिस्कंफर्ट, वोमिटिंग, डायरी ओं स्किन रैशेज है.
- जॉन्डिस
जॉन्डिस एक तरह का वॉटरबोर्न बीमारी है जो कॉन्टैमिनेटेड फूड और वॉटर के कारण फैलता है. आसपास में जमी गंदगी के कारण यह बीमारी का खतरा बढ़ता है. इस बीमारी के कारण लिवर भी फेल हो सकता है. इसके आम लक्षणों में है पीला पेशाब, आंखों का पीला पड़ना और उल्टी आना.
- हेपेटाइटिस ए
बुखार, उल्टी और रैशेज हेपेटाइटिस ए के प्रमुख लक्षणों में से एक होते है. यह समस्या आमतौर पर गंदे पानी और खानपान के कारण होता है.
4. वायरल इंफेक्शन
मॉनसून के कारण वायरल इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. बरसात के मौसम में फंगल इंफेक्शन के साथ-साथ बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. पेट में इंफेक्शन के कारण यह सीधा इम्युनिटी पर भी हमला करता है. मॉनसून में लोग गंभीर वायरल इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं.
- निमोनिया
मॉनसून में निमोनिया का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसके कारण कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. निमोनिया पैदा करने वाली बैक्टीरिया हवा में होती है. यह सांस लेने के दौरान हमारे शरीर के अंदर घुसकर संक्रमित कर देती है. जिसके कारण लंग्स में हवा और सूजन हो जाती है. निमोनिया के लक्षण हैं ठंड लगकर बुखार आना, भूख न लगना, चिपचिपी त्वचा, पसीना, सीने में तेज दर्द और सांस लेने में दिक्कत होना इसके शुरुआती लक्षण होते हैं.
मॉनसून में कुछ ऐसी लाइफस्टाइल रखें
- पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें. इम्युनिटी बूस्ट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा नैचुरल चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें. ताकि दूसरी बीमारियों का खतरा कम होगा. पूरे कपड़े पहने ताकि मच्छर न काट पाए.
- आसपास के जगहों पर फॉगिंग करें. घर के आसपास पानी जमा होने न दें.
- हैजा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को प्रभावित करता है. जिसके कारण डिहाइड्रेश और डायरिया की संभावना बढ़ जाती है. मॉनसून के दौरान उबला और साफ-सुथरा पानी पिएं.
- टाइफाइड से बचना है तो पर्सनल हाइजीन का खास ख्याल रखें.
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

