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1 जुलाई से लागू हो रहे तीन नए आपराधिक कानून, नागरिकों को मिलेंगी कई नई सेवाएं, जाने क्या होंगे बदलाव, खत्म हो जाएगी IPC

Published on: June 30, 2024

The Khabar Xpress 30 जून 2024। देश में 30 जून की रात 12 बजने के साथ ही अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून समाप्त हो जाएंगे। 1 जुलाई से इनकी जगह तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे।इस नए कानून के लागू होने के बाद, देश में आईपीसी और सीपीआरपीसी की छुट्टी हो जाएगी। अब किसी भी अपराध की एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकेगी।इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC), और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह नए क्रिमिनल कानून देश में लागू होंगे। भारतीय दंड संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)  लागू होंगे।

इन नए कानूनों में जांच, ट्रायल, और अदालती कार्यवाहियों में तकनीक के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, NCRB ने मौजूदा क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) एप्लिकेशन में 23 कार्यात्मक संशोधन किए हैं। यह संशोधन नए सिस्टम में आसानी से कंप्यूटर से FIR दर्ज करने और CCTNS संबंधित अन्य कार्य करने में सहायता करेंगे।

बड़े स्तर पर तैयारी पहले से हो गई थी शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, गृह मंत्रालय ने 25 दिसंबर, 2023 को तीन नए आपराधिक कानूनों की अधिसूचना जारी करने के तुरंत बाद, पुलिसकर्मियों, जेल अधिकारियों, अभियोजकों, न्यायिक अधिकारियों और फॉरेंसिक कर्मियों को जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य आरंभ कर दिया था। इसके अतिरिक्त, NCRB ने नए कानूनों को लागू करने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता के लिए 36 सपोर्ट टीम और कॉल सेंटर स्थापित किए हैं, ताकि किसी भी राज्य को इन नए कानूनों को लागू करने में आने वाली किसी भी प्रकार की तकनीकी या अन्य समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके।

तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को एक जुलाई 2024 से लागू करने की तैयारी पूरी हो गई है। हर स्तर पर प्रशिक्षण का सिलसिला तेजी से चल रहा है। एफआईआर दर्ज करने सहित नए आपराधिक कानूनों के साथ प्रौद्योगिकी अनुकूलता को सुगम बनाने के लिए मौजूदा सीसीटीएनएस एप्लीकेशन में 23 फंक्शनल संशोधन किए गए हैं। नई प्रणाली में निर्बाध ट्रांजिशन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।

14 मार्च, 2024 को आपराधिक कानूनों का एनसीआरबी संकलन नामक मोबाइल ऐप वेब एप्लीकेशन लॉन्च किया गया था, वर्तमान में इसके लगभग 1.2 लाख यूजर्स हैं।

नए आपराधिक कानूनों के तहत अपराध स्थलों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी, न्यायिक सुनवाई और इलेक्ट्रॉनिक रूप से अदालती समन भेजने को सुगम बनाने के लिए ई-साक्ष्य, न्यायश्रुति और ई-समन ऐप विकसित किए जा चुके हैं।

ई-साक्ष्य ऐप अपराध स्थलों की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और साथ ही दस्तावेजों की ऑनबोर्डिंग यानी ऐप पर दस्तावेजों को डालने की प्रक्रिया को सुगम बनाता है। इसे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभाग के साथ साझा किया गया है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस ऐप को परखा है।

इन तीन नए कानूनों में ऑनलाइन पुलिस शिकायत दर्ज होना, पेशी के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समन भेजना, सभी जघन्य अपराधों के स्थानों की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराना एवं ‘जीरो’ प्राथमिकी दर्ज करना जैसी प्रमुख विशेषताएं हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय इन तीन नए अपराध कानूनों को लागू करने के लिए कमर कस चुका है। इन कानूनों के संबंध में 5.65 लाख से अधिक पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, न्यायिक और अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया।

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