The Khabar Xpress 29 जून 2024। खून में मौजूद हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में लिवर काफी अहम भूमिका अदा करता है। यह शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है, जिसमें कई पोषक तत्वों को स्टोर करने की क्षमता होती है और शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन और ऊर्जा का निर्माण करने में भी यह काफी बड़ा रोल प्ले करता है। वैसे तो यह खुद ही अपनी मरम्मत कर लेता है, लेकिन जब चर्बी की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, तो फैटी लिवर डिजीज की समस्या देखने को मिलती है। आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी, कैसे दिखते हैं इसके लक्षण, किन लोगों को है ज्यादा जोखिम और कैसे कर सकते हैं बचाव?
हाईलाइट्स

क्या है फैटी लिवर डिजीज?
जब लिवर में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है, तो जाहिर तौर पर इसका कामकाज प्रभावित होता है। फैटी लिवर की समस्या दो प्रकार से देखने को मिलती है। पहला, अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज और दूसरा नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज। बता दें, शराब का ज्यादा सेवन करने वाले लोगों में अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या देखी जाती है, वहीं जो लोग शराब का सेवन नहीं करते हैं या बहुत सीमित मात्रा में करते हैं, उनमें नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज की शिकायत हो सकती है।
क्या हैं नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के लक्षण?
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से जुड़े लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं। आमतौर पर पेट के दाहिने हिस्से में ऊपरी ओर हो रहा दर्द इसका लक्षण हो सकता है। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा थकान, हाथ या पैर की नसें मोटी होना, आंखों और त्वचा में पीलापन भी एनएएफएलडी होने का लक्षण हो सकता है। जब यह एडवांस स्टेज पर पहुंच जाता है, तो लिवर में सूजन और पेट में असहनीय दर्द का सामना भी करना पड़ सकता है। हाथ-पैर, आंखों और स्किन पर नजर आने वाले लक्षण भी एडवांस स्टेज पर देखने को मिलते हैं।
किन्हें होता है ज्यादा खतरा?
फैटी लिवर का कोई एक और स्पष्ट कारण ढूंढ पाना वैसे तो मुमकिन नहीं है, क्योंकि आज भी इस विषय पर शोध चल रहे हैं कि लिवर में फैट जमा होने के क्या कारण हो सकते हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मोटापा, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की परेशानियों से जूझ रहे लोगों को इसका जोखिम ज्यादा होता है। साथ ही, जिन महिलाओं में पीसीओएस की समस्या होती है उन्हें भी फैटी लिवर डिजीज होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा अगर आपको थायराइड या टाइप 2 डायबिटीज है, तो भी फैटी लिवर डिजीज का जोखिम ज्यादा रहता है।
कैसे करें बचाव?
फैटी लिवर डिजीज से बचाव के लिए लाइफस्टाइल और डाइट का अच्छा होना काफी ज्यादा जरूरी है। ध्यान रखें कि आपके खानपान में तेल या घी वाली चीजें ज्यादा शामिल न हों, इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और मौसमी फलों का सेवन भी बेहतर है। सैचुरेटेड चीजों को डाइट से आउट करें और जंक फूड से भी दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा शराब और सिगरेट से भी परहेज करें और मोटापे को दूर रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज का सहारा लें।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।