The Khabar Xpress 24 मई 2024। श्रीडूंगरगढ़ में किसी के निजी फायदे के चलते प्रशासन और आयोजक इतने अंधे हो गए कि उनकी अनदेखी के चलते एक हंसता खेलता परिवार उजड़ गया। कस्बे से निकलती स्टेट हाइवे पर के साइड में बने दशहरा मैदान में इन दिनों एक न्यूज पोर्टल श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स के मीडिया पार्टनरशिप में इसी पोर्टल के परिजनों द्वारा मेला लगाया गया है। ज्ञात हो कि कल गुरुवार रात्रि को मेले से निकलते ही एक महिला और उसके दो बच्चो को मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी, जिसमे महिला की मौत हो गई और गंभीर रूप से घायल बच्चो को बीकानेर रेफर कर दिया गया। नगरपालिका अध्यक्ष मानमल शर्मा से बात करने पर पता चला कि नगरपालिका द्वारा किसी भी प्रकार की स्वीकृति नही दी गयी है। दशहरा मैदान की कमेटी बनी हुई है वे ही इसके लिए उत्तरदायी है। उसमें होने वाले आयोजनों के लिये स्वीकृति कमेटी ही जारी करती है।
जबकि सभी को पता है कि स्टेट हाइवे पर से इतने वाहन गुजरते है बावजूद इसके वहाँ पर यातायात व्यवस्था के लिये किसी भी प्रकार की व्यवस्था नही है। बता देवे कि गुरुवार रात्रि 9बजे जैसे ही मेले से मनीषा सोनी पत्नी किशन सोनी अपने दो बच्चों के साथ निकली तो ठीक मेले के आगे ही बाइक सवार ने तेज गति में उसे टक्कर मारी। जिसके कारण मनीषा की मौत हो गई और दोनों बच्चे गम्भीर घायल हो गए जिनका ट्रोमा सेंटर में इलाज चल रहा है। भगवान करे कि वो बच जाए परंतु लड़के के सिर में गहरी चोट आई है जो जानलेवा हो सकती है। मेले आयोजको की कारस्तानी तो देखो कि उनकी शह पर बाइक सवार वहां से भाग गए।
जनता पूछ रही है तीन सवाल
1. धारा 144 लगी होने के बाद भी मेला आयोजको को अनुमति किसने दी ?
2. अनुमति दी या नहीं ?
3. अनुमति नहीं दी तो स्टेट हाइवे पर इतने दिनों से मेला कैसे लग सकता है ?
4. मेले से एक साथ रात को भीड़ छूटने पर व्यापक प्रबंध क्यों नहीं किये गए ?
मृतका के परिजनों ने आरोप लगाते हुए मोर्चरी से शव लेने से मना कर दिया कि मोटरसाइकिल सवार लोगो को गिरफ्तार किया जाए। साथ ही अवेध रूप से आयोजित मेले मालिको पर कार्यवाही की जाए। मृतका के परिजनों और स्वर्णकार समाज ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग के साथ मोर्चरी के आगे धरना दे दिया है।
हॉस्पिटलके आगे श्रीडूंगरगढ़ वृताधिकारी निकेत पारीक पहुंच गए है और स्वर्णकार समाज के लोगो के साथ वार्ता कर रहे है। मौके पर स्वर्णकार समाज के ओमप्रकाश सुनार, रामलाल सुनार, काशीराम सुनार, पवन सुनार, शिवप्रसाद तावणियाँ, भवानी तावणियाँ सहित स्वर्णकार समाज के असंख्य लोग जमा है।
