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भीषण गर्मी में भी जकड़ लेता है सर्दी-जुकाम, तो एक्सपर्ट से जानें इसका कारण और कैसे करें बचाव

Published on: May 4, 2024

The Khabar Xpress 04 मई 2024। मई के महीने के साथ ही गर्मी का सितम भी बढ़ गया है। चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। सितम ढाती गर्मी जहां एक तरफ लोगों को पसीने से तर-ब-तर कर देती है, तो वहीं कुछ लोग इस मौसम में भी सर्दी-जुकाम का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अकसर उनके मन में सवाल उठता है कि भीषण गर्मी में आखिर सर्दी-जुकाम क्यों होता है और गर्म मौसम होने के बाद भी लोग कैसे इसका शिकार हो जाते हैं।

अगर आप भी उन लोगों में से जो भयंकर गर्मी में सर्दी-खांसी का शिकार हो जाते हैं और आपके मन में भी यह सवाल उठता है कि आखिर गर्मी में कैसे सर्दी हो सकती हैं, तो ये जरूर जान लेवे।

गर्मियों में क्यों होता है सर्दी-जुकाम?

डॉक्टर पियूष बताते हैं कि बहुत से लोग गर्मियों में होने वाली सर्दी से आश्चर्यचकित होते हैं, क्योंकि वे आम तौर पर सर्दी को ठंडे मौसम से जोड़ते हैं। हालांकि, यह सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि वायरस के कारण भी होता है। एंटरोवायरस और राइनोवायरस जैसे वायरस इसकी वजह हो सकते हैं, जो गर्म जलवायु में भी प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, तापमान में बदलाव से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, जैसे कि ठंडे एयर कंडीशनिंग सिस्टम से गर्म आउटडोर सिस्टम में जाना, जिससे आप बीमारियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं।

यह भी हो सकते हैं कारण

डॉक्टर आगे कहते हैं कि इसके अलावा पराग या पोलन और अन्य एलर्जी रेस्पिरेटरी सिस्टम को परेशान करते हैं और संक्रमण के प्रति इसकी संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं। ये एलर्जी लक्षणों को खराब कर सकती है। गर्मियों के दौरान, घर के अंदर के प्रदूषक तत्व जैसे फफूंदी, धूल और पालतू जानवरों के बाल आदि भी रेस्पिरेटरी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।

ऐसे में रखें अपना ख्याल

  • गर्मियों में होने वाले सर्दी-जुकाम से बचने के लिए सही साफ-सफाई जैसे अपने लगातार हाथ धोना (सार्वजनिक स्थान पर या बीमार लोगों के बीच रहने के बाद) जरूरी है।
  • इसके अलावा पर्याप्त पानी पीने से आपके गले और नाक में म्यूकोसल मेमब्रेन गीली रहती है, जो वायरस को शरीर में अंदर प्रवेश करने से रोकती है।
  • साथ ही बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क को कम करने से भी वायरस फैलने की संभावना कम करने में मदद मिल सकती है।
  • घर-ऑफिस की नियमित सफाई, वैक्यूमिंग और कमरे में हवा के जरिए स्वच्छ, हवादार इनडोर वातावरण बनाए रखकर भी रेस्पिरेटरी समस्याओं का कारण बनने वाले इनडोर प्रदूषकों को खत्म किया जा सकता है।

Disclaimer: ये लेख आपकी जानकारी के लिए है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से सम्पर्क करें।

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