



The Khabar Xpress 01 मई 2024।
भारत में डायबिटीज की बीमारी इतनी तेजी से बढ़ी है कि भारत को डायबिटीज का गढ़ कहा जाने लगा है। लेकिन, केवल डायबिटीज ही नहीं अन्य कई मेटाबॉलिक बीमारियों का रिस्क भी भारत के लोगों के सिर मंडरा रहा है। एक नयी स्टडी में यह पता चला कि भारत में नॉन-कम्युनिकेबल डिजिजेज यानि गैर-संक्रामक बीमारियों के मामले आनेवाले समय में बहुत अधिक बढ़ सकते हैं।
आईसीएमआर ( Indian Council of Medical Research) के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा की गयी इस स्टडी में यह पता चला है कि भारत के कई राज्यों में नॉन-कम्युनिकेबल मेटाबॉलिक डिजिजेज (non-communicable metabolic diseases) का खतरा बढ़ रहा है। इस स्टडी को लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी (The Lancet Diabetes & Endocrinology) में प्रकाशित किया गया।
तेजी से फैल रही हैं ये बीमारियां
इस स्टडी में बताया गया कि भारत में जिन बीमारियोंके मामले सबसे तेज गति से बढ़ रहे हैं उनमें डायबिटीज के अलावा ये बीमारियां शामिल हैं-
- हाइपरटेंशन (hypertension)
- मोटापा ( obesity)
- डिसलिपिडेमिया ( dyslipidemia)
शोधकर्ताओं के अनुसार, भारत और पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में ये मेटाबॉलिक डिसॉर्डर्स बहुत तेजी से फैल रही हैं औऱ लोगों को अपनी चपेट में रही हैं। पिछली कई स्टडीज में भी यह बताया गया कि भारत में डायबिटीज,उच्च रक्तचाप और डिसलिपिडेमिया के मरीजों का बोझ बहुत अधिक है।
आईसीएम की इस स्टडी में भारत में नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियों के खतरे को समझने के लिए 28 राज्यों, 2 केंद्रशासित प्रदेशों और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सर्वे किया गया। स्टडी में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 1 लाख और 13 हजार लोगों को शामिल किया गया। इन सभी की उम्र 20 वर्ष से अधिक थी और साल 2008 से साल 2020 तक की अवधि में यह सर्वे किया गया।
स्टडी के परिणाम
स्टडी में पाया गया कि भारत में 11.4% लोगों में डायबिटीज का खतरा है।
- शहरी इलाकों में लोगों में डायबिटीज होने का रिस्क अधिक था और पुरुषों में महिलाओं की तुलना में डायबिटीज का खतरा अधिक देखा गया।
- प्रीडायबिटीज (prediabetes) का रिस्क 15.3% और डिस्ग्लाइसेमिया (dysglycemia) का रिस्क 26.6% लोगों में देखा गया।
- हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों की संख्या 35.5% तक रही। यहां भी शहरी क्षेत्रों के पुरुषों में हाइपरटेंशन का जोखिम अधिक था।
- मोटापे का खतरा 28.6%, लोगों में देखा गया जबकि तोंद निकलने(abdominal obesity, का रिस्क 39.5% में रहा।
मेटाबॉलिक बीमारियों से बचने के उपाय क्या हैं? (Ways to prevent metabolic disorders)
- एक्टिव रहें रोजाना एक्सरसाइज करें।
- 8 घंटें की नींद जरूर सोएं।
- गैजेट्स, मोबाइल और देर तर बैठकर टीवी देखने की आदत से बचें।
- स्मोकिंग और अल्कोहल के सेवन से परहेज करें।
- स्ट्रेस को कंट्रोल करें। इसके लिए अपनी हॉबीज को समय दें, प्राणायाम करें और योगाभ्यास करें।
- हेल्दी डाइट लें। सीजनल फल-सब्जियों और अनाजों से भरपूर, ताजा और सादा भोजन करें।
- मैदा, गेंहूं के आटे की बजाय फाइबर से भरपूर मोटे अनाज या मिलेट्स की रोटियां खाएं।

