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चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन करें माता कूष्मांडा की उपासना, सौभाग्य योग में होगी देसी की पूजा, जानें पूजन विधि और उपाय

Published on: April 12, 2024

The Khabar Xpress 12 अप्रेल 2024। नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपने ईषत्‌ हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इसे सृष्टि की आदि स्वरूपा या आदि शक्ति कहा गया है।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।

इस देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है।

इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं इसलिए इस देवी को कुष्मांडा।
इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की शक्ति क्षमता केवल इन्हीं में है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही दैदीप्यमान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है।

अचंचल और पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन इस देवी की पूजा-आराधना करना चाहिए। इससे भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। ये देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है।
विधि-विधान से पूजा करने पर भक्त को कम समय में ही कृपा का सूक्ष्म भाव अनुभव होने लगता है। ये देवी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती हैं और उसे सुख-समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं। अंततः इस देवी की उपासना में भक्तों को सदैव तत्पर रहना चाहिए।

सौभाग्य योग में होगी मां कूष्मांडा की पूजा
आज पूरे दिन सौभाग्य योग बना हुआ है. सौभाग्य योग आज प्रात:काल से लेकर कल 02:13 ए एम तक बना हुआ है. इतना ही नहीं, रोहिणी नक्षत्र भी पूरे हदन है. आज प्रात:काल से लेकर देर रात 12 बजकर 51 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र है, उसके बाद से मृगशिरा नक्षत्र है. सौभाग्य योग और रोहिणी नक्षत्र को कार्यों को करने के लिए शुभ माना जाता है.

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन के मुहूर्त
चर-सामान्य मुहूर्त: 05:59 एएम से 07:34 एएम तकलाभ-उन्नति मुहूर्त: 07:34 एएम से 09:10 एएम तकअमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 09:10 एएम से 10:46 एएम तकशुभ-उत्तम मुहूर्त: 12:22 पीएम से 01:58 पीएम तक

आज के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:29 एएम से 05:14 एएम तक है. वहीं अभिजीत मुहूर्त 11:56 एएम से 12:48 पीएम तक है. रवि योग आज देर रात 12:51 एएम कल सुबह 05:58 एएम तक है.

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