द खबर एक्सप्रेस 06 फरवरी 2024। सफलता पाने का पहला मूलमंत्र है सपने देखना। अपने अवचेतन मस्तिष्क को बार-बार जागृत करवाना, इंसान जैसा सोचता है वैसा बन जाता है। जब तक जीवन में उद्देश्य स्थापित नहीं होंगे तब तक इच्छाशक्ति को पूर्ण नहीं कर पायेंगे। इच्छाशक्ति जागृत करने के लिए मन में अपने प्रति आस्था का होना बहुत ज़रूरी है। विचारों के आवेग को यदि कोई गति दे सकता है तो वह अमृत है “आस्था”।
“असंभव शब्द का इकलौता इलाज है आस्था” इंसान का अवचेतन मस्तिष्क कैसे काम करता है ये उदाहरण देकर बताना चाहती हूँ की लोग अपराधी किस तरह बनते है। एक प्रसिद्ध क्रिमिनोलोजिस्ट के शब्दों में, “जब लोग पहली बार अपराधी के संपर्क में आते है तो वे इससे नफ़रत करते है। परन्तु अगर वे कुछ समय तक अपराधी के संपर्क में रहते है तो इसके आदी हो जाते है और इसे सहन करने लगते है। अगर वे ज़्यादा लंबे समय तक अपराधी के संपर्क में रहे, तो वे आख़िरकार इसमें शामिल हो जाते है और इससे प्रभावित हो जाते है। ठीक इसी प्रकार अगर आपको इच्छाशक्ति पर विजय पानी है, सफलता हासिल करनी है तो ख़ुद पर आस्था व विश्वास क़ायम रखें। एक दिन सफलता आपके कदम चूमेगीं।
सफलता की प्रचंड शुरुआत निश्चित लक्ष्य और आस्था से ही है। चेतन मस्तिष्क अपने विचार, योजनायें, आशाएं एवं सिद्धांत द्वारा अवचेतन मस्तिष्क तक पहुँचा कर सफलता का रास्ता ख़ुद चुन लेती है।