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नॉलेज ही नहीं बढ़ाती किताबें बल्कि आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी बेहद फायदेमंद है पढ़ना

Published on: December 21, 2023

द खनर एक्सप्रेस 21 दिसम्बर 2023। पढ़ना एक बहुत ही आदत है, जिससे आप अपनी सेहत ही नहीं, बल्कि पर्सनैलिटी में भी सुधार ला सकते हैं। यहां तक कि पढ़ने से तनाव, अवसाद जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। रीडिंग हैबिट्स रिलैक्सिंग में भी मदद करती है। रोजाना महज कुछ मिनट पढ़ने से आप एक या दो नहीं, बल्कि कई सारे फायदे पा सकते हैं। आइए जानते हैं रीडिंग हैबिट के कुछ ऐसे ही लाभों के बारे में।

अच्छी नींद में मददगार  

अगर आप नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इससे लिए दवाइयां या किसी दूसरी थेरेपी लेने से पहले रीडिंग हैबिट को अपनाकर देखें। इससे बिना ज्यादा एफर्ट के आपकी ये समस्या दूर हो जाएगी। दरअसल पढ़ने से स्ट्रेस खुद-ब-खुद दूर हो जाता है और स्ट्रेस एक बहुत बड़ी वजह है नींद न आने की। पढ़ने से मन शांत होता है, जिससे सुकून भरी नींद आती है। 

तनाव से राहत 

तनाव का हमारी सेहत से डायरेक्ट कनेक्शन है। मतलब बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना फिजिकल और मेंटल दोनों ही हेल्थ के लिए खराब है, तो इससे भी राहत दिलाने में किताबों का साथ है बेहद मददगार। पढ़ने से दिमाग की मसल्स रिलैक्स होती हैं। 

क्रिएटिविटी और नॉलेज बढ़ाता है  

पढ़ने से आप नॉलेज के मामले में दूसरों से आगे रहते हैं, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। नॉलेज और आत्मविश्वास आपके करियर ग्रोथ में हेल्पफुल साबित हो सकता है। इसके अलावा पढ़ने से आपका क्रिएटिव माइंड डेवलप होता है। चीज़ों को अलग तरीके से सोचने और समझने की क्षमता में सुधार होता है। 

भावनात्मक स्वास्थ्य 

किताबें पढ़ने से नॉलेज तो मिलती ही है साथ ही कई बार कुछ कहानियां व घटनाएं ख़ुशी, भय, दुख और आश्चर्य जैसी कई दूसरी भावनाओं का भी एहसास कराती हैं। जो हमें मानसिक रूप से स्ट्रॉन्ग बनाते हैं और इन परिस्थितियों को कैसे डील करना है इसके भी तरीके सिखाते हैं। किताबों के जरिए दूसरे लोगों और उनकी संस्कृतियों से भी जुड़ने का मौका मिलता है।

दिमाग का अभ्यास

पढ़ने में आपके दिमाग का अभ्यास होता है। पढ़ने के दौरान आपका दिमाग जितना उत्तेजित होता है, उतना टी.वी. देखने या रेडियो सुनते वक्त नहीं होता है। और जाहिर सी बात है जब दिमाग का अभ्यास होगा तो दिमाग स्वस्थ भी रहेगा।

याददाश्त मजबूत होती है

जब आप फिक्शन पढ़ते हैं तो आपका दिमाग कहानी के सभी कैरक्टर, सारी घटनाओं और कहानी के प्लॉट को याद रखता है। यानी रोजाना पढ़ने का मतलब अपनी याददाश्त का अभ्यास कराना है और अभ्यास से चीजें मजबूत होती हैं। इसलिए रोजाना पढ़ने से आपकी याददाश्त मजबूत होती है।

आपको शांत और संयमित करता है

आपको रिलैक्स फील होने के अलावा पढ़ने से आपके अंदर एक तरह की शांति और सुकून का भाव पैदा होता है। स्टडीज में यह बात सामने आई है कि आध्यात्मिक या धार्मिक पुस्तक पढ़ने से ब्लड प्रेशर कम होता है जिससे आप शांत होते हैं।

एकाग्रता बढ़ती है

पढ़ने से आपके अंदर एकाग्रता बढ़ती है क्योंकि जब आप पढ़ रहे होते हैं तो आपका ध्यान एक ही तरफ केंद्रित होता है। आज के जमाने में हमारा दिमाग कई कामों में बंटा होता है, हमें अपना काम करना होता है तो अपने फोन भी चेक करने पड़ते हैं, लोगों से बात करनी पड़ती है। इससे हमारा एकाग्रता स्तर कम होता है और प्रॉडक्टिविटी में गिरावट आती है। हर दिन थोड़े समय तक पढ़ने से इस तरह की चीजों से छुटकारा पाया जा सकता है।

विश्लेषण क्षमता में इजाफा

जब आप किताब पढ़ते हैं तो अकसर यह महसूस कर लेते हैं कि अंत में क्या होगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लेखक आपके लिए कई क्लू छोड़ देता है जिसे आपका दिमाग एक साथ जोड़ता है और दिमाग में कहानी के अंत की तस्वीर उभरती है। इस प्रक्रिया से आपकी क्रिटिकल थिंकिंग और ऐनालिटिकल स्किल्स बढ़ती है। इन स्किल्स का इस्तेमाल जीवन के अन्य मैदान में किया जा सकता है और साथ ही अपने परफॉर्में में सुधार के लिए भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा।

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