द खबर एक्सप्रेस 02 दिसम्बर 2023। राजस्थान में सत्ता की चाबी किसकी पास होगी, इसका खुलासा तो 3 दिसंबर को होगा। लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने प्लान-बी पर काम करना शुरू कर दिया है। ज्यादातर एक्जिट पोल भाजपा की सरकार बना रहे हैं। लेकिन कुछ एक्जिट पोल ने कांग्रेस के बहुमत का भी दावा किया है। जिसके कारण दोनों दलों में ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इन एक्जिट पोलो के कारण दोनों ही दलों के नजरें निर्दलीय और अन्य दलों पर है। सीएम अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच चुके हैं। जबकि बीजेपी के रणनीतिकार पार्टी उम्मीदवारों से फीडबैक ले रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि हॉर्स ट्रेडिंग की तैयारी है फिलहाल फोन मिलाए जा रहे है। दोनों दी दलों के रणनीतिकार बाड़ाबंदी और जोड़तोड़ के प्लान पर काम कर रहे हैं। हालांकि, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने जोड़तोड़ से इंकार किया है। डोटासरा का कहना है कि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा। जोड़तोड़ की जरूरी नहीं पड़ेगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का दावा है कि बीजेपी 130 से ज्यादा सीटें जीतेगी।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि पार्टी को बाड़ेबंदी की जरूरत पड़ेगी ही नहीं। पार्टी का पूर्ण बहुमत मिलेगा। सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के स्थिति में जोड़तोड़ से बचने लिए विधायकों को गुजरात ले जाया जा सकता है। बाड़ेबंदी के लिए गुजरात सबसे अच्छी जगह मानी जाती है। हालांकि, बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी को ऐसी जरूरत नहीं पड़ेगी। इस बार भी ट्रेंड सत्ता बदलने के रहेगा। रिवाज नहीं बदलेगा। गहलोत सरकार से लोग परेशान हो चुके हैं।
डोटासरा बोले- इस बार रिवाज बदलेंगे
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विधायकों की बाड़ाबंदी के लिए जरूरत पड़ी तो सबसे अच्छी जगह जयपुर होगी। कांग्रेस के रणनीतिकार जीतने वाले कांग्रेस के बागियों को फोन मिला रहे हैं। बाड़ाबंदी के लिए जयपुर सबसे सुरक्षित जगह है। क्योंकि सत्ता की चाबी अभी कांग्रेस के पास है। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल रहा है। जोड़तोड़ की जरूरत नहीं है। डोटासरा ने दावा किया कि राजस्थान में इस बार हम रिवाज बदलेंगे। गहलोत सरकार की योजनाओं के दम पर सत्ता हासिल करेंगे।
2018 में 99 पर अटक गए थे
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटसरा ने कहा कि जो भी निर्दलीय और बागी होकर चुनाव लड़े है। उन्होंने हमारा पिछला कार्यकाल देखा है। वह भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। कांग्रेस के साथ आएंगे। पिछली बार भी सभी निर्दलीय और अन्य दलों के लोगों ने हमारा समर्थन किया था। आगे भी ऐसा ट्रेंड रहेगा। वैसे हमको पूर्ण बहुमत मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस न 99 सीटें जीती थी। जबकि बहुमत के लिए 101 विधायक चाहिए। सीएम गहलोत ने बड़ी चतुराई से निर्दलीय और बाद में बसपा के 6 विधायकों का समर्थन हासिल कर बहुमत से ज्यादा का आंकड़ा जुटा लिया था।