द खबर एक्सप्रेस 23 नवम्बर 2023। राजस्थान विधानसभा चुनाव अब अंतिम चरण में है। राजस्थान में नई सरकार बनने वाली है ।श्री डूंगरगढ़ में भी सभी पार्टियों अपने वादों के साथ चुनाव मैदान में है। प्रत्याशियों द्वारा जनता को अपने वादों से लुभाया जा रहा है। सभी राजनीतिक दल और कुछ स्वतंत्र प्रत्याशी अपने-अपने चुनावी वादों के साथ मैदान में डटे हुए हैं। अब जब मतदान को सिर्फ दो दिन रह गए हैं तो वह अपना पूरा दमखम लगा रहे हैं।
गत चुनाव के वादे जो सिर्फ वादे ही रह गए नहीं हुआ उनका कोई समाधान
श्रीडूंगरगढ़ की कुछ ज्वलंत समस्याएं थी जिनका निराकरण होने की आस श्रीडूंगरगढ़ वासियो को बंधी थी जब संघर्ष के दम पर सत्ता में आये विधायक ने विकास का वादा किया था। कस्बे की प्रमुख समस्यायों में से एक बरसाती पानी की निकासी, सीवरेज लाइन, खेल मैदान, कस्बे की पेयजल व्यवस्था का सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार प्रमुख थी। इसके साथ ही इन समस्याओं में गोचर भूमि का सरंक्षण और आजाद गौवंश से श्रीडूंगरगढ़ बाजार को छुटकारा दिलाना भी शामिल रही है।
पेयजल व्यवस्था ने बिगाड़ी शहर की हालत
श्रीडूंगरगढ़ का पेयजल विभाग पूरी तरह नकारा साबित हुआ है। शहर का ऐसा कोई मोहल्ला नही है जिसमे पीने के पानी की समस्या ना हो। पेयजल आपूर्ति के हालात ये है कि इसको पूरी तरह से ठेके पर दिया हुआ है और ठेकेदारों को भी भुगतान नही किया गया। शहर के पेयजल आपूर्ति के ट्यूबवेल महीनों खराब रहते जिसकी सुनवाई विभाग द्वारा भी नही की जाती रही। हालात ये थे कि विधायक की अनदेखी के बाद शहरवासी ही विभाग की टंकी पर जाकर प्रदर्शन करते, कभी पानी की टंकी पर चढ़ते लेकिन परिणाम वही ढाक तीन पात वाले रहे। शहर के कुछ भाजपा और कांग्रेसी पार्षदों ने जरूर आवाज उठाई और अपने वार्डवासियों के साथ विभाग का घेराव किया लेकिन वहाँ भी उनकी कोई सुनवाई नही थी।
बरसाती पानी निकासी और सीवरेज लाइन
विधायक के वादों में शहरवासियों के लिये सबसे बड़ा वादा शहर के मुख्य बाजारों में होने वाली बरसाती पानी की निकासी और सीवरेज लाइन का था लेकिन इन पांच सालों में इसके लिए कोई जवाबदेही नही देखी गयी। सत्ताधारकों द्वारा हर बार इसका ठीकरा नगरपालिका पर फोड़ा गया। जबकि नगरपालिका ने अपने सीमित संसाधनों द्वारा काफी हद तक इसके निराकरण की कोशिश की। जोहड़ से बीड़ भूमि तक 6-6 इंची के दो पाइप डालकर पानी निकासी का विकल्प तैयार किया गया जो कुछ हद तक कारगर भी रहा लेकिन ये कोई स्थायी समाधान नही बना। शहर की इस बड़ी समस्या का समाधान बड़े स्तर पर किया जाना था लेकिन ये सिर्फ वादा ही बन कर रह गया।
खेल मैदान के नाम पर सिर्फ कीकर झाड़ियां…
श्रीडूंगरगढ़ के खेल मैदान के हालात किसी से भी छुपे हुए नही है। प्रशासन की अनदेखी के आंसू बहा रहा खेल मैदान आज भी अपने भाग्य विधाता की बाँट जोह रहे है। सांसद निधि से अभी हाईस्कूल के सामने की दीवार बनाई गई है जबकि गत पांच सालों में विधायक के द्वारा किसी भी प्रकार के निर्माण और सुधार नही करवाये गए है। यहाँ के खेल प्रेमी और छात्र समय समय पर इसके लिए आवाज़ उठाते रहे है। लेकिन आवाज़ सिर्फ आवाज ही बनकर रह गई और खेल मैदान कीकर झाड़ियों की भूमि।
विधायक द्वारा इन समस्याओं की अनदेखी की गई। अब जब नई सरकार बन रही है तो कस्बेवासी इसी आस में है कि इन समस्याओं का भी निदान किसी के द्वारा किया जायेगा।