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कम उम्र के लोगों में क्यों बढ़ रहा है स्ट्रोक का खतरा…? जानें डॉक्टर की राय

Published on: November 7, 2023

द खबर एक्सप्रेस 07 नवंबर 2023। आज कल अखबारों में स्ट्रोक की खबरे ज्यादा देखने को मिल रही है। दरअसल, डॉक्टर्स की मानें तो लाइफस्टाइल में होने वाले बदलावों के कारण लोगों को स्ट्रोक आने लगे हैं। लंबे समय तक अनियमिति लाइफस्टाइल का सेहत पर कई तरह से गंभीर प्रभाव पड़ते हैं। इसकी वजह से स्ट्रोक की घटनाओं में वृद्धि हुई है। जानकारी के मुताबिक 15 प्रतिशत स्ट्रोक 18 से 50 वर्ग के लोगों को आते हैं। दुनियाभर में हर साल करीब 15 लाख युवा व वयस्कों को स्ट्रोक होने लगा है। आईसीएमआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि युवाओं में किन कारणों से स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। साथ ही, स्ट्रोक से बचाव के उपायों को भी विस्तार से बताया गया है। 

युवाओं में स्ट्रोक के लक्षण –

  • स्ट्रोक की वजह से चेहरा सुन्न हो सकता है। 
  • बोलने में बदलाव होना। 
  • चलने में परेशानी होना। 
  • सिर में तेज दर्द। 
  • दिखाई देने में परेशानी होना, आदि।  

युवाओं में स्ट्रोक के प्रकार और कारण –

  • इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic stroke) में व्यक्ति के रक्त में ऑक्सीजन कम होने लगती है, जिससे ब्रेन के टिश्यू डैमेज होने लगते हैं। 50 से कम उम्र के लोगों में इसी वजह से स्ट्रोक आने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • रक्तस्रावी स्ट्रोक (hemorrhagic stroke) में ब्रेन व उसके आसपास की नसों से रक्त का रिसाव होने लगता है। जिसके परिणामस्वरूप टिश्यू डैमेज होते है।  यह 50 वर्ष से कम उम्र के रोगियों में 40% स्ट्रोक का कारण बन सकता है। 
  • गर्दन में बड़ी नसों के अंदरुनी परत में परेशानी होने से रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसमें तेज खांसी के साथ गर्दन पर दबाव, उल्टी होना या वजन उठाने में दिक्कत हो सकती है। 
  • पेटेंट फोरामेन ओवले (Patent foramen ovale) में पैरों से ब्रेन तक ब्लड क्लॉट पहुंच सकता है। 

युवाओं में स्ट्रोक के कारण बनने वाले कारक –

  • धूम्रपान करना
  • रोजाना अधिक मात्रा में शराब पीना
  • आनुवांशिक विकार होना
  • हाई बीपी
  • डायबिटीज 
  • मोटापा, आदि।  

स्ट्रोक से बचाव के लिए क्या करें..? –

  • ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करें। इसे सामान्य रखने के लिए लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव करें। 
  • समय-समय पर हार्ट रोग और किडनी रोग के लिए जांच कराएं। 
  • एक्सरसाइज को अपनाने और डाइट में बदलाव कर स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। 
  • अगर आपका वजन अधिक है, तो इसे कंट्रोल करें। 
  • शराब और धूम्रपान से दूर रहें। 

यदि आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है, या घबराहट हो रही है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यह आपके लिए आगे चलकर गंभीर समस्या का कारण बन सकते हैं। यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। 

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