



द खबर एक्सप्रेस 21 अक्टूबर 2023।
डॉक्टरों के अनुसार डेंगू का इंफेक्शन एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, जबकि वायरल फीवर इंफ्लुएंजा वायरस की देन है।
देश के कई राज्यों में डेंगू अपने पैर पसार चुका है। इसके साथ ही डेंगू से मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी बढ़ चला है। क्योंकि बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे डेंगू के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिलती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम में आए परिवर्तन की वजह से वायरल फीवर के केस भी काफी बढ़ें हैं। मौसम में आई नरमी के कारण लोगों नजला और जुकाम के साथ बुखार भी हो रहा है। ऐसे में लोगों को वायरल बुखार और डेंगू में अंतर समझ नहीं आ रहा है। लोग डेंगू को वायरल और वायरल फीवर को डेंगू समझ रहे हैं।
डेंगू बहुत ही घातक और जानलेवा
ऐसे में आज हम आपको वायरल फीवर और डेंगू फीवर में अंतर समझाने जा रहे हैं ताकि आप समय रहते इलाज शुरू करा सकें। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू का इंफेक्शन एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, जबकि वायरल फीवर इंफ्लुएंजा वायरस की देन है। यूं तो दोनों ही बुखार वायरल हैं, लेकिन डेंगू बहुत ही घातक और जानलेवा है। इसके विपरीत वायरल दवाई लेने से ठीक हो जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि डेंगू संक्रमित मच्छर से दूसरे लोगों में भी फैलता है। इसलिए मच्छर वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधान रहना चाहिए।
वायरल फीवर और डेंगू के लक्षण
डॉक्टर बताते हैं कि डेंगू और वायरल फीवर के काफी लक्षण मैच करते हैं। दोनों ही संक्रमण में फीवर, सिरदर्दस खांसी, बॉडी में पेन, कमजोरी और स्कीन पर लाल चकत्ते व उल्टी जैसी समस्याएं आती है। लेकिन कुछ लक्षण दोनों बुखारों को अलग-अलग करते हैं। जैसे कि डेंगू में तेज बुखार और बॉडी में काफी पेन होता है। डेंगू में मरीज की प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरता है। डेंगू होने पर मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ती जाती है। जबकि वायरल फीवर में ऐसा नहीं होता। यह बुखार तीन-चार दिन में ठीक हो जाता है।
डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगू बुखार के लक्षण, जो आमतौर पर संक्रमण के चार से छह दिन बाद शुरू होते हैं और 10 दिनों तक रहते हैं, इसमें शामिल हो सकते हैं:
- अचानक तेज बुखार (105 डिग्री)
- गंभीर सिरदर्द
- आँखों के पीछे दर्द
- गंभीर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- दस्त होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते, जो बुखार आने के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं
- हल्का रक्तस्राव (जैसे नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना, या आसान चोट लगना)
कभी-कभी, डेंगू बुखार के लक्षण हल्के होते हैं और यह फ्लू या अन्य वायरल संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। छोटे बच्चों और जिन लोगों को पहले कभी संक्रमण नहीं हुआ है, उनमें बड़े बच्चों और वयस्कों की तुलना में हल्के मामले होते हैं। हालांकि, उनमें गंभीर समस्याएं विकसित हो सकती हैं। इनमें डेंगू रक्तस्रावी बुखार, तेज बुखार, लसीका और रक्त वाहिकाओं को नुकसान, नाक और मसूड़ों से खून बहना, यकृत का बढ़ना (लिवर बढ़ना) और परिसंचरण तंत्र या वाहिकातंत्र (circulatory system) की विफलता जैसी दुर्लभ जटिलता शामिल है। लक्षण बड़े पैमाने पर रक्तस्राव, सदमा और मृत्यु में बदल सकते हैं। इसे डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) कहा जाता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और दूसरी बार या बार-बार हो रहे डेंगू के संक्रमण वाले लोगों को डेंगू रक्तस्रावी बुखार विकसित होने का अधिक खतरा माना जाता है।
गंभीर डेंगू बुखार तब होता है जब आपकी रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और उनमें रिसाव होने लगता है। और आपके रक्तप्रवाह में थक्का बनाने वाली कोशिकाओं (प्लेटलेट्स) की संख्या कम हो जाती है। इससे आघात, आंतरिक रक्तस्राव, अंग विफलता और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
गंभीर डेंगू बुखार के चेतावनी संकेत, जो कि जीवन की आपातकालीन स्थिति है जो जल्दी से विकसित हो सकती है। चेतावनी के संकेत आमतौर पर आपके बुखार के जाने के पहले या दो दिन बाद शुरू होते हैं, और जिनमें निम्नलिखित संकेत और लक्षण शामिल हो सकते हैं:
- गंभीर पेट दर्द होना
- लगातार उल्टी होना
- मसूड़ों या नाक से खून आना
- मूत्र, मल या उल्टी में रक्त आना
- त्वचा के नीचे रक्तस्राव, जो खरोंच जैसा लग सकता है
- सांस लेने में कठिनाई होना (मुश्किल या तेजी-तेजी सांस लेना)
- थकान आना
- चिड़चिड़ापन या बेचैनी होना
यदि आपने हाल ही में किसी ऐसे क्षेत्र का दौरा किया है जहां पर डेंगू बुखार से पीड़ित लोग थे। यदि आपको बुखार हो गया है और आप किसी भी उपर्युक्त चेतावनी के लक्षण से ग्रसित हैं, तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें ।

