द खबर एक्सप्रेस 08 अक्टूबर 2023। श्रीडूंगरगढ़ के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं भामाशाह स्व. धर्मचंद्र पुगलिया की स्मृति में धर्मचंद्र भीखमचन्द पुगलिया द्वारा निःशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग शिविर का उद्घाटन श्रीडूंगरगढ़ उपखण्ड अधिकारी मुकेश चौधरी ने किया। शिविर में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग द्वारा असाध्य रोगों का इलाज किया जाएगा। कल सोमवार सुबह 6:30 से 7:30 तक योग एवं 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक प्राकृतिक चिकित्सा से असाध्य रोगों का इलाज स्थानीय तेरापंथ भवन (धोलिया नोहरा) में किया जाएगा।

शिविर उद्घाटन समारोह में उपखण्ड अधिकारी मुकेश चौधरी के अलावा तहसीलदार राजवीर कड़वासरा, श्रीमती विमला डुंकवाल, श्रीमती अंजू पारख, योग प्रशिक्षक ओम कालवा, प्राकृतिक चिकित्सक राधेश्याम पारीक, साहित्यकार श्याम महर्षि, धनराज पुगलिया, एडवोकेट ललित मारू, श्रीगोपाल राठी, पवन सेठिया, महावीर माली, साहित्यकार रवि पुरोहित, विजयराज सेवग, विजयराज सेठिया, विजय महर्षि, मदनलाल जोशी, रेखचन्द सेठिया, राजकरण तातेड़, सूर्यप्रकाश गांधी, विमल भाटी, कन्हैयालाल सारस्वत, रूपचंद सोनी सहित कस्बे के प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

उपखण्ड अधिकारी मुकेश चौधरी ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व को बताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग की पहचान हिंदुस्तान ने दिलाई है। योग से शारिरिक रोगों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है प्राकृतिक चिकित्सा सदियों से चलती आ रही है। आज के एलोपैथी युग मे भी प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व कम नही हुआ है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से ही असाध्य रोगों का इलाज किया जा सकता है जो आज की एलोपैथी पद्धति में सम्भव नहीं है।

मंचस्थ वक्ताओं साहित्यकार श्याम महर्षि, एडवोकेट ललित मारू, समाजसेवी मदनलाल जोशी, योग प्रशिक्षक ओम कालवा और प्राकृतिक चिकित्सक राधेश्याम पारीक ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व को बताया। भारत स्कॉउट गाईड की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती विमला डुंकवाल ने मिलेट्स (मोटे अनाज) के महत्व को बताते हुए कहा कि हमारे बुजुर्ग हमेशा कहा करते थे कि “मोटा खाओ और मोटा पहनो”, लेकिन पाश्चत्य संस्कृति और वर्तमान सोसायटी ने हमे हमारे प्राकृतिक खानपान से दूर कर दिया है जिसके कारण ही आज असाध्य रोग बढ़ गए है। मंच संचालन साहित्यकार रवि पुरोहित ने किया। शिविर कल सोमवार सुबह 6:30 बजे से आरम्भ हो जायेगा।