



दी खबर एक्सप्रेस 21 अगस्त 2023। श्रीडूंगरगढ़ माहेश्वरी समाज आडसर बास की एक आम सभा रविवार को माहेश्वरी सेवा सदन, आडसर बास, श्रीडूंगरगढ़ में आयोजित की गई। यह सभा सदन के अध्यक्ष हरिप्रसाद तापड़िया की अध्यक्षता में रखी गई। जिसमें वर्ष 2019 से 2021 में सदन में निर्माण कार्य व टिन शेड निर्माण करवाने के दौरान अनियमितता के सन्दर्भ में चार सदस्य कमेटी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के बारे में चर्चा हुई। इस रिपोर्ट में टिनशेड निर्माण में बताया गया था कि निर्माण के दौरान 135 टिन हॉल में व 5 टिन रसोई घर की छत पर बने कमरे में लगे हुए पाये गये। इस प्रकार कुल 110 टिन ही मौके पर लगे हुए मिले। जबकि फर्म रामाकिशन श्रीगोपाल राठी द्वारा कुल 345 दिन का बिल संस्था को भेजा गया था। उपरोक्त निर्माण कार्य श्रीगोपाल राठी व ओमप्रकाश कलाणी की देख-रेख में ही करवाया गया था। जांच कमेटी के द्वार इस प्रकार 205 टिन शेड का हिसाब अनुपयुक्त रूप से सामाजिक संस्था को बिना किसी सामान के दिया गया। संस्था में तीन बिलों का सामान नहीं आने की पुष्टि पूर्व मंत्री ओमप्रकाश कलाणी द्वारा नोटेरी मय पत्र के साथ की गई। संस्था के तात्कालीन अध्यक्ष रामेश्वरलाल बाहेती द्वारा भी टिन शेड के बिल व अन्य बिलों का सामान भी नहीं आने की पुष्टि की गई पूर्व मंत्री ओमप्रकाश कलाणी द्वारा रोकड़ में हजारों रुपये के अन्तर होने की बात का भी स्पष्ट जिक्र किया गया। सामाजिक संस्था में की गई अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए माहेश्वरी समाज आडसर बास के लोगों द्वारा श्रीगोपाल राठी व ओमप्रकाश कलाणी से स्पष्टिकरण मांगा गया जिसमें दोनों द्वारा समाज की बैठक को बीच में ही छोड़कर चले की बात समाज के लोगों द्वारा कही गई। इस दौरान बैठक में उपस्थित आडसर बास के गणमान्य रामेश्वरलाल बाहेती, बजरंगलाल सोमाणी, अशोक लखोटिया, लक्ष्मीनारायण झालरिया, राधेश्याम तापड़िया, भीकमचन्द तापड़िया, सत्यनारायण मूंधड़ा, राजेन्द्रप्रसाद राठी, मनोज झालरिया, राधेश्याम लखोटिया, नारायण कलाणी, हरिप्रसाद मुंधड़ा, रामावतार मूंधड़ा, सुशील डागा, रामचंद्र राठी एवं समाज के 50-60 व्यक्ति उपस्थित थे।
दूसरे गुट ने दिया जवाब, मीटिंग का किया बहिष्कार
सामाजिक समरसता व अप्रियता की स्थिति बचाव हेतु प्रबुद्ध जनों ने किया बहिष्कार।
श्रीडूंगरगढ आडसर बास माहेश्वरी सेवा सदन में आयोजित तथाकथित षड़यंत्रकारी छद्म समाज सेवियों द्वारा सामाजिक सौहार्द को धता बताते हुए हुई आमसभा में वर्ष 2019 से 2021 तक की कार्यवाही को लांछित किए जाने हेतु और झूठ-मूट की अनियमितता को उजागर करने की नीति से कुछ विघ्नसंतोषियों ने सामाजिक सहभागिता की हत्या करने को तत्पर हो गए।
आपसी खींचतान का उदेश्य महज पूर्व पदाधिकारियों को नीचा दिखा कर उनका मान भंग कर बिना वजह के कुतर्कों के आधार पर समाज की बैठक के नाम पर हो-हल्ला रचा गया। यह मीटिंग महज निजी विरोध हेतु हिंसा मात्र ही दर्शित लगती थी। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश कलाणी ने इस मीटिंग को एक रंजिश मात्र बताया।
उन्होने यह भी बताया कि इस मीटिंग में ना तो कोई बिंदु विचार हेतु रखा गया और ना ही कोई सकारात्मक बहस को सुना गया। सामाजिक कार्यकर्ता जीतमल जी तापड़िया ने बताया कि ना तो कोई उस समयावधि में अनियमितता हुई और ना ही कोई गैर सामाजिक कार्य हुआ था। यह तो महज चंद षड़यंत्रकारियों ने सामाजिक एकता को व समाज के सक्रिय कार्यकर्ता को हतोत्साहित करने का षड़यंत्र मात्र रहा
था। किसी प्रकार की व्यवस्था को जब उपस्थित कार्यकर्ताओं ने स्पष्टीकरण चाहा तो पूरे सदन को धता बताते हुए पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर लाल बाहेती व बजरंग लाल सोमानी द्वारा अपने यहां के कुछ षड़यंत्र कारियों को अनर्गल बकवास करते हुए झगड़े व गालीगलोज पर उतारू होने को प्रेरित किया जो उनकी यह कार्यवाही को सामाजिक कर्तव्य की दृष्टि से कतई उचित नहीं माना जा सकता है। पूर्व में वर्णित शपथपत्र के संदर्भ में ओमप्रकाश जी ने बताया कि पूर्व शपथपत्र मेरे द्वारा षड़यंत्रकारी पवन राठी, श्यामसुंदर सोमानी एवं अन्य जनों आदि द्वारा रिश्ते का दबाव बनाकर झूठा पूर्व पदाधिकारीगणों को बदनाम करने की साजिश व उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने की नियत से ही इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया था।
आयोजित मीटिंग में अनर्गल बातों को उठाये जाने पर फूसराज जी करवा ने सदन के समक्ष प्रश्न उठाया कि इस मीटिंग की औचित्यतता क्या है, तो षड़यंत्रकारीयों
ने किसी को कोई सुनवाई का अवसर नहीं दिया। उनकी हठधर्मिता को देखते हुए सभी प्रबुद्ध समाजसेवियों ने उनको समझाने का प्रयास भी किया। लेकिन उन षड़यंत्रकारियों ने गलत व समाज विरोधी
कृत्य को कारित करने की नियत को ही हथियार बनाते हुए अपनी जिद्द को ही आगे रखा। इस संबंध में ओमप्रकाश कलाणी ने पुनः बताया कि उन्होने सत्य का साथ देते हुए जो शपथपत्र उनसे दबाव देकर लिखाया गया था उसका पूर्ण विरोध प्रकट करते हुए सत्य स्थिति का शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया है।
वर्तमान षड़यंत्रकारी तत्वों ने षड़यंत्र पूर्वक रिकार्ड को खुर्दबुर्द कर चोरी का षड़यंत्र जाल भी कारित किया है। उनसे संतुष्टि जनक जवाब मांगे जाने पर उनके द्वारा की गई अनदेखी के प्रति व झगड़े की आशंका को देखते हुए आधे से अधिक सामाजिक प्रबुद्ध जनों द्वारा उस मीटिंग का बहिष्कार करते हुए सभा छोड़कर बाहर निकल गए। बहिष्कार में शामिल जनों ने एक प्रश्न चिह्न समाज के सम्मुख छोड़ा है, कि भविष्य के सामाजिक भामाशाहों के सहयोग संभावना की इच्छा को धूमिल करने व सामाजिक सहभागिता को छिन्नभिन्न करने के अतिरिक्त इस मीटिंग का अन्य कोई उदेश्य नहीं रहा है। बहिष्कार करने वाले प्रबुद्ध जनों में श्रीभगवान राठी, श्री गोपाल राठी, महावीर राठी,ओम प्रकाश कलाणी, आनंद लखोटिया, नंदकिशोर बिहाणी, श्री भगवान राठी, जीतमल तापड़िया, हडमान राठी, गणेश मल बिहानी, रामकिशन राठी, हरी प्रसाद राठी, मनोज कुमार तापड़िया, श्री किशन सोमानी, संजय करवा, आनंद लखोटिया, सुखदेव राठी सहित अन्य बहुत से सामाजिक प्रबुद्ध जन शामिल रहे।



