The Khabar Xpress 20 जुलाई 2025। श्रीडूंगरगढ़ के बदतर हालातो पर आंसू बहाए या उन जनप्रतिनिधियों को कोसे, जिन्होंने अपनी जन्मभूमि के आंचल को तार तार हो जाने दिया। उनकी आंखें बंद थी या फिर उनकी मिली भगत, जो हर कोई आया ओर उनके आँचल के टुकड़े को काटकर अपने पास रख लिया। आज जब जन्मभूमि के आंचल को देखे तो उसके चिथड़े होकर ना जाने उसमें कितने छेद हो चुके है। फिर भी एक आस है कि कोई तो खैरख्वाह आएगा और इन जमीन के भूखे भेड़ियों से उनकी रक्षा करेगा।
रह रहकर दिल से शहरवासी के एक ही आवाज़ निकलती है कि ” हे राम ! इतना भ्रष्टाचार, बताओ- किसके आगे रोएं ?“
श्रीडूंगरगढ़ में गत कांग्रेस सरकार का पट्टा अभियान गरीबो को तो अपने आशियाने देकर गया या नही गया लेकिन भूमाफियाओं और कब्जाधारियों की जरूर चांदी कर गया। ताज़ा मामला पता चला है कालू रोड़ पर बालाजी नगर के पास कटानी मार्ग पर नगरपालिका की बेशकीमती भूमि का पट्टा बना लिया गया। जितनी नगरपालिका कार्मिकों ने धांधली की है उतनी किसी ने सोची भी नहीं होगी। सबसे बड़ी बात है कि जब भी किसी गरीब परिवार द्वारा पट्टा बनवाया जाता तब पटवारी से लेकर नगरपालिका के जेईएन तक सभी उस जमीन का सर्वे करके आते और उनको कई दिनों तक लटकाये रखकर बड़ी मुश्किल से पट्टा जारी किया जाता। जबकि कब्जाधारियों के पट्टो पर ना पटवारी की आंख खुलती और ना ही किसी नगरपालिका के अधिकारी की। और तो और पट्टे के ब्लू प्रिंट में भी अक्षांश व देशांतर जो गूगल मैप से किये जाने थे वे भी नहीं किये गए। इन पट्टो को बनाते वक्त सारे नियमो को ताक पर रखकर सिर्फ एक नियम देखा जाता कि जेब मे “माल” कितना आएगा।

कालू रोड पर बनाया गया पट्टा धर्मा धर्मपत्नी भंवरलाल प्रजापत के नाम से बनाया गया है जिसकी जानकारी निकालने पर पता चला कि इन्होंने स्वयं को कालुबास, वार्ड 2 की निवासिनी बताया है जबकि इस नाम के किसी भी व्यक्ति का निवास यहाँ नही होने की जानकारी प्राप्त हुई है। दूसरे बनने वाले पट्टो में पालिकाकर्मियो द्वारा मोहल्ले या वार्ड के ही साक्ष्य मांगे गए है लेकिन इसमें भी किसी ओर मोहल्ले के ही साक्षियों ने गवाही दी है।

सरकारी भूमि को भू-नक्शा एप पर देखने से पता चलता है कि कालू रोड के पश्चिमी दिशा में नगरपालिका का एक खसरा है जिसके पूर्व में कालू रोड और पश्चिम में कटानी मार्ग निकलता है। वर्तमान मौजूदा स्थिति को देखते हुए लगता है कि कब्जाधारियों ने सरकारी जमीन तो छोड़ो सरकारी रास्ते पर ही कब्ज़ा कर रखा है। अभी तो सिर्फ ये पट्टा ही सामने आया है आगे ना जाने कितने और आयेंगे।

एक आस विधायक से
श्रीडूंगरगढ़विधायक ताराचंद सारस्वत अपनी हर बात, अपने हर भाषण में खुलकर कहते है कि श्रीडूंगरगढ़ की अस्मिता से खेलने वालों को बख्शा नही जाएगा। उन्होंने अपने इस वचन को सार्थक भी किया है जब हमारे द्वारा लिखा गया था कि सरदारशहर रोड की तरफ कुछ भूमाफियाओं द्वारा नगरपालिका सहित शहर के आम नागरिक की जमीन हथियाने की कोशिश की जा रही है तब उन्होंने उसका निस्तारण किया था। सद्दु देवी राजकीय महाविद्यालय के पीछे की जमीन को भी भूमाफियाओं को कब्जा करने से रोका गया था। आज कस्बे का हर आम एवं खास नागरिक विधायक की तरफ एक आस की दृष्टि से देख रहा है कि जो भ्रष्टाचार पुर्व सरकारों के वक़्त हुआ था और जिन सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर दिया गया है उन पर कार्यवाही की जाएगी। विधायक सारस्वत ने कस्बे की सबसे बड़ी समस्या सीवेज लाइन का निस्तारण किया है।
