The Khabar Xpress 09 जुलाई 2025। अपने गांव श्रीडूंगरगढ़ में भ्रष्टाचार की कहानियां इतनी है कि अगर हर दिन एक कहानी सुनी जाए तो जिंदगी कम पड़ जाए। ऐसा कोई विभाग नहीं है जिसमे भ्रष्टाचार की जड़े ना पहुंची हो। शिक्षा के मंदिर हो या फिर जीवनदायी हॉस्पिटल, नगरपालिका का तो कहना ही क्या ? या फिर हो सार्वजनिक निर्माण विभाग।
जहां हाथ रखो, वहीं दर्द है
शायद वही ईमानदार बचे हुए हैं जिनको भ्रष्टाचार करने का मौका नहीं मिला। भ्रष्टाचार करने वालों का कभी कुछ बिगड़ता नहीं है, जिससे अब हौसले ओर बुलंद हो गए हैं।
बूंदाबांदी में ही उखड़ गई सड़के
श्रीडूंगरगढ़ में कालुबास, बिग्गाबास, मोमासर बास, आडसर बास में पीडब्ल्यूडी (सार्वजनिक निर्माण विभाग) द्वारा मुख्यमंत्री योजना से कई सड़को का निर्माण हुआ है। निंद्रा में लीन विभाग की बन्द आंखों का फायदा ठेकेदारों ने उठाया और सड़कों के निर्माण में लीपापोती ही नही बरती अपितु सड़कें ही लीपापोती से बना दी। मोमासर बास में वाल्मीकि मुक्तिधाम के आगे की सड़क हो या फिर बिग्गाबास की श्याम मंदिर की सड़क। कालुबास में मालू भवन के पीछे खेताराम जी मोहता के घर के आगे से सड़क हो या फिर आडसर बास की दादोसा मंदिर व नामदेव धर्मशाला की सड़क।
बूंदाबांदी ने खोल दी भ्रष्टाचार की पोल
पीडब्ल्यूडी (सार्वजनिक निर्माण विभाग) ने मुख्यमंत्री योजना से शहर में कई डामर की सड़कें बनाई है। इन सड़कों का निर्माण बेहद ही घटिया स्तर का हुआ है। ना तो सड़को का लेवल निकाला गया और ना ही कॉन्क्रीट डालने के बाद इस पर रोलर चलाया गया। सड़क पर डामर को सिर्फ लीपा गया है। हालात ये है कि एक महीने पहले बनी ये सड़के हल्की बूंदाबांदी में ही उखड़ गई।

कस्बे के आडसर बास में नामदेव धर्मशाला के आगे एक महीने पहले निर्मित सड़क के डामर की परत ने अपने पहले सावण की बारिश का भी इंतज़ार नहीं किया और हल्की बूंदाबांदी से ही उखड़ गई। मोहल्लेवासियों ने बताया कि निर्माण के समय ही इनकी शिकायते उपस्थित ठेकेदार को की गई थी लेकिन उनके कान और आंख दोनों ही बन्द थे। सड़क निर्माण में भयंकर लापरवाही बरती गई जिससे सड़क पहली बूंदाबांदी में ही उखड़ गईं। इस सड़क में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था जिसका विरोध करने पर ठेकेदार ने संतलाल कुदाल के घर के आगे से छगनलाल पलोड़ के घर तक लगभग 200फुट की सड़क बीच मे ही छोड़ दी। वहां आज भी बिना डामरीकरण की सड़क छोड़ी हुई है।

कमोबेश यही स्थिति बिग्गाबास के श्याम मंदिर के आगे बनी सड़क की है। मोहल्लेवासियों ने बताया कि सड़क निर्माण के वक्त ना इसपर रोलर चलाया गया और ना ही मुरम और कॉन्क्रीट तरीके से बिछाई गई। विरोध करने पर सड़क का निर्माण भी पूर्ण नही हुआ।
मोमासर बास व कालुबास की सड़कों की स्थिति भी लगभग एक जैसी ही है। ये महीने भर पहले बनी सड़के इन दिनों हो रही हल्की बूंदाबांदी में ही उखड़ गयी है तो आगे इनका क्या भविष्य होगा ये किसी से भी छुपा हुआ नहीं है। जिम्मेदारों एवं विभाग ने तो जैसे आंखे ही बन्द कर रखी है।
नाली बन गयी, टेंडर अब
वैसे तो ये आम बात है कि कभी कभी बेहद आवश्यक होने पर सड़को का पेचवर्क, नाली का क्रॉस निर्माण या फिर मरम्मत योग्य नालियों का कार्य पहले करा लिया जाता हैं और टेंडर प्रक्रिया बाद में की जाती है क्योंकि टेंडर प्रक्रिया में लगने वाले समय का इंतजार ना करके जनहित के लिए जरूरी कार्य का निष्पादन तुरंत कर लिया जाये तो आमजन को परेशानी नहीं होती।
लेकिन जब पर्याप्त समय हो और टेंडर प्रक्रिया भी जारी की जा सकती हो तो पहले निर्माण संशय ही पैदा करता है। कल 9 जुलाई को श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका द्वारा जारी निविदा में वार्ड 31 में चोखाराम के घर से पप्पूराम मीणा के घर तक के नाली निर्माण को शामिल किया गया है। जबकि ये निर्माण कार्य सम्पन्न भी हो चुका है। गली के वाशिंदों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा बनाई गई इस नाली में पुर्व में निर्मित नाली की पट्टियों को ही लगा दिया गया है। नाली निर्माण में घोर लापरवाही बरती गई है। नाली की गहराई नहीं होने के कारण नाली का पानी सड़क पर ही पसरा रहता है।

