The Khabar Xpress 07 जुलाई 2025। सरकारी आदेशो की धज्जियां कैसे उड़ाई जाती है ये हमारे शहर श्रीडूंगरगढ़ में आम है। चाहे यातायात व्यवस्था हो या मुख्य बाजार में वाहनों के बेतरतीब खड़े रहने की या फिर दुकानों के आगे मुख्य सड़क पर हो रखे अतिक्रमणों की। यहाँ प्रशासन की आंखे बंद ही रहती है।
श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के घुमचक्कर एवं मुख्य बाजार में देर रात तक शराब बिक्री का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गांधी पार्क, सीनियर बालिका विद्यालय, सरकारी व निजी अस्पतालों के नजदीक स्थित शराब की दुकान को लेकर स्थानीय दुकानदारों और मोहल्लेवासियों ने पहले भी विरोध जताया था, लेकिन प्रशासन ने इन आपत्तियों को दरकिनार करते हुए ठेका खुलवा दिया।
अब स्थिति यह है कि रात 8 बजे के बाद भी ये शराब के ठेके खुलेआम चालू रहते है, जिससे आसपास का माहौल प्रभावित हो रहा है। खासकर गांधी पार्क स्थित शराब ठेके से विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं, अस्पताल आने-जाने वाले मरीजों व तीमारदारों और बाजार के सामान्य खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने सवाल उठाया है कि जब नियमों के अनुसार शराब बिक्री के समय निर्धारित हैं, तो फिर इन ठेकों को विशेष छूट क्यों ? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे या विरोध की प्रतीक्षा कर रहा है ?
शांति-सुरक्षा और सामाजिक वातावरण को देखते हुए मोहल्लेवासी ठेके को तत्काल स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं।
आश्चर्य तब होता है जब गत वर्ष मुख्य बाजार में इसी जगह आवंटित ठेके को परमिशन नहीं मिली थी तो अब इस वर्ष इसे कैसे अनुमति मिली। क्या प्रशासन भी रसूख देखकर ही अपनी कार्यवाही करता है…?
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