The Khabar Xpress 19 जून 2025। राजस्थानी में एक कहावत है कि जद बाड़ ही खेत न खावण लाग ज्यावे जणा बी खेत रो रुखाळो कुण है…? यही कहावत श्रीडूंगरगढ़ के निर्वाचित जनप्रतिनिधि चरितार्थ कर रहे है। जब हमारे द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि ही ऐसा करेंगे तो दूसरो को तो क्या ही कहा जाये।
भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका से नित नए खुलासे होते रहते है। मामला जमीन से जुड़ा हुआ है और बड़ा भी है। नगरपालिका की बेशकीमती जमीन का निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने पहले तो पट्टा बनाया फिर उसका बेचान भी कर दिया।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पट्टा अभियान में भाजपा पार्षद प्रतिनिधि गोपाल प्रजापत द्वारा 483.09 एवं 464.60 वर्गमीटर का पट्टे बना लिये गये। भ्रष्टाचार कितना चरम स्तर पर था इससे पता चलता है कि इन पट्टों को नगरपालिका अध्यक्ष मानमल शर्मा और नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी जारी किया गया है। इन पट्टो की जानकारी निकालने पर पता चला है कि ये पट्टे नानू देवी चांडक स्कूल के पीछे कॉलेज परिसर के पास नगरपालिका की बेशकीमती जमीन पर बना दिये गए है। इन दोनों के अलावा मोहम्मद जमील के नाम से 232 वर्गमीटर और अब्बास/मोहम्मद अली का 292 वर्गमीटर के भी पट्टे बना दिये।
देखे पट्टो का ब्यौरा…


अभी तो कहानी बाकी है…
कहानी पट्टो के बनने पर ही समाप्त नही होती। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा तो तब हो गयी जब कौड़ियों के भावों में बने इन पट्टो का लाखो रुपये में बेचान भी कर दिया गया। मोहम्मद जमील और अब्बास के नाम से बनाये गए पट्टो को भाजपा पार्षद प्रतिनिधि गोपाल प्रजापत द्वारा मुख्तार आम बनकर लाखो रुपयों में बेचान भी कर दिया और नोखा के निवासी को बेच दिया।
जनता ने जिन जनप्रतिनिधियों को अपने खैरख्वाह बनाकर भेजे थे वे खुद ही भक्षक बने गए है तो फिर इस शहर की निगरानी कौन करेगा।
देखे फोटो…


बेचान पत्र…
