




The Khabar Xpress 23 जनवरी 2025। श्रीडूंगरगढ़ के मोमासर गांव में पुर्व सरपंच स्व. रामूराम गोदारा द्वारा नियम विरुद्ध जारी किए गए पट्टों को न्यायालय अतिरिक्त जिला कलेक्टर दुलीचन्द मीणा ने निरस्त कर दिए है। प्रार्थी दानाराम जाट एवं भंवरलाल जाट ने बताया कि पूर्व सरपंच रामूराम गोदारा ने अपने परिजनो एवं नजदीकी लोगों को पंचायत राज अधिनियम एवं कानून के विपरीत 19 लोगों को व्यवसायिक भूमि को रिहाहसी भूमि मानते हुए उनके पुराने कुब्जे मानकर बिना आपति एवं बिना नोटिस ही ये पट्टे जारी कर दिए। उन्होंने बताया कि जिस भूमि को नियमो को ताक पर रखकर पट्टे जारी किए गए थे जो कि मुख्य बाजार की करोड़ो रुपयों की भूमि है। जिन्हें कौड़ियों के भाव पर दे दिया गया। उन्होंने बताया कि ये सभी पट्टे की पत्रावली एक ही दिन में कम्प्यूटर से तैयार किये गए थे जिनमें सिर्फ पट्टाधारक का नाम एवं दिनांक हाथ से लिखे गए थे। पत्रावली में भी कई कॉलम खाली पड़े है।
इन्हें जारी किए गए थे पट्टे…
गोपालराम पुत्र खेताराम गोदारा, लूणाराम पुत्र खेताराम गोदारा, बीरबल राम पुत्र लूणाराम गोदारा, मनीराम पुत्र बेगाराम गोदारा, हुणताराम पुत्र मंगलाराम गोदारा, ओमप्रकाश पुत्र दुलाराम शर्मा, चनणाराम पुत्र रेवंतराम गोदारा, ज्ञानीराम पुत्र पन्नाराम सुथार, सुगनाराम पुत्र हरखाराम गोदारा, प्रभुराम पुत्र लूणाराम गोदारा, सांवरमल पुत्र भीखाराम गोदारा, केसराराम पुत्र हिम्मताराम गोदारा, बाबूलाल पुत्र मोटाराम सारण, किसनलाल पुत्र पन्नाराम सारण, राजूराम पुत्र नारायणराम सहु, गोपालराम पुत्र खेताराम गोदारा, जगदीश पुत्र रामेश्वर लाल गोदारा, सांवरमल पुत्र हीराराम खटीक एवं खुमाणा राम पुत्र सुरजाराम सुथार के नाम से पट्टे जारी किये गये थे जिनको खारिज किया गया है।
कस्बे के मुख्य बाजार में जारी दुकानो के पट्टो का भी हुआ था विरोध
श्रीडूंगरगढ़ कस्बे की मुख्य बाजार स्थित दुकानों के भी पट्टे जारी करने के बाद नगरपालिका के इस कृत्य का विरोध हुआ था। इन पट्टो को भी नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी के एकल हस्ताक्षर पर जारी किया गया था। न्यायालय के इस फ़ैसले के बाद एक आस जगी है कि अब इन नियम विरुद्ध जारी हुए पट्टो का भी फैसला जल्द ही आये…

