



The Khabar Xpress 23 दिसम्बर 2024। पुर्व सरकार द्वारा बजट में स्वीकृत और पूर्व विधायक द्वारा आनन फानन में रखी गयी श्रीडूंगरगढ़ ट्रॉमा सेंटर की नींव का पत्थर भी अब अपने आपको कोस रहा होगा कि ना जाने वो कौनसा मुहूर्त था जब मुझे इस धरा में आमजन हिताय आनन फानन में ही दबाया गया था जो आज भी अपने निर्माणकर्ताओं की बाट देख रहा है।
बेसमेंट का निर्माण सरकार कराये और चारदीवारी व जमीन की मिट्टी भरती भी सरकार कराये : दानदाता
सरकार द्वारा स्वीकृत श्रीडूंगरगढ़ के ट्रॉमा सेंटर को एक साल से ऊपर हो गया है। हालात ये है कि जो ट्रॉमा सेंटर लोगो की पीड़ा हरने के लिये बनाया जाना था वो स्वयं ही पीड़ा में है। सरकार दानदाताओं को बार बार आग्रह कर रही है कि वे सरकारी नॉर्म्स और मांग के अनुसार ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कराये वहीं दानदाता अड़े हुए है कि उन्हें अपनी शर्तो पर ही निर्माण करना है। 26 अगस्त 2024 के एक पत्र सामने आया है जिसमे श्रीडूंगरगढ़ के उपजिला अस्पताल के मुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दानदाताओं द्वारा एक पत्र लिखा गया। पत्र में दानदाताओं ने जिला प्रशासन पर ही आरोप लगाया है कि वे अनुबंध नहीं कर रहे है और उन्हें हतोत्साहित कर रहे है।
दानदाताओं ने स्पष्ट लिख दिया है कि वे ट्रॉमा सेंटर का निर्माण करने के लिए सहमत है। अगर सरकार बेसमेंट बनाना चाहती है तो खुद अपने मद से बनाये और जमीन की गहराई की भरती व चारदीवारी निर्माण भी सरकार करवाकर देवे। इसके बाद ही कार्य शुरू होना है।


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सरकार व विभाग की मांग ट्रिपल स्टोरी की, बेसमेंट जरूरी
बीकानेर के सीएमएचओ राजेश गुप्ता ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ ट्रॉमा सेंटर के निर्माण में देरी दानदाताओं द्वारा सरकारी नॉर्म्स और विभागीय प्रस्ताव द्वारा निर्माण कार्य नहीं करने के कारण हो रही है। विभाग दानदाताओं से लगातार पत्राचार के द्वारा संपर्क कर सरकारी नॉर्म्स के अनुसार इसका निर्माण जल्द से जल्द शुरू करवाने के पक्ष में है लेकिन दानदाताओं ने अभी तक इसकी स्वीकृति नहीं दी है। ये निर्माण कार्य सिर्फ दानदाताओं के कारण ही अटक रहा है। प्रशासन दानदाताओं से हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तैयार है बशर्ते निर्माण सरकारी नॉर्म्स और विभागीय प्रस्ताव के आधार पर हो। दानदाताओं को पूर्व सरकार में हुए पत्राचार में भी ट्रिपल स्टोरी के बारे में लिख दिया गया था।


विभाग द्वारा पूर्व कांग्रेस सरकार के समय ही 6 सितंबर और 9 सितंबर 2023 को लिखे पत्रों में स्पष्ट उल्लेख कर दिया गया था कि भवन निर्माण की सम्पूर्ण लागत दानदाता वहन करेगा औऱ सरकार कोई भी वित्तीय भार वहन नहीं करेगी और दानदाता को उपजिला अस्पताल व ट्रॉमा सेंटर सरकार के निर्धारित मापदंड के अनुसार करना होगा। जिसकी लागत उपजिला अस्पताल की 40.93 करोड़ एवं ट्रॉमा सेंटर की लागत 2.10 करोड़ के साथ कुल लागत 43.03 करोड़ होगी। लेकिन दानदाताओं द्वारा 26 अगस्त 2024 (ऊपर पत्र दिया गया है।) को सरकार को लिखा गया है जिसमे दानदाताओं ने सरकार को लिखा है कि बेसमेंट और जमीन की मिट्टी भराई सरकार अपने मद से करे। जबकि पूर्व में हुए MoU में एवं अन्य पत्रों में इसका कोई उल्लेख नही है।
धरनार्थियों का दोषी कौन…?
इस कड़कड़ाती ठंड में भी पिछले लंबे समय से श्रीडूंगरगढ़ के युवा राजेन्द्र स्वामी की अगुवाई में चल रहे युवाओं के धरने में शामिल धरनार्थियों को भी सोचना चाहिए कि धरना किसके खिलाफ लगाए..? ट्रॉमा सेंटर निर्माण में हो रही देरी का असली दोषी कौन है ? धरनार्थी स्वविवेक से तय करके ये फैसला करे कि उन्हें धरना किसके खिलाफ लगाना है ? जबकि प्रशासन ने कई पत्रों के बाद 22 अगस्त को दानदाता को लिखे पत्र में लिखा है कि विभागीय निर्देशो के अनुसार एवं PWD के मापदंडों के अनुसार ट्रिपल स्टोरी उपजिला चिकित्सालय व ट्रॉमा सेंटर भवन निर्माण करवाने में सहमत है या नहीं आप 5 दिवस में विभाग को जानकारी देवे।

