



The Khabar Xpress 17 दिसम्बर 2024। अजेय योद्धा महाराजा सूरजमल का 261वां बलिदान दिवस आगामी 25 दिसम्बर को मनाया जायेगा। महाराजा सूरजमल के 261वें बलिदान दिवस पर 5th नेशनल शूटिंग वॉलीबॉल प्रतियोगिता का शानदार आगाज होटल गंगा रिसोर्ट जयपुर जोधपुर बायपास बीकानेर में होगा। जाट महासभा की युवा महिला प्रदेशाध्यक्ष और कांग्रेस नेत्री नीरू चौधरी ने बताया कि इस जाट महाराजा के सामने मुगल थर थर कांपते थे। राजस्थान के भरतपुर के संस्थापक सूरजमल जाट की वीरता की कहानियां आज भी गर्व के साथ जाट समाज सुनता और सुनाता है। आजीवन अजेय रहे महाराजा सूरजमल जाट ने करीब 80 युद्ध लड़े थे और सभी युद्धों को जीतकर वीरता की मिसाल कायम की थी।
महाराजा सूरजमल कुशल योद्धा थे। अहमद शाह अब्दाली जब चौथी बार भारत को लूटने आया था, तो उसने महाराजा सूरजमल जाट से भी समर्पण को कहा था लेकिन बदले में खुद को रेगिस्तान का शासक बताते हुए सूरजमल ने एक पत्र लिखा। इस पत्र में पूछा गया था कि इतना बड़ा राजा अब एक गरीब इलाके के शासक से लड़ेगा क्या ? उन्होंने कहा था कि वो अहमद शाह अब्दाली के प्रस्ताव को अपनाकर उनके साथियों का सम्मान कम नहीं होने देंगे और आत्म समर्पण नहीं करेंगे।
बिना सोचे विचारे कुछ ना करने और बोलने वाले महान जाट महाराजा सूरजमल जाट को भारत का प्लेटो (प्राचीन यूनानी दार्शनिक) और जाट समुदाय का ओडीसियस यानि की (प्राचीन ग्रीक राजा और होमर की पुस्तक ‘इलियद’का किरदार) भी कहा जाता रहा है।
नीरू चौधरी ने कहा कि “राजा झुके, झुके मुगल अंग्रेज, झुका गगन सारा। सारे जहां के शिश झुके, झुका न कभी सूरज हमारा।”
प्रतियोगिता में शामिल होगी अनेक राज्यो की टीमें
नीरू चौधरी ने बताया कि 25 दिसम्बर को होने वाले इस शानदार अंतर्राज्यीय आयोजन में देश-प्रदेश की टीमें हिस्सा लेगी और कई नामी-गिरामी खिलाड़ी अपने खेल कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
आयोजन होगा विशाल, 10 टीमें कर रही राज्यों में प्रचार
नीरू चौधरी ने बताया कि आयोजन को भव्य और विशाल बनाने के लिए 10 अलग अलग टीमें बनाकर राजस्थान ही नहीं अपितु देश के अनेक राज्यो में प्रचार के लिये निकली हुई है। बीकानेर ही नहीं वरन सम्पूर्ण प्रदेश में ये आयोजन अपनी अलग छाप छोड़ी ऐसा हम सव्ही का प्रयास रहेगा।
जाट महासभा की युवा महिला प्रदेशाध्यक्ष नीरू चौधरी ने कहा कि महाराजा सूरजमल के जीवन चरित्र से हर हिंदुस्तानी को वीरता, साहस, निडरता के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की प्रेरणा मिलती है। और उनके जीवन चरित्र से हम सभी को सीख लेनी चाहिए कि हम एक स्वस्थ समाज की स्थापना करें और उनके वैचारिक मूल्यों को आज के युवा वर्ग में फलीभूत करें।

