



The Khabar Xpress 17 अक्टूबर 2024। श्रीडूंगरगढ़ में ट्रॉमा का ड्रामा खत्म ही नहीं हो रहा है। श्रीडूंगरगढ़ में बढ़ती दुर्घटनाओं और जरूरतों को देखते हुए हर क्षेत्रवासी चाहता है कि कस्बे में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण जल्द से जल्द हो। गत विधानसभा चुनावों से ठीक पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने श्रीडूंगरगढ़ में ट्रॉमा सेंटर के निर्माण की घोषणा की थी। श्रीडूंगरगढ़ के तत्कालीन विधायक गिरधारीलाल महिया ने विधानसभा चुनावों को देखते हुए आनन फानन में भामाशाह को तैयार कर इसका शिलान्यास भी कर दिया था। लेकिन आज तक शिलान्यास के बाद इस ट्रॉमा सेंटर के निर्माण में विभागीय स्तर पर कार्यवाही के अतिरिक्त कुछ भी नहीं हुआ है।

विशेष
नगरपालिका का महत्वपूर्ण निर्णय

जव इस ट्रॉमा सेंटर की घोषणा तत्कालीन राज्य सरकार ने की तब शहर के वाशिंदों के मन में सिर्फ एक ही विचार आया कि क्यों नहीं इस ट्रॉमा सेंटर का निर्माण शहर के नजदीक स्थित वो भूमि जो दो संप्रदायों के बीच कलह का कारण बनी हुई है उस पर किया जाए। आमजन की भावना का आदर रखते हुए दोनों संप्रदायों ने विवादग्रस्त भूमि पर ट्रॉमा निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी। नगरपालिका अध्यक्ष मानमल शर्मा ने तुरंत कार्यवाही करते हुए स्वास्थ्य विभाग को इस जमीन का पट्टा भी जारी कर दिया।

सरकार और भामाशाह परिवार ने किया निर्माण का MoU
श्रीडूंगरगढ़ ने मामा भांजा की भामाशाह जोड़ी श्री रामकिशन श्रीकिशन बाहेती और पवन प्रकाश चांडक ने इस ट्रॉमा सेंटर के निर्माण की जिम्मेदारी ली और इनके प्रतिनिधि के रूप में तत्कालीन विधायक के नेतृत्व में हरिकिशन बाहेती ने विभाग के साथ 09 मई 2023 को ट्रॉमा सेंटर निर्माण का MoU किया।
हाथी घोड़ा पालकी जय गिरधारीलाल की
इस ट्रॉमा सेंटर की घोषणा और इसके निर्माण के लिये भामाशाह की स्वीकृति ने तत्कालीन विधायक गिरधारीलाल महिया को शहरी क्षेत्र में अपनी राजनीति पैठ जमाने का भरपूर अवसर दिया जिसको भुनाते हुए पूर्व विधायक ने “हाथी घोड़ा पालकी, जय गिरधारीलाल की” करते हुए गाजे बाजे और हाथी की सवारी करके पूरे कस्बे में जुलूस निकाला। ट्रॉमा सेंटर निर्माण का सेहरा बंधने से छूट ना जाये इसलिए विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से पूर्व ही पूर्व विधायक ने 5 अक्टूबर 2023 को शिलान्यास कर दिया। यानी कि आज ट्रॉमा सेंटर के शिलान्यास को एक साल से ऊपर हो चुका है लेकिन स्थिति वहीं की वहीं है।
क्यों लटक रहा है ट्रॉमा सेंटर..?
ट्रॉमा सेंटर की घोषणा के बाद निर्माण में आगे आये भामाशाह श्री रामकिशन श्रीकिशन बाहेती और पवन प्रकाश चांडक का आभार हर कस्बेवासी ने किया। लेकिन अब तक एक साल के बाद भी ट्रॉमा सेंटर का निर्माण ना होना आमजन के लिए दुखदाई तो है ही साथ ही हर कोई जानना चाहता है कि ये बन क्यों नही रहा है ?
भामाशाह श्री रामकिशन बाहेती का कहना है कि जब पूर्ववर्ती सरकार ने MoU किया था तब ट्रॉमा सेंटर के ग्राउंड फ्लोर और पहले तल्ले के ही निर्माण की स्वीकृति बनी थी। जो दोनों तल मिलाकर लगभग 10651.37 वर्गमीटर थी। पूर्व विधायक द्वारा जमीन की सड़क से गहराई की स्थिति को देखते हुवे इस जमीन की रेत से भरती और चारदीवारी की मौखिक स्वीकृति दी थी। भामाशाह बाहेती का कहना है कि अब वर्तमान सरकार द्वारा ग्राउंड फ्लोर और प्रथम तल के अलावा बेसमेंट निर्माण की भी शर्त रखी जा रही है जो कि उचित नहीं है। हम पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पारित किए गए नक्शे के आधार पर निर्माण करवा सकते है। नए नक्शे के हिसाब से इसका बजट भी बढ़ रहा है जबकि पूर्ववर्ती सरकार का बजट कम था। हमने सरकार को इस नए निर्माण के लिये असहमति दी है। बाहेती ने बताया कि हमने सरकार को लिखित में जवाब दिया है कि पूर्व नियोजित नक्शे के अलावा सारा निर्माण सरकारी मद से किया जाए। हमारी वार्ता विभाग के साथ चल रही है।
विभाग का ये है कहना
बीकानेर सीएमएचओ राजेश गुप्ता ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने पीएचईडी अधीक्षण अभियंता के साथ ट्रॉमा सेंटर की प्रस्तावित भूमि का पुनः सर्वे किया और भविष्य के लिए उन्होंने जिला कलेक्टर को उक्त ट्रॉमा सेंटर में भूमिगत तल के निर्माण का प्रस्ताव रखा। स्वास्थ्य विभाग ने 22 अगस्त 2024 को भामाशाह को भूमिगत तल की निर्माण स्वीकृति के लिये पत्र लिखा लेकिन भामाशाह ने पूर्व पारित नक्शे के आधार पर ही निर्माण करने की सहमति दी। बाकी किसी भी निर्माण को सरकार द्वारा सरकारी मद से करने की बात कही गयी। बीकानेर स्वास्थ्य विभाग ने एनएचएम को भामाशाह परिवार की असहमति का पत्र 9 सितम्बर 2024 को लिखकर आगे के निर्देश मांगे है।

पूर्व में भी भामाशाह परिवार के हरिकिशन बाहेती के साथ जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने मुलाकात करके सरकार द्वारा नए संशोधन के साथ पारित नक्शे के आधार पर ही निर्माण करने की चर्चा की गई जिसको भामाशाह परिवार ने नकार दिया।
ट्रॉमा सेंटर के निर्माण की घोषणा होने के बाद राज्य सरकार द्वारा भूमि पर निर्माण की परख की जा चुकी है। बीकानेर जिला कलेक्टर के निर्देश पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने भूमि निर्माण पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर भविष्य की योजनाओं को दृष्टिगत रखते हुए भूमिगत तल में पार्किंग, स्टोर एवं चिकित्सीय प्रयोगशाला के निर्माण का प्रस्ताव रखा था।

ये है MoU में
स्वास्थ्य विभाग के साथ जब 9 मई 2023 को ट्रॉमा सेंटर निर्माण का MoU पर हस्ताक्षर किए गए थे तब सरकार ने MoU में स्पष्ट रूप से लिखा था कि ट्रॉमा सेंटर के निर्माण में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन या संशोधन जो भी होगा वो निर्माणकर्ता को करवाना होगा। लेकिन अब भामाशाह परिवार किसी भी प्रकार के नव संशोधित निर्माण पर अपनी असहमति जता रहे है।
आप भी देखे MoU…


वर्तमान विधायक ताराचंद सारस्वत ने बताया कि क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार ट्रॉमा सेंटर का होना बेहद जरूरी है। भामाशाह को हर सम्भव सहयोग किया जाएगा। भामाशाह सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप निर्माण करते है तो इसके निर्माण की स्वीकृति जल्द से जल्द भामाशाह को मिले इसके लिए मुख्यमंत्री जी से भामाशाह परिवार के साथ मिलकर निर्माण स्वीकृति जारी करवाऊंगा। क्षेत्र के हर आम आवाम की जरूरत है ये ट्रॉमा सेंटर। इसका निर्माण जल्दी होना चाहिए।
ट्रॉमा सेंटर निर्माण की देरी पर फिर सिक रही राजनैतिक रोटियाँ
अब जैसे जैसे पंचायतीराज चुनाव और नगरपालिका के चुनाव नजदीक आ रहे है, ट्रॉमा सेंटर का जिन्न एक बार फिर से बोतल से बाहर निकला है। राजनैतिक दलों द्वारा इसको मुद्दा बनाने की कोशिश की जाएगी। अभी 13 अक्टूबर को पूर्व विधायक द्वारा एक मीटिंग की गई जिसमें ट्रॉमा सेंटर के निर्माण में हो रहे विलम्ब के खिलाफ आंदोलन करने का प्रस्ताव रखा गया। वहीं कुछ सामाजिक कार्यकर्ता उपखण्ड कार्यालय के आगे ट्रॉमा निर्माण तक धरना दे रहे है।

