



The Khabar Xpress 12 अक्टूबर 2024। थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है। यह शरीर की एंडोक्राइन प्रणाली का हिस्सा है और हार्मोन उत्पादन में अहम भूमिका निभाती है। थायराइड हार्मोन शरीर की ऊर्जा के उपयोग को कंट्रोल करते हैं। ये हार्मोन यह सुनिश्चित करते हैं कि शरीर कितनी तेजी से कैलोरी बर्न कर रहा है और शरीर कितनी तेजी से काम कर रहा है। थायराइड ग्रंथि में असंतुलन का असर शरीर के कई हिससों पर पड़ता है। कुछ लोगों का मानना है कि थायराइड के कारण हड्डियों में दर्द होता है। लेकिन क्या वाकई थायराइड और हड्डियों में दर्द के बीच कोई कनेक्शन है ? इसके बारे में बता रहे है संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी, श्रीडूंगरगढ़ के फिजिशियन डॉक्टर हिरामनाथ सिद्ध..
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क्या हड्डियों में दर्द का कारण है थायराइड ?

थायराइड के कारण हड्डियों में दर्द हो सकता है। थायरॉइड ग्रंथि शरीर में हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इससे संबंधित समस्या, हड्डियों को प्रभावित कर सकती है। थायरॉइड दो प्रकार होते हैं- हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरॉइडिज्म। दोनों ही स्थितियों का हड्डियों और मांसपेशियों पर अलग-अलग प्रभाव होता है।
हाइपोथायरॉइडिज्म के कारण हड्डियों में दर्द होता है-
थायराइड का एक प्रकार- हाइपोथायरॉइडिज्म एक ऐसी स्थिति है, जिसमें थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है। इसका असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है और शरीर के विभिन्न अंगों के कार्य धीमे हो जाते हैं। जब थायरॉइड हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, तो इससे मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है। हाइपोथायरॉइडिज्म से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इससे चलने, उठने-बैठने या सामान्य काम करने में भी दिक्कतें हो सकती हैं। जोड़ों में सूजन और जकड़न भी हो सकती है, जो हड्डियों में दर्द का कारण बनती है। हाइपोथायरॉइडिज्म नसों को भी प्रभावित कर सकता है। नसों के दबाव और थकान से हड्डियों और जोड़ों में दर्द हो सकता है। अगर हाइपोथायरॉइडिज्म लंबे समय तक बिना इलाज के रहता है, तो इससे हड्डियों की बोन डेंसिटी कम हो सकती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है।
हाइपरथायरॉइडिज्म और हड्डियों में दर्द-
हाइपरथायरॉइडिज्म तब होता है, जब थायरॉइड ग्रंथि अधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करती है। इससे शरीर की मेटाबॉलिज्म दर बढ़ जाती है और शरीर के विभिन्न अंग तेजी से काम करने लगते हैं। हाइपरथायरॉइडिज्म के कारण भी हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। थायरॉइड हार्मोन के ज्यादा होने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इससे हड्डियों और जोड़ों में तनाव और दर्द होता है। मांसपेशियों की कमजोरी से व्यक्ति को चलने-फिरने में मुश्किल हो सकती है, जिससे जोड़ों पर दबाव बढ़ता है और हड्डियों में दर्द होता है। हाइपरथायरॉइडिज्म के कारण शरीर में कैल्शियम का स्तर प्रभावित हो सकता है। जब शरीर में ज्यादा थायरॉइड हार्मोन होता है, तो हड्डियों से कैल्शियम का बाहर निकलना तेज हो जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें दर्द होता है।
थायराइड में हड्डियों के दर्द से कैसे बचें ?
- थायराइड में दवाओं को समय पर और सही तरीके से लेना जरूरी है, ताकि हार्मोन का स्तर संतुलित रहे और हड्डियों पर इसका खराब प्रभाव न पड़े।
- थायराइड की समस्या से हड्डियों की कमजोरी से बचने के लिए कैल्शियम और विटामिन-डी युक्त आहार का सेवन करें, जैसे दूध, पत्तेदार सब्जियां आदि।
- पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लें, जिसमें प्रोटीन, फल, सब्जियां और हेल्दी फैट्स शामिल हों, ताकि शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलें और हड्डियां स्वस्थ रहें।
- धूम्रपान और ज्यादा शराब का सेवन हड्डियों को कमजोर कर सकता है। इसलिए इनसे बचना थायराइड में हड्डियों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
- समय-समय पर थायराइड हार्मोन के स्तर की जांच करवाते रहें ताकि हड्डियों को किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सके।
थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द का कारण बन सकता है। इसके साथ-साथ यह रक्तचाप, दिल की धड़कन, मानसिक स्वास्थ्य व याददाश्त को भी प्रभावित करता है। इसलिए स्वस्थ आहार, व्यायाम, और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करें।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

