



The Khabar Xpress 04 सितंबर 2024। पर्युषण महापर्व के चतुर्थ दिवस को वाणी संयम दिवस के रूप में श्रीडूंगरगढ़ सेवा केंद्र में मनाया गया। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका शासनश्री साध्वी कुंथुश्र ने उपस्थित श्रावक श्रविका समाज को वाणी संयम की महत्ता बताते हुए फरमाया की5 मौन सोना है । 12 वर्ष मौन करने से व्यक्ति को सिद्धि प्राप्त हो सकती है।
मौन से ऊर्जा का संचार होता है। मौन विश्राम है। हर समय मौन करना संभव नहीं है, बोलना भी आवश्यक है। कब बोलें, कैसे बोलें, कितना बोलें इन सब का प्रशिक्षण अवश्य लें। साध्वी ने समझाते हुए कहा कि हर व्यक्ति तीन फैक्ट्री अवश्य खोलें; मस्तिष्क में आइस फैक्ट्री, जुबान में शुगर फैक्ट्री और हृदय में लव फैक्ट्री ताकि लड़ाई झगड़े से बचा जा सके।
कार्यक्रम में साध्वी सरसप्रभा ने “मधुर भाषी बनना होगा” गीत का सुमधुर संगान किया। साध्वी ललितरेखा और सुमंगलाश्री ने वाणी संयम दिवस पर अपने सारगर्भित विचार रखें।


