



द खबर एक्सप्रेस 23 मार्च 2024। गत 8 मार्च को बाना निवासी प्रभुराम नायक ने श्रीडूंगरगढ़ पुलिस थाना में मुकद्दमा दर्ज करवाया था कि उसके भतीजे हेतराम पुत्र भंवरलाल नायक मोटरसाइकिल चलाकत लिखमादेसर से श्रीडूंगरगढ़ आते तरफ तोलियासर के पास पेट्रोल पंप के पास बोलेरो गाड़ी से टक्कर लगने पर अस्पताल लाया गया लेकिन उसकी मौके पर ही मौत हो गयी थी।
साला ही निकला बहनोई का हत्यारा
08.03.2024 को हुई इस का मुकदमें को 153/2024 जुर्म धारा 279.304 ए भादस में दर्ज कर अनुसंधान श्री रवीद्रसिह सउनि को सुपुर्द किया गया। अनुसंधान के दौरान हेतराम की पत्नी लाली का शव 12 मार्च को मिला। जिससे पुलिस को हत्या का संदेह हुआ और थानाधिकारी इंद्रकुमार के सुपरविजन में एसआई धर्मपाल, सऊनि रवीद्रसिह और कांस्टेबल श्रीमति घापा सारण, अनिल, राजवीर व गोगराज की टीम बनाकर केस के हर पहलू की सघनता से जांच की गई। संदेह के स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। संबंधित व्यक्तियों के कॉल डिटेल और सूचनाओं का संकलन करने पर इस पूरे प्रकरण का वो अनदेखा सच सामने आया जो कोई सोच भी नही रहा था। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की कड़ियाँ मिलाने पर इसे दोहरा हत्याकांड पाया। पूरा प्रकरण धारा 302, 201 का माना गया और इस घटना के मुख्य आरोपी लिखमादेसर निवासी मनोज पुत्र मोतीराम नायक को हिरासत में लिया गया।
घटना की प्रकृति से थानाधिकारी इंद्रकुमार को संदेह, पुलिस ने खोली परते…
श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी इंद्र कुमार ने बताया कि गत 8 मार्च को हुई सड़क दुर्घटना स्थल का जब मुआयना किया गया तब संदेह हुआ और प्रथम दृष्टया उन्हें ये एक्सीडेंट का मामला नहीं लगा। क्योंकि जिस मोटरसाइकिल का एक्सीडेंट हुआ बताया गया था उसका स्टैंड लगा हुआ था जबकि कोई भी दुर्घटनाग्रस्त दोपहिया वाहन का स्टैंड नही लगा रहा सकता। एक्सीडेंट होने के बाद भी मोटरसाइकिल पर किसी तरह के दुर्घटना के निशान नही दिख रहे थे और उसका केवल हेडलाईट का वायजर टूटा हुआ था। हेतराम की जेब मे पड़ा हरब का पव्वा भी एक्सीडेंट का बाद नही फूटा था। हेलमेट की स्थिति भी किसी भी प्रकार के एक्सिडेंट की ओर इशारा नही कर रही थी। ना ही सड़क पर दुर्घटना हो ऐसे कोई निशान थे। इन परिस्थितियों से उन्हें एक्सीडेंट की घटना पर संदेह हुआ और टीम को सभी प्रकार के साक्ष्य एकत्रित करने में लगा दिया।
दोहरा हत्याकांड: पहले मार पति ने पत्नी को, फिर पत्नी के भाई ने मार दिया अपने बहनोई को
थानाधिकारी इंद्रकुमार ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की जांच करने के बाद जो सच सामने आया वो कुछ इस तरह का था कि मृतक हेतराम और मृतक लाली दोनों पति-पत्नी थे। लाली का अपने भाई मनोज से प्रगाढता थी ओर दोनों की आपस मे खूब बनती थी। 8 मार्च को दोनों पति-पत्नी मनोज से मिलने के लिये आये और घुमचक्कर पर मुलाकात की। दोनों साले-बहनोई ने वहाँ पर शराब पी जिनके कारण हेतराम को उसकी पत्नी लाली ने उसे डाटा और दोनों में कहासुनी हुई। इसके बाद तीनों ही मोटरसाइकिल पर बैठ कर वहां से निकल गए। तोलियासर में हेतराम ने तीन शराब के पव्वे खरीदे और वही पर दोनों ने दो पव्वे भी लिए तथा हेतराम ने एक पव्वा अपनी जेब में डाल लिया। शराब पीने के कारण दोनों पति पत्नी में वहां पर कहासुनी हुई। तोलियासर से थोड़ा आगे निकलने पर मनोज पेशाब करने के लिये रुका और सड़क से थोड़ी दूर पेशाब करने के लिये सड़क से थोड़ा दूर निकल गया। इस दौरान दोनों पति पत्नी में फिर शराब को लेकर कहासुनी और झगड़ा हुआ तो हेतराम ने अपनी मोटरसाइकिल के वायजर में रखी लोहे के पाइप से अपनी पत्नी लाली के सिर में मार दी इससे डरकर लाली वहां से भागने लगी तो हेतराम ने सड़क पार लाली के भागते हुए भी सिर पर पाइप से मार दिया जिसके कारण लाली वही गिर गयी। लाली को वही छोड़कर वह वापिस मोटरसाइकिल के पास आगया। जहां मनोज ने पेशाब करने के बाद आकर पूछा कि इतना हल्ला क्यो कर रहे हो और लाली कहाँ है..? तो हेतराम ने इशारा करके उसके दूसरी तरफ पड़े होने का कह दिया। गुस्से में मनोज ने उसी पाइप से मनोज के भी मारी जिसके कारण वो वहीं मर गया। मनोज ने जब देखा कि हेतराम मर गया है तो उसने इस अपराध को छिपाने के लिए इसको एक एक्सीडेंट का रूप दे दिया। इतना सब करने के बाद भी अपराधी मनोज पुलिस की निगाहों से बच नही पाया और श्रीडूंगरगढ़ पुलिस ने इस दोहरे हत्याकांड पर से पर्दा उठा दिया।

पुलिस हिरासत में अपराधी मनोज

