



द खबर एक्सप्रेस 11 नवम्बर 2023। बच्चों में निमोनिया होने की ज्यादातर संभावना सर्दियों में रहती है। एक तरह से ये फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है जो अधिकतर वायरस, बैक्टीरियल और फंगस की वजह से होता है। जब किसी बच्चे की बॉडी में निमोनिया के कीटाणु अंदर आते हैं तो उनके शरीर की इम्यूनिटी उन कीटाणुओं से लड़ नहीं पाती है और बच्चों में निमोनिया की बीमारी हो जाती है। खासतौर पर सर्दियों में बच्चों की हेल्थ पर खास ध्यान रखना चाहिए। हालांकि, निमोनिया होने पर उपचार के बाद बच्चा 8 से 10 दिनों में सही हो जाता है।
बच्चों में निमोनिया के लक्षण
- खांसी ज्यादा होना
- सांस लेने में परेशानी
- तेज बुखार होना
- ज्यादा थकान रहना
- भूख न लगना
- ठंड और पसीना आना
- उल्टी और लूज मोशन
बच्चों को निमोनिया क्यों होता है
- समय पर जरूरी टीके न लगना
- बैक्टीरिया या वायरस के इंफेक्शन के कारण
- बच्चे की सांस की नली में परेशानी होने पर भी निमोनिया हो सकता है।
- सामान्य से कम वजन वाले बच्चों में निमोनिया हो सकता है।
निमोनिया से बचाने के उपाय
- इम्यूनाइजेशन (Immunization)
- न्यूमोकोकस वैक्सीन (Pneumococcal Vaccine)
- न्यूट्रिशन (NUTRITION)
- धूम्रपान न करें (Avoid Smoking)
- साफ-सफाई का ध्यान रखना (Hygiene)
पेरेंट्स अपने बच्चे के कपड़ों की सफाई का ध्यान रखें। सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें। उन्हें खूब पानी पीने की सलाह दें और सबसे अहम बात धूम्रपान करने वाले को घर या बच्चों के आस-पास स्मोकिंग करने से बचना चाहिए।
इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

